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Train Ticket Concession: सीनियर सिटीजन के लिए रेल किराए में छूट क्यों खत्म की, केंद्रीय मंत्री ने दिया ये जवाब

सीनियर सिटीजन को रेल किराए में छूट को खत्म करने के सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि लोगों ने खुद 'राहत' से इनकार किया था, इसलिए इसे खत्म किया गया है.

Why train ticket concession for senior citizens scraped, Gajendra Singh Shekhawat gave this reply
सीनियर सिटीजन के लिए रेल किराए में छूट क्यों खत्म की, केंद्रीय मंत्री ने दिया ये जवाब
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Published : Feb 11, 2023, 7:49 PM IST

Updated : Feb 11, 2023, 11:12 PM IST

वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन टिकट में छूट बंद की...

जोधपुर. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि रेलवे में सीनियर सिटीजन को मिलने वाली छूट सरकार ने इसलिए बंद कर दी कि कोरोना से पहले टिकट बनवाते समय लोगों से ऑप्शन में पूछा जाता था कि उन्हें रियायत चाहिए या नहीं? ज्यादातर लोग स्वेच्छा से रियायत नहीं लेने लगे. इसलिए यह राहत बंद की गई है. दरअसल शनिवार को केंद्र और राज्य के हाल ही में पेश किए गए बजट को लेकर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में उनसे पूछा गया था कि केंद्र के बजट से इस बार लोगों को उम्मीद थी की रेल में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट वापस शुरू होगी, लेकिन इसकी घोषणा क्यों नहीं हुई.

प्रेस कांफ्रेंस में उनसे गैस सब्सिडी और रेल किराए में छूट को लेकर सवाल किए तो इस पर शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोगों से 'गिवअप' करने के लिए प्रेरित किया था. जिसके चलते लोग खुद सब्सिडी छोड़ने लगे. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने गैस कंपनियों के 22000 करोड़ रुपए का घाटा भी पूरा किया है. अभी भी उज्जवला योजना में 200 रुपए की सब्सिडी दी जा रही है.

पढ़ें: वरिष्ठ नागरिकों को किराए में रियायत पर ये बोले रेल मंत्री, अजमेर को दी सौगातें...

राज्य के लिए गिनाए पानी, रेल और सड़क के काम: उन्होंने हनुमान बेनीवाल द्वारा पांच मंत्री होते हुए भी राज्य के लिए बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं करवा पाने के आरोप का जवाब भी दिया. उन्होंने कहा कि बजट में रेलवे के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रदेश में 8000 करोड़ रुपए पानी को लेकर 11000 करोड़ और सड़क विकास पर कई हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे, जो इसी बजट में घोषित किए गए हैं. उनसे पूछा गया कि प्रदेश के लिए कोई चुनावी साल में बड़ी घोषणा क्यों नहीं हुई, तो उन्होंने कहा कि बजट चुनाव को देखकर नहीं बनाया जाता.

पढ़ें: समीक्षा बैठक में सीएम गहलोत बोले- प्राइवेट अस्पतालों को नहीं देंगे लूट की छूट...परसादी लाल ने कही ये बड़ी बात

राज्य बजट को बताया चुनावी लॉलीपॉप: प्रदेश के बजट पर शेखावत ने कहा कि दुर्भाग्य है कि पहले तो मुख्यमंत्री पुराना बजट पढ़ते रहे और बाद में नया बजट पढ़ा. यह चुनावी लॉलीपॉप से ज्यादा कुछ नहीं है. एक भी नई भर्ती की घोषणा नहीं हुई. यही कारण है कि बजट के बाद कई अभ्यर्थी पानी की टंकी पर चढ़ गए. इतने पेपर लीक होने के बाद मुख्यमंत्री को ब्रह्म ज्ञान हुआ है, तब सुधार की बात कह रहे हैं. शेखावत ने कहा कि इन 4 सालों में गहलोत सरकार ने राजस्थान को आर्थिक को प्रबंधन का शिकार बनाकर हजारों करोड़ रुपए के घाटे में डाल दिया है. हर साल ख्याली आंकड़े पेश कर बजट घाटा बढ़ाते रहे.

वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन टिकट में छूट बंद की...

जोधपुर. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि रेलवे में सीनियर सिटीजन को मिलने वाली छूट सरकार ने इसलिए बंद कर दी कि कोरोना से पहले टिकट बनवाते समय लोगों से ऑप्शन में पूछा जाता था कि उन्हें रियायत चाहिए या नहीं? ज्यादातर लोग स्वेच्छा से रियायत नहीं लेने लगे. इसलिए यह राहत बंद की गई है. दरअसल शनिवार को केंद्र और राज्य के हाल ही में पेश किए गए बजट को लेकर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में उनसे पूछा गया था कि केंद्र के बजट से इस बार लोगों को उम्मीद थी की रेल में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट वापस शुरू होगी, लेकिन इसकी घोषणा क्यों नहीं हुई.

प्रेस कांफ्रेंस में उनसे गैस सब्सिडी और रेल किराए में छूट को लेकर सवाल किए तो इस पर शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोगों से 'गिवअप' करने के लिए प्रेरित किया था. जिसके चलते लोग खुद सब्सिडी छोड़ने लगे. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने गैस कंपनियों के 22000 करोड़ रुपए का घाटा भी पूरा किया है. अभी भी उज्जवला योजना में 200 रुपए की सब्सिडी दी जा रही है.

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राज्य के लिए गिनाए पानी, रेल और सड़क के काम: उन्होंने हनुमान बेनीवाल द्वारा पांच मंत्री होते हुए भी राज्य के लिए बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं करवा पाने के आरोप का जवाब भी दिया. उन्होंने कहा कि बजट में रेलवे के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रदेश में 8000 करोड़ रुपए पानी को लेकर 11000 करोड़ और सड़क विकास पर कई हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे, जो इसी बजट में घोषित किए गए हैं. उनसे पूछा गया कि प्रदेश के लिए कोई चुनावी साल में बड़ी घोषणा क्यों नहीं हुई, तो उन्होंने कहा कि बजट चुनाव को देखकर नहीं बनाया जाता.

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राज्य बजट को बताया चुनावी लॉलीपॉप: प्रदेश के बजट पर शेखावत ने कहा कि दुर्भाग्य है कि पहले तो मुख्यमंत्री पुराना बजट पढ़ते रहे और बाद में नया बजट पढ़ा. यह चुनावी लॉलीपॉप से ज्यादा कुछ नहीं है. एक भी नई भर्ती की घोषणा नहीं हुई. यही कारण है कि बजट के बाद कई अभ्यर्थी पानी की टंकी पर चढ़ गए. इतने पेपर लीक होने के बाद मुख्यमंत्री को ब्रह्म ज्ञान हुआ है, तब सुधार की बात कह रहे हैं. शेखावत ने कहा कि इन 4 सालों में गहलोत सरकार ने राजस्थान को आर्थिक को प्रबंधन का शिकार बनाकर हजारों करोड़ रुपए के घाटे में डाल दिया है. हर साल ख्याली आंकड़े पेश कर बजट घाटा बढ़ाते रहे.

Last Updated : Feb 11, 2023, 11:12 PM IST
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