जोधपुर. राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा 2021 के में जोधपुर के विश्वजीत सिंह जैतावत ने टॉप टेन में अपनी जगह बनाते हुए चौथा स्थान सुरक्षित किया है. जैतावत इससे पहले 2018 में भी आरएएस क्लियर कर चुके थे. उस समय उन्हें 281वां स्थान हासिल हुआ था. अभी तक उन्होंने दो बार आरएएस परीक्षा दिया है. दोनों बार उन्हें सफलता मिली है.
विश्वजीत का कहना है कि इस बार तैयारी से उम्मीद थी कि टॉप 50 में जगह बन जाएगी. लेकिन टॉप टेन में आना सुखद है. ईटीवी भारत से बातचीत में सोशल मीडिया के उपयोग पर उन्होंने कहा कि मैंने पूरे सवा दो साल सिर्फ उस स्थिति में इंटरनेट का इस्तेमाल किया जब मुझे कोई तथ्य ढूंढ़ने होते थे. इसके अलावा टेस्ट सीरीज के परिणाम के लिए सोशल मीडिया का उपयोग किया. जितना संयमित तरीके से इसका इस्तेमाल किया जाए, अच्छा है. जैतावत ने कहा कि आजकल रील देखने का समय है. एक रील कभी आपका ध्यान भंग कर सकती है.
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10 घंटे प्रतिदिन तैयारी के लिए दिए: 281वीं रैंक के साथ गत बार सहकारिता विभाग में उन्हें नियुक्ति मिली. जॉब के साथ तैयारी कर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है. जैतावत ने बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ सही गाइडेंस जरूरी है. स्प्रिंग बोर्ड की गाइडेंस ने मुझे बहुत आगे बढ़ाया. मुख्य परीक्षा से पहले चार माह की छुट्टी लेकर प्रतिदिन 10 घंटे पढ़ाई की. उससे पहले पांच घंटे दे रहा था. जैतावत के पिता कृषि विभाग में कार्यरत हैं, जबकि मां गृहणी हैं. एक बडे भाई भी जॉब करते हैं.
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पहला अटेंप सबसे महत्वपूर्ण: विश्वजीत का कहना है कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले के लिए पहला प्रयास सबसे महत्वपूर्ण होता है. क्योंकि इस दौरान हमारे अंदर जो उत्साह होता है अगर उसका सही इस्तेमाल हो जाए, तो निश्चित तौर पर सफलता मिल जाती है. इसलिए पहले अटेंप को गंवाना नहीं चाहिए. पूरे दमखम से परीक्षा देनी चाहिए.
लंबी अवधि को वरदान मानना चाहिए: आरपीएससी द्वारा आयोजित 2021 की परीक्षा करीब सवा दो साल में पूरी हुई है. इसमें प्री व मैन परीक्षा के बाद साक्षात्कार हुए. विश्वजीत के अनुसार आरपीएससी कोशिश कर रहा है कि यूपीएससी की तरह निर्धारित कलैंडर समय में परीक्षा पूरी हो जाए. लेकिन इस अवधि को परीक्षार्थियों को वरदान मानना चाहिए. संयम के साथ हौंसला बनाए रख कर तैयारी करनी चाहिए. यह आगे प्रशासनिक सेवा में भी काम आता है.