जोधपुर. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को सतलुज-यमुना लिंक (SYL) पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश अनुसार, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर चर्चा की है.
शेखावत ने कहा कि यह चर्चा सकारात्मक रही. इस विवाद के शीघ्र समाधान के लिए मंत्रालय और दोनों प्रदेश लगातार प्रयासरत हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कहा कि बैठक सकारात्मक रही. सतलुज-यमुना लिंक कनाल का मुद्दा 44 साल पुराना है. मार्च 1976 में केंद्र सरकार ने पंजाब के 7.2 मिलियन एकड़ फीट जल में से 3.5 मिलियन एकड़ फीट पानी हरियाणा को देने की अधिसूचना जारी की गई थी.
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 8 अप्रैल, 1982 को पटियाला में सतलुज-यमुना लिंक कनाल का उद्घाटन किया था. राजीव गांधी सरकार में कनाल निर्माण के फैसले को सहमति दी थी. हालांकि, ये फैसला समझौते के अनुसार लागू नहीं हुआ. साल 2018 में हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई. उसने अदालत से अनुरोध किया कि सतलुज-यमुना लिंक कनाल पर पंजाब के साथ जारी मतभेद पर जल्दी सुनवाई की जाए.
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11 जुलाई, 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, इस मुद्दे पर उसके फैसले का सम्मान करना और उसे लागू करना पंजाब और हरियाणा के लिए अनिवार्य है. इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को मध्यस्थता करने के लिए भी कहा था.