जोधपुर. कांग्रेस की ओर से देश में जातिगत जनगणना का मुद्दा जोर शोर से उठाया जा रहा है. सीएम गहलोत प्रदेश में भी जातिगत जनगणना करवाने की बात कह चुके हैं. वहीं, राहुल गांधी भी चुनावी सभाओं में बार-बार जातिगत जनगणना कराने की बात कह रहे हैं. साथ ही वो ये भी कह रहे हैं कि जिसकी जितनी आबादी उसे उतना हक मिलना चाहिए, हालांकि भाजपा इस मुद्दे पर खुलकर नहीं बोल रही है. अलबता इसे टालने की कोशिश की जा रही है. इसी बीच सोमवार को जोधपुर आए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से जब इस सवाल को पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को पहले पिछड़ों और दलितों को सम्मान देना चाहिए. कांग्रेस शासित राज्यों में उनकी क्या हालत है, यह किसी से छुपा नहीं है. ऐसे में सबसे पहले राहुल गांधी को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस तरह के विषयों से अब जनता भ्रमित होने वाली नहीं है.
राहुल गांधी के पास विकास की कोई सोच ही नहीं : गोयल ने सवाल करते हुए कहा कि राजस्थान में दलितों और महिलाओं के साथ हो रहा अत्याचार क्यों नहीं रुका? आज राजस्थान अपराध में टॉप पर है. बावजूद इसके कांग्रेस और उसके नेता तुष्टिकरण और समाज को तोड़ने की राजनीति करते हैं, जिसे अविलंब बंद करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि राहुल गांधी के पास देश के विकास को लेकर कोई सोच ही नहीं है.
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कभी पीएम मोदी ने जाति नहीं पूछी : केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के चार करोड़ लोगों को घर दिया तो उनमें से किसी से उसकी जाति, लिंग और धर्म के बारे में नहीं पूछा गया. इसी तरह शौचालय बनाने और राशन की सहायता देने में भी किसी तरह की धर्म या जाति को नहीं देखा गया. पीएम मोदी के मन में गरीबों के प्रति दर्द है, क्योंकि उन्होंने गरीबी देखी है. इसलिए वे हमेशा गरीबों की सोचते हैं, जबकि कांग्रेस ने ऐसा कुछ नहीं किया.
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लोगों को मोदी की गारंटी पर विश्वास : कांग्रेस की सात गारंटियों के सवाल पर गोयल ने कहा कि जनता को कांग्रेस की गारंटी का भरोसा नहीं है. किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ, युवाओं को वजीफा नहीं मिला. ऐसे में आज जनता को केवल मोदी की गारंटी पर विश्वास है और जनता बहुत समझदार है.
टेक्सटाइल्स पार्क के लिए राज्य सरकार ने नहीं की पहल : मुख्यमंत्री के जोधपुर में टेक्सटाइल निर्यात पार्क बनाने को लेकर लिखे गए पत्र पर गोयल ने कहा कि उन्होंने पत्र में लिखा था और आवेदन भी किया था, लेकिन जब हमने उनसे इस बाबत पत्राचार किया तो कोई सकारात्मक पहल सामने नहीं आई. राज्य सरकार जगह भी मुहैया नहीं करा सकी. कितने दिन में पानी उपलब्ध होगा? पार्क के लिए बिजली की दरें क्या रहेगी? इन बिंदु पर आज तक कोई जवाब ही नहीं मिला. आगे उन्होंने आरोप लगाया कि इसके लिए पूरी तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिम्मेदार हैं. उनकी वजह से ही जोधपुर में टेक्सटाइल पार्क नहीं बन सका, जबकि तेलंगाना, तमिलनाडु सहित ऐसे प्रदेशों को टेक्सटाइल पार्क दिए गए, जहां भाजपा की सरकारें नहीं हैं.