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निजीकरण के विरोध में रेलवे कर्मचारियों का जोधपुर स्टेशन के बाहर धरना प्रदर्शन

ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन और नार्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के संयुक्त तत्वधान में कर्मचारियों ने रेलवे के निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन करते हुए जोधपुर रेलवे स्टेशन के बाहर धरना दिया.

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Published : Oct 24, 2019, 3:59 AM IST

North Western Railway Employees Union, Jodhpur news, जोधपुर रेलवे स्टेशन

जोधपुर. ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन और नार्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के संयुक्त तत्वधान में कर्मचारियों ने रेलवे के निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन करते हुए जोधपुर रेलवे स्टेशन के बाहर धरना दिया. ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन के सचिव मनोज कुमार ने कहा कि सरकार रेलवे को निजीकरण की ओर ले जा रही है. जिसका यूनियन विरोध करती है और इसके लिए अगर कर्मचारियों को पूरे भारत में रेल का चक्का जाम करना पड़ा तो कर्मचारी पीछे नहीं हटेंगे.

जोधपुर रेलवे स्टेशन के बाहर दिया गया धरना

उन्होंने कहा कि सरकार को कर्मचारियों की मांगों को मानना होगा. इससे पहले भी कर्मचारियों ने आयरन लेडी कहे जाने वाली पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से लोहा लिया था. मनोज कुमार ने कहा कर्मचारी रेलवे का निजीकरण नहीं होने देंगे. सरकार कर्मचारियों को पद से हटाकर रेलवे को निजीकरण की ओर ले जा रही है. रेलवे का निजीकरण होने पर कर्मचारियों का रोजगार सुरक्षित नहीं रहेगा.

पढ़ें- दीवाली स्पेशल: जोधपुर में पटाखा मिठाई की धूम, 1600 रुपए प्रति किलो है भाव

उन्होंने कहा कि रेलवे जरूरतमंद लोगों के लिए सबसे सस्ता और परिवहन का बड़ा साधन है. देश के दो करोड़ 50 लाख लोगों को सस्ती और सुलभ यात्रा रेलवे की ओर से दी जा रही है. साथ ही कहा कि जो सरकार जरूरतमंद लोगों के हित की बात करती है उन्हें सोचना चाहिए कि रेलवे का निजीकरण करने से जरूरतमंद लोगों को नुकसान होगा. यह लड़ाई सिर्फ रेलवे कर्मचारियों की ही नहीं बल्कि देश के दो करोड़ 50 लाख जरूरतमंद लोगों की लड़ाई है.

पढ़ें- जोधपुरः फरार चल रहे पुलिस निरीक्षक संजय बोथरा के खिलाफ जल्द दायर होगी चार्जशीट

मनोज ने कहा कि सरकार पूंजीपतियों को बढ़ावा देने पर तुली हुई है, इसलिए वह रेलवे का निजीकरण कर रही है. भारतीय रेल के वर्तमान स्वरूप को बचाने के लिए सभी साथियों को एकजुट होने की जरूरत है. कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम भी बहाल की जानी चाहिए. नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लॉयज यूनियन रेलवे निजीकरण नहीं होने देगी. निजीकरण बंद नहीं किया गया तो रेलवे कर्मचारी अन्य विभागों के सभी कर्मचारी एकजुट होकर संसद पर मांगों के लिए प्रदर्शन कर सकते हैं.

जोधपुर. ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन और नार्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के संयुक्त तत्वधान में कर्मचारियों ने रेलवे के निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन करते हुए जोधपुर रेलवे स्टेशन के बाहर धरना दिया. ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन के सचिव मनोज कुमार ने कहा कि सरकार रेलवे को निजीकरण की ओर ले जा रही है. जिसका यूनियन विरोध करती है और इसके लिए अगर कर्मचारियों को पूरे भारत में रेल का चक्का जाम करना पड़ा तो कर्मचारी पीछे नहीं हटेंगे.

जोधपुर रेलवे स्टेशन के बाहर दिया गया धरना

उन्होंने कहा कि सरकार को कर्मचारियों की मांगों को मानना होगा. इससे पहले भी कर्मचारियों ने आयरन लेडी कहे जाने वाली पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से लोहा लिया था. मनोज कुमार ने कहा कर्मचारी रेलवे का निजीकरण नहीं होने देंगे. सरकार कर्मचारियों को पद से हटाकर रेलवे को निजीकरण की ओर ले जा रही है. रेलवे का निजीकरण होने पर कर्मचारियों का रोजगार सुरक्षित नहीं रहेगा.

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उन्होंने कहा कि रेलवे जरूरतमंद लोगों के लिए सबसे सस्ता और परिवहन का बड़ा साधन है. देश के दो करोड़ 50 लाख लोगों को सस्ती और सुलभ यात्रा रेलवे की ओर से दी जा रही है. साथ ही कहा कि जो सरकार जरूरतमंद लोगों के हित की बात करती है उन्हें सोचना चाहिए कि रेलवे का निजीकरण करने से जरूरतमंद लोगों को नुकसान होगा. यह लड़ाई सिर्फ रेलवे कर्मचारियों की ही नहीं बल्कि देश के दो करोड़ 50 लाख जरूरतमंद लोगों की लड़ाई है.

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मनोज ने कहा कि सरकार पूंजीपतियों को बढ़ावा देने पर तुली हुई है, इसलिए वह रेलवे का निजीकरण कर रही है. भारतीय रेल के वर्तमान स्वरूप को बचाने के लिए सभी साथियों को एकजुट होने की जरूरत है. कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम भी बहाल की जानी चाहिए. नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लॉयज यूनियन रेलवे निजीकरण नहीं होने देगी. निजीकरण बंद नहीं किया गया तो रेलवे कर्मचारी अन्य विभागों के सभी कर्मचारी एकजुट होकर संसद पर मांगों के लिए प्रदर्शन कर सकते हैं.

Intro:ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन व नार्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के सयुक्त तत्वधान में रेलवे के निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन करते हुए जोधपुर रेलवे स्टेशन के बहार धरना दिया । ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन के सचिव मनोज कुमार ने बताया कि कहा कि सरकार रेलवे को निजीकरण की ओर ले जा रही है, जिसका यूनियन जोरदार विरोध करती है। इसके लिए अगर कर्मचारियों को चाहे पूरे भारत में रेल का चक्का जाम करना पड़ा तो कर्मचारी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को कर्मचारियों की मांगों को मानना होगा। इससे पहले भी कर्मचारियों ने आयरन लेडी कहे जाने वाली पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से लोहा लिया था, तो अब भी कर्मचारी रेलवे का निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा। सरकार कर्मचारियों को पद से हटाकर रेलवे को निजीकरण की ओर ले जा रही है। रेलवे का निजीकरण होने पर कर्मचारियों का रोजगार सुरक्षित नहीं रहेगा। उन्होने कहा की रेलवे जरूरतमंद लोगों के लिए सबसे सस्ता और बड़ा परिवहन का साधन है। देश के दो करोड़ 50 लाख लोगों को सस्ती व सुलभ यात्रा रेलवे द्वारा दी जा रही है। जो सरकार जरूरतमंद लोगों के हित की बात करती है । उन्हें सोचना चाहिए कि रेलवे का निजीकरण करने से जरूरतमंद लोगों को नुकसान होगा। यह लड़ाई सिर्फ रेलवे कर्मचारियों की ही नहीं बल्कि देश के दो करोड़ 50 लाख जरूरतमंद लोगों की लड़ाई है।Body:सरकार पूंजीपतियों को बढ़ावा देने पर तूली हुई है, इसलिए वह रेलवे का निजीकरण कर रही है। भारतीय रेल के वर्तमान स्वरूप को बचाने के लिए सभी साथियों को एकजुट होने की जरूरत है।कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम भी बहाल की जानी चाहिए। नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लॉयज यूनियन रेलवे निजीकरण नहीं होने देगी। निजीकरण बंद नहीं किया गया तो रेलवे कर्मचारी अन्य विभागों के सभी कर्मचारी एकजुट होकर संसद पर मांगों के लिए प्रदर्शन कर सकते हैं।

बाइट :- मनोज कुमार सचिव ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन Conclusion:
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