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'दादी' पर गतिरोध: विधानसभा के बाहर कांग्रेस का धरना, अविश्वास प्रस्ताव और विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने की चेतावनी - RAJASTHAN BUDGET SESSION 2025

राजस्थान विधानसभा में पांच दिन से गतिरोध जारी है. विधानसभा के बाहर कांग्रेस अभी भी धरने पर बैठी है.

कांग्रेस का धरना जारी
कांग्रेस का धरना जारी (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 25, 2025, 11:02 AM IST

Updated : Feb 25, 2025, 12:39 PM IST

जयपुर : राजस्थान विधानसभा में पांच दिन से गतिरोध जारी है. फिलहाल यह गतिरोध टूटता नहीं दिख रहा है. विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस के तमाम विधायक विधानसभा पहुंचे, लेकिन विधायकों को अंदर जाने की अनुमति नहीं होने के चलते कोई भी कांग्रेस का विधायक विधानसभा में नहीं गया. ऐसे में विधानसभा के पश्चिमी द्वार के बाहर सभी विधायक धरने पर बैठे हैं. इनमें अशोक गहलोत, सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा, टीकाराम जूली भी हैं. कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने और सुरक्षा कर्मियों व पुलिस के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने की चेतावनी दी है.

आरोपी की तरह किया जा रहा बर्ताव : कांग्रेस विधायकों के धरने में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत में सरकार पर सदन नहीं चलने देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पहले फोन टैपिंग के आरोपों से घिरी सरकार ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष का भाषण नहीं होने दिया. आज भी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से आरोपी की तरह बर्ताव किया जा रहा है, जबकि डोटासरा सहित अन्य नेताओं ने पूरे घटनाक्रम पर खेद प्रकट कर दिया. इसके बाद भी मंत्री ने माफी नहीं मांगी. यह दर्शाता है कि सरकार सदन चलाने की इच्छुक नहीं है.

पढे़ं. सचिन पायलट बोले- भाजपा चाहती है विवाद हो और सदन में गतिरोध रहे, हम डटकर करेंगे मुकाबला

सरकार खुद नहीं चाहती सदन चले : वहीं, धरना स्थल पर पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और टोंक विधायक सचिन पायलट ने कहा कि सरकार खुद सदन नहीं चलाना चाहती है. जब गोविंद सिंह डोटासरा सहित हमारे तीन-तीन नेताओं ने पूरी घटना पर खेद प्रकट कर दिया था. लेकिन जब मंत्री के खेद प्रकट करने की बारी आई तो नहीं किया. हमारी मांग इतनी ही थी कि यह बात कार्यवाही से निकाली जाए और मंत्री माफी मांगे. उन्होंने कहा कि किसने क्या कहा और क्या किया यह मुद्दा नहीं है.

स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं : गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि स्पीकर ने निलंबित विधायकों को सदन से बाहर तक विधानसभा में आने की अनुमति सदन की प्रक्रिया के दौरान दी थी, लेकिन अब उन्हें विधानसभा के गेट पर ही रोका जा रहा है. यह विधायकों के विशेषाधिकार का हनन है. अगर स्पीकर के इशारे पर यह सब हो रहा है तो उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर चर्चा करेंगे. सुरक्षाकर्मियों और अन्य अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने पर भी विचार किया जा रहा है.

इसे भी पढे़ं. दादी पर बयान, जारी है सियासी घमासान, आज भी विधानसभा में हंगामे के आसार

डोटासरा ने कहा कि विपक्ष सदन चलाना चाहता है, लेकिन सत्ता पक्ष हठधर्मिता अपनाते हुए जिस तरह का माहौल खराब कर रहा है, वो ठीक बात नहीं. डोटासरा ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने जो कहा वो सरासर गलत है. विधानसभा अध्यक्ष से हमारी किसी भी तरह की व्यक्तिगत माफी मांगने की बात नहीं हुई. सत्ता पक्ष आपने ही अंतर्कलह में उलझा हुआ है. आपसी गुटबाजी के बीच यह खुद नहीं चाहते कि सदन की कार्यवाही चले. सदन में गतिरोध सत्ता पक्ष की आपसी गुटबाजी की वजह से है और जिम्मेदारी हमपर थोप रहे हैं.

डोटासरा ने कहा कि वो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं, कांग्रेस के सिपाही हैं, कोई गाजर मूली नहीं तो कोई भी आकर काट देगा. सत्ता पक्ष अपनी नूरा कुश्ती में प्रदेश की जनता का नुकसान कर रहे हैं. बात सिर्फ इतनी सी है कि सरकार के मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर जो अमर्यादित शब्द का इस्तेमाल किया उन्हें सदन की कार्यवाही से हटाया जाए. साथ ही मंत्री अपने उसे शब्द पर सदन में खेद प्रकट करें और जिन कांग्रेस विधायकों का निलंबन किया है, उस निलंबन को रद्द किया जाए. इसके अलावा उसकी और कोई मांग नहीं है.

पढ़ें. सदन में गतिरोध पर डोटासरा बोले- यह सीएम व स्पीकर का झगड़ा, अंतर्कलह की सजा जनता को दे रही भाजपा

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा है कि विपक्ष ने गतिरोध दूर करने का हरसंभव प्रयास किया है, लेकिन सत्ता पक्ष हठधर्मिता नहीं छोड़ रहा है. हमने पूरे घटनाक्रम पर खेद प्रकट किया. उन्होंने साफ किया कि जब तक गतिरोध खत्म नहीं होता है, हमारा धरना जारी रहेगा. अगर हमारे विधायकों (निलंबित को) सदन में घुसने से रोका तो हम विधानसभा के पश्चिमी द्वार पर धरना देंगे.

दरअसल, 21 फरवरी को सदन में प्रश्नकाल के दौरान मंत्री अविनाश गहलोत की ओर से इंदिरा गांधी को लेकर की गई 'दादी' की टिप्पणी के बाद से सदन में गतिरोध बना हुआ है. सदन में हंगामे के चलते कांग्रेस के छह विधायकों का निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद कांग्रेस के सभी विधायकों ने सदन में धरना दिया था. इस मामले को लेकर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह झगड़ा स्पीकर और मुख्यमंत्री का है. अपने आपसी अंतर्कलह की सजा भाजपा जनता को दे रही है.

जयपुर : राजस्थान विधानसभा में पांच दिन से गतिरोध जारी है. फिलहाल यह गतिरोध टूटता नहीं दिख रहा है. विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस के तमाम विधायक विधानसभा पहुंचे, लेकिन विधायकों को अंदर जाने की अनुमति नहीं होने के चलते कोई भी कांग्रेस का विधायक विधानसभा में नहीं गया. ऐसे में विधानसभा के पश्चिमी द्वार के बाहर सभी विधायक धरने पर बैठे हैं. इनमें अशोक गहलोत, सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा, टीकाराम जूली भी हैं. कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने और सुरक्षा कर्मियों व पुलिस के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने की चेतावनी दी है.

आरोपी की तरह किया जा रहा बर्ताव : कांग्रेस विधायकों के धरने में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत में सरकार पर सदन नहीं चलने देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पहले फोन टैपिंग के आरोपों से घिरी सरकार ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष का भाषण नहीं होने दिया. आज भी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से आरोपी की तरह बर्ताव किया जा रहा है, जबकि डोटासरा सहित अन्य नेताओं ने पूरे घटनाक्रम पर खेद प्रकट कर दिया. इसके बाद भी मंत्री ने माफी नहीं मांगी. यह दर्शाता है कि सरकार सदन चलाने की इच्छुक नहीं है.

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सरकार खुद नहीं चाहती सदन चले : वहीं, धरना स्थल पर पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और टोंक विधायक सचिन पायलट ने कहा कि सरकार खुद सदन नहीं चलाना चाहती है. जब गोविंद सिंह डोटासरा सहित हमारे तीन-तीन नेताओं ने पूरी घटना पर खेद प्रकट कर दिया था. लेकिन जब मंत्री के खेद प्रकट करने की बारी आई तो नहीं किया. हमारी मांग इतनी ही थी कि यह बात कार्यवाही से निकाली जाए और मंत्री माफी मांगे. उन्होंने कहा कि किसने क्या कहा और क्या किया यह मुद्दा नहीं है.

स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं : गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि स्पीकर ने निलंबित विधायकों को सदन से बाहर तक विधानसभा में आने की अनुमति सदन की प्रक्रिया के दौरान दी थी, लेकिन अब उन्हें विधानसभा के गेट पर ही रोका जा रहा है. यह विधायकों के विशेषाधिकार का हनन है. अगर स्पीकर के इशारे पर यह सब हो रहा है तो उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर चर्चा करेंगे. सुरक्षाकर्मियों और अन्य अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने पर भी विचार किया जा रहा है.

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डोटासरा ने कहा कि विपक्ष सदन चलाना चाहता है, लेकिन सत्ता पक्ष हठधर्मिता अपनाते हुए जिस तरह का माहौल खराब कर रहा है, वो ठीक बात नहीं. डोटासरा ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने जो कहा वो सरासर गलत है. विधानसभा अध्यक्ष से हमारी किसी भी तरह की व्यक्तिगत माफी मांगने की बात नहीं हुई. सत्ता पक्ष आपने ही अंतर्कलह में उलझा हुआ है. आपसी गुटबाजी के बीच यह खुद नहीं चाहते कि सदन की कार्यवाही चले. सदन में गतिरोध सत्ता पक्ष की आपसी गुटबाजी की वजह से है और जिम्मेदारी हमपर थोप रहे हैं.

डोटासरा ने कहा कि वो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं, कांग्रेस के सिपाही हैं, कोई गाजर मूली नहीं तो कोई भी आकर काट देगा. सत्ता पक्ष अपनी नूरा कुश्ती में प्रदेश की जनता का नुकसान कर रहे हैं. बात सिर्फ इतनी सी है कि सरकार के मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर जो अमर्यादित शब्द का इस्तेमाल किया उन्हें सदन की कार्यवाही से हटाया जाए. साथ ही मंत्री अपने उसे शब्द पर सदन में खेद प्रकट करें और जिन कांग्रेस विधायकों का निलंबन किया है, उस निलंबन को रद्द किया जाए. इसके अलावा उसकी और कोई मांग नहीं है.

पढ़ें. सदन में गतिरोध पर डोटासरा बोले- यह सीएम व स्पीकर का झगड़ा, अंतर्कलह की सजा जनता को दे रही भाजपा

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा है कि विपक्ष ने गतिरोध दूर करने का हरसंभव प्रयास किया है, लेकिन सत्ता पक्ष हठधर्मिता नहीं छोड़ रहा है. हमने पूरे घटनाक्रम पर खेद प्रकट किया. उन्होंने साफ किया कि जब तक गतिरोध खत्म नहीं होता है, हमारा धरना जारी रहेगा. अगर हमारे विधायकों (निलंबित को) सदन में घुसने से रोका तो हम विधानसभा के पश्चिमी द्वार पर धरना देंगे.

दरअसल, 21 फरवरी को सदन में प्रश्नकाल के दौरान मंत्री अविनाश गहलोत की ओर से इंदिरा गांधी को लेकर की गई 'दादी' की टिप्पणी के बाद से सदन में गतिरोध बना हुआ है. सदन में हंगामे के चलते कांग्रेस के छह विधायकों का निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद कांग्रेस के सभी विधायकों ने सदन में धरना दिया था. इस मामले को लेकर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह झगड़ा स्पीकर और मुख्यमंत्री का है. अपने आपसी अंतर्कलह की सजा भाजपा जनता को दे रही है.

Last Updated : Feb 25, 2025, 12:39 PM IST
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