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बहुभाषीय नाट्य समारोह में राजस्थानी नाटक "भोलो भैरू" का मंचन

राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर और पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित बहुभाषी नाट्य समारोह में राजस्थानी नाटक "भोलो भैरू" का मंचन किया गया.

समारोह में राजस्थानी नाटक "भोलो भैरू" का मंचन
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Published : May 9, 2019, 4:47 AM IST

जोधपुर. जिले में राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर और पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में जोधपुर के टाउन हॉल में चार दिवसीय बहुभाषी नाट्य समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में बुधवार को राजस्थानी नाटक "भोलो भैरू" का मंचन किया गया. साथ ही राजस्थानी नृत्य भी प्रस्तुत किया गया.

समारोह में राजस्थानी नाटक "भोलो भैरू" का मंचन

वहीं नाटक में लोकरंग से भरपूर एक लोक कथा थी.जिसमें ग्रामीण परिवेश रहन-सहन बोली स्थानीय था और आंबोली में बोले जाने वाले मुहावरे और संख्याओं का बड़ी खूबसूरती से प्रयोग किया गया.यह गांव के दो युवकों की कहानी जो कि स्वभाव से एक दूसरे से विपरीत हैं.

भैरू नाम का युवक जहां स्वभाव से मासूम और बोला है वहीं कालू चालाक और मौकापरस्त आदमी होता है.दोनों अपनी जीवन याचिका को लेकर जो संघर्ष करते हैं और जो उन्हें अनुभव होते हैं उसका चित्रण राजस्थानी भाषा में किया गया.

निर्देशक सुदेश व्यास के निर्देशन में मंचित इस नाटक में कलाकारों ने राजस्थानी भाषा में मनोरंजन का पूरा प्रयास किया.साथ ही राजस्थानी नृत्य कलाओं का भी यहां प्रदर्शन किया गया.जिसमें पल्लवी सिंह ने चकरी नृत्य कर दर्शकों का मन मोह लिया.

इस समारोह के अगले 2 दिनों में कोंकणी वह हिंदी भाषा में नाटकों का मंचन किया जाएगा.वहीं राजस्थान संगीत नाटक अकादमी आने वाले दिनों में बड़े स्तर पर बाल नाट्य समारोह भी करने जा रही है.जिसमें बच्चों द्वारा नाटकों का मंचन किया जाएगा.

जोधपुर. जिले में राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर और पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में जोधपुर के टाउन हॉल में चार दिवसीय बहुभाषी नाट्य समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में बुधवार को राजस्थानी नाटक "भोलो भैरू" का मंचन किया गया. साथ ही राजस्थानी नृत्य भी प्रस्तुत किया गया.

समारोह में राजस्थानी नाटक "भोलो भैरू" का मंचन

वहीं नाटक में लोकरंग से भरपूर एक लोक कथा थी.जिसमें ग्रामीण परिवेश रहन-सहन बोली स्थानीय था और आंबोली में बोले जाने वाले मुहावरे और संख्याओं का बड़ी खूबसूरती से प्रयोग किया गया.यह गांव के दो युवकों की कहानी जो कि स्वभाव से एक दूसरे से विपरीत हैं.

भैरू नाम का युवक जहां स्वभाव से मासूम और बोला है वहीं कालू चालाक और मौकापरस्त आदमी होता है.दोनों अपनी जीवन याचिका को लेकर जो संघर्ष करते हैं और जो उन्हें अनुभव होते हैं उसका चित्रण राजस्थानी भाषा में किया गया.

निर्देशक सुदेश व्यास के निर्देशन में मंचित इस नाटक में कलाकारों ने राजस्थानी भाषा में मनोरंजन का पूरा प्रयास किया.साथ ही राजस्थानी नृत्य कलाओं का भी यहां प्रदर्शन किया गया.जिसमें पल्लवी सिंह ने चकरी नृत्य कर दर्शकों का मन मोह लिया.

इस समारोह के अगले 2 दिनों में कोंकणी वह हिंदी भाषा में नाटकों का मंचन किया जाएगा.वहीं राजस्थान संगीत नाटक अकादमी आने वाले दिनों में बड़े स्तर पर बाल नाट्य समारोह भी करने जा रही है.जिसमें बच्चों द्वारा नाटकों का मंचन किया जाएगा.

Intro:जोधपुर।
राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर एव पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में जोधपुर के टाउन हॉल में आयोजित चार दिवसीय बहुभाषी नाट्य समारोह में बुधवार को राजस्थानी नाटक गोरा भैरू का मंचन किया गया इस । साथ ही राजस्थानी नृत्य भी प्रस्तुत किया गया। नाटक में लोकरंग से भरपूर एक लोक कथा थी जिसमें ग्रामीण परिवेश रहन-सहन बोली स्थानीय था और आंबोली में बोले जाने वाले मुहावरे और संख्याओं का बड़ी खूबसूरती से प्रयोग किया गया गांव के दो युवकों की कहानी जो कि स्वभाव से एक दूसरे से विपरीत हैं भेरू नाम का युवक जहां स्वभाव से मासूम और बोला है वही कालू चालाक और मौकापरस्त आदमी होता है दोनों अपनी जीवन याचिका को लेकर जो संघर्ष करते हैं और जो उन्हें अनुभव होते हैं उसका चित्रण राजस्थानी भाषा में किया गया।



Body:निर्देशक सुदेश व्यास के निर्देशन में मंचित इस नाटक में कलाकारों ने राजस्थानी भाषा में मनोरंजन का पूरा प्रयास किया साथ ही राजस्थानी नृत्य कला ओं का भी यहां प्रदर्शन किया गया जिसमें पल्लवी सिंह ने चकरी नृत्य कर दर्शकों का मन मोह लिया। इस समारोह के अगले 2 दिनों में कोंकणी वह हिंदी भाषा में नाटकों का मंचन किया जाएगा उल्लेखनीय है कि राजस्थान संगीत नाटक अकादमी आने वाले दिनों में बड़े स्तर पर बाल नाट्य समारोह भी करने जा रही है जिसमें बच्चों द्वारा नाटकों का मंचन किया जाएगा।


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