जोधपुर. पिछले दो महीने से संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाला राजनीतिक कारणों से चर्चा में हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच इसको लेकर भारी बयानबाजी चल रही है. इस बीच एक बार फिर जोधपुर में संजीवनी घोटाले को लेकर पुलिस में मामले दर्ज होने का सिलसिला शुरू हो गया है. खास बात यह है कि यह परिवाद एसओजी ने अलग अलग थानों में भेजे जिन पर अब मामले दर्ज हो रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में प्रदेश के अलग अलग थानों में सैकड़ों मामले इस सोसायटी के खिलाफ दर्ज हो जाएंगे. एसओजी की तरफ से इस तरह से जांच के दौरान ही थानों में मामले भेजने की रणनीति अभी किसी के समझ में नहीं आ रही है. लेकिन यह माना जा रहा है कि जिस तरह से प्रदेश में इस मामले ने सियासति रंग लिया है. उसका ही यह असर है.
14 मामले हुए दर्ज : शुक्रवार को महामंदिर, माता का थान और सरदारपुरा थाने में ही एसओजी से प्राप्त परिवाद पर 8 मामले दर्ज किए गए हैं. जबकि बीते तीन दिनों में कुल 14 मामले संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी के प्रबंध संचालन के विरुद्ध दर्ज किए गए हैं. जिसमें लोगों ने एफडी में लाखों रुपए लगाए, लेकिन समय पूरा होने के बाद उनको राशि वापस नहीं लौटाई गई. देवनगर थानाधिकारी जयकिशन सोनी के अनुसार एसओजी से मिले परिवाद के आधार पर दो मामले दर्ज हुए हैं. इसी तरह से भगत की कोठी, मथानियां सहित अन्य थानों में मिलाकर कुल 14 मामले दर्ज हो चुके हैं. यह संख्या और बढ़ सकती है.
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900 करोड़ के गबन का मामला: संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी मे लाखों लोगों ने अपने करोड़ों रुपए इसलिए निवेश किए थे कि जब उनकी एफडी पूरी होगी तो उनको अच्छा प्रतिफल मिलेगा. सोसायटी लोगों को अन्य बैंकों से ज्यादा ब्याज देने का वादा भी किया था, लेकिन 2019 की शुरूआत में सोसायटी में गड़बड़ियां सामने आने लग गई. इस दौरान भी लोगों ने निवेश जारी रखा, क्योंकि सोसायटी के आफिस सभी जगह चल रहे थे. बाद में जब मामला बढा तो अगस्त 2019 में यह मामला स्पेशल आपरेशन ग्रुप यानी एसओजी में चला गया. जहां मामला दर्ज हुआ. इसके बाद सोसायटी बंद हो गई. इसके मुखिया विक्रमसिंह इंद्रोई सहित कई लोगों को एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया था. मामले की जांच अभी भी चल रही है.