जोधपुर. ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा की ओर से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सुप्रिमो व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल पर लगातार जुबानी हमले किए जा रहे थे. अब बेनीवाल ने दिव्या के विधानसभा क्षेत्र के पास ही इनका जवाब दिया है. लोहावट के बारसिंगों का बास में एक कार्यक्रम में भाग लेने आए बेनीवाल ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए दिव्या मदेरणा पर निशाना साधते हुए कहा (Beniwal hits back at Divya Maderna) कि जिनके परिवारों को अशोक गहलोत ने उजाड़ दिया, आज वो उसी के यहां बैठकर ठहाके लगा रहे हैं.
बेनीवाल ने कहा कि वे लोग इस तरह से कर रहे हैं. यह कितनी बड़ी विडंबना है और हमें ज्ञान दे रहे हैं. बेनीवाल के जमीर और स्वाभिमान की बात कर रहे हैं. अगर राजस्थान में किसी नेता का जमीर और स्वाभिमान जिंदा है, तो वह है हनुमान बेनीवाल. खुद की पार्टी बनाकर अलग लड़ाई लड़ी और भाजपा व कांग्रेस को छोड़ दिया. उनको दोनों चुनावों में सबक भी सिखाया. वक्त आने पर काम निकाल लो और काम निकल जाने पर दरवाजा बंद कर लो. बेनिवाल यहीं नहीं रूके, उन्होंने मौजूद लोगों से कहा कि ऐसे नेताओं को आपको सबक सीखना है और सबक लेना भी है.
पढ़ें: Divya on Beniwal - हनुमान ने की अपने जमीर की सौदेबाजी, इतिहास ये बात याद रखेगा
बेनीवाल ने लोगों से कहा कि आपको यही प्रयास करना है. 2023 में ऐसे लोगों को चुनना जो आवश्यकता पड़ने पर यह कह सकें कि उन्हें कांग्रेस व बीजेपी से ज्यादा अपने लोग पसंद है. यह मैंने कहा था कि मुझे भाजपा-कांग्रेस नहीं चाहिए. मैं किसान का बेटा हूं. मेरे लिए किसान पहले है. इनको ठोकर मार दी. दिल्ली में किसानों पर संकट आया तो मैंने मिनिस्ट्री तक छोड़ी. स्टेट में भी चार बार ठोकर मारी. इस तरह का त्याग-समर्पण आजादी के आंदोलन के समय भगत सिंह ने किया था. उन्होंने कहा था कि मेरी जान चली जाए, तो गम नहीं, देश आजाद होना चाहिए.
पढ़ें: जिसने पिता और दादा का किया 'इलाज' उसी गहलोत की गोद में बैठी हैं दिव्या मदेरणा -हनुमान बेनीवाल
लगातार कर रहे हैं एक दूसरे पर पलटवार: दिव्या मदेरणा पिछले कुछ समय से लगातार बेनीवाल को लेकर आक्रामक हैं. बेनीवाल के गढ़ खींवसर जाकर कहा था कि मैंने यहां अब इलाज शुरू कर दिया है. राज्यसभा चुनाव में बेनीवाल के निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को समर्थन देने की घोषणा के बाद भी दिव्या ने कहा था बेनीवाल ने जमीन की सौदेबाजी की है. किसान विरोधी पार्टी है. अगर किसान होते तो सुरेजवाला का समर्थन करते. अब बेनीवाल ने इसको लेकर पलटवार करते हुए दिव्या के पिता स्व महिपाल मदेरणा के एक मामले में फंसने और उसके बाद गिरफ्तार होने के लिए अशोक गहलोत को जिम्मेदार बताते हुए गहलोत का ही समर्थन करने को लेकर निशाना साधा है.