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कोविड महामारी के बाद बढ़े ह्रदय रोगी, CPR और AID मशीनें लगाने के लिए जनहित याचिका पर हाईकोर्ट का नोटिस - Rajasthan hindi news

कोरोना महामारी के बाद से राजस्थान में ह्रदय रोगी बढ़ गए हैं. ऐसे में मरीजों को बचाने के लिए CPR ट्रेनिंग देने और AID मशीनें लगाने के लिए (Rajasthan High Court notice) दायर याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

Rajasthan High Court notice
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Published : Jan 12, 2023, 9:25 PM IST

जोधपुर. प्रदेश में कोविड महामारी के बाद ह्रदय रोगियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. ऐसे में ह्रदय रोगियोें की बढ़ती संख्या को देखते हुए मरीज का जीवन बचाने के लिए अधिक से अधिक लोगों को सीपीआर ट्रेनिंग देने एवं स्वचालित बाहरी डीफिब्रिलेटर मशीनें लगाने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट ने दायर जनहित याचिका पर नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है. सम्बंधित विभाग के एएजी को याचिका की कॉपी देने के निर्देश भी दिए गए हैं.

न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश कुलदीप माथुर की खंडपीठ के समक्ष बाहेती एज्युकेशन ट्रस्ट की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रज्ञा लखानी ने बताया कि कोविड महामारी के बाद प्रदेश में ह्रदय रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में अस्पताल पहुंचने से पहले यदि मरीज को सीपीआर मिल जाए तो उसके जीवन को बचाने के आसार बढ़ जाते हैं. इसके लिए अधिक से अधिक लोगों को सीपीआर ट्रेनिंग दी जाए.

पढ़ें. Rajasthan High Court: कोटा जेके लोन अस्पताल में उचित व्यवस्था बनाए रखें सरकार

इसके अलावा स्वचालित बाहरी डीफिब्रिलेटर मशीनें भी लगाई जाएं ताकि लोगों के जीवन को बचाया जा सके. खास तौर पर भीड़भाड़ वाले इलाकों में जिसमें रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड के अलावा बड़े स्थान जैसे हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट में इसे स्थापित किया जा सकता है. कोर्ट ने याचिका पर प्रारम्भिक सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया है. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को संबंधित एएजी को याचिका की कॉपी देने के निर्देश भी राजस्थान हाईकोर्ट ने दिए हैं.

जोधपुर. प्रदेश में कोविड महामारी के बाद ह्रदय रोगियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. ऐसे में ह्रदय रोगियोें की बढ़ती संख्या को देखते हुए मरीज का जीवन बचाने के लिए अधिक से अधिक लोगों को सीपीआर ट्रेनिंग देने एवं स्वचालित बाहरी डीफिब्रिलेटर मशीनें लगाने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट ने दायर जनहित याचिका पर नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है. सम्बंधित विभाग के एएजी को याचिका की कॉपी देने के निर्देश भी दिए गए हैं.

न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश कुलदीप माथुर की खंडपीठ के समक्ष बाहेती एज्युकेशन ट्रस्ट की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रज्ञा लखानी ने बताया कि कोविड महामारी के बाद प्रदेश में ह्रदय रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में अस्पताल पहुंचने से पहले यदि मरीज को सीपीआर मिल जाए तो उसके जीवन को बचाने के आसार बढ़ जाते हैं. इसके लिए अधिक से अधिक लोगों को सीपीआर ट्रेनिंग दी जाए.

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इसके अलावा स्वचालित बाहरी डीफिब्रिलेटर मशीनें भी लगाई जाएं ताकि लोगों के जीवन को बचाया जा सके. खास तौर पर भीड़भाड़ वाले इलाकों में जिसमें रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड के अलावा बड़े स्थान जैसे हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट में इसे स्थापित किया जा सकता है. कोर्ट ने याचिका पर प्रारम्भिक सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया है. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को संबंधित एएजी को याचिका की कॉपी देने के निर्देश भी राजस्थान हाईकोर्ट ने दिए हैं.

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