जोधपुर. शहर के आस पास वन खंड की भूमि पर अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट के बार बार आदेश के बावजूद अनुपालना नहीं किए जाने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई है. हाईकोर्ट ने स्पष्टिकरण के साथ अधिकारियों को तलब किया है. जस्टिस डॉ पुष्पेन्द्र सिंह भाटी व जस्टिस राजेन्द्र प्रकाश सोनी की खंडपीठ ने अतिक्रमण को लेकर रामजी व्यास की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिए.
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने कहा कि बार बार निर्देश देने के बावजूद अभी तक न तो बिजली कनेक्शन और न ही जल कनेक्शन विच्छेद किए गए हैं. कोर्ट पिछले सभी आदेशों को देखकर हैरान हो गया कि एक के बाद एक आदेश जारी किया गया, लेकिन उत्तरदाता अधिकारियों ने सभी आदेशों पर कारवाई की बजाए आंखें मूंद ली. कोर्ट ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सरकार का मुखिया बदल सकता है, लेकिन सरकार हमेशा और हर समय बनी रहती है और कार्यपालिका आदेशों को गंभीरता से पालन करने के लिए बाध्य है.
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कोर्ट ने यह भी कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने समय समय पर अनेक मामलों में यह निर्धारित किया है कि वन विभाग की भूमि राष्ट्र की बहुमूल्य सम्पत्ति है जो एक आम आदमी की है. इसको लेकर आंखें मूंद कर नहीं बैठ सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि यह अंर्तआत्मा को झकझोर देता है और अवमानना के समान है. कोर्ट ने प्रमुख शासन सचिव वन विभाग, जिला कलेक्टर जोधपुर, आयुक्त जोधपुर विकास प्राधिकरण, आयुक्त नगर निगम उत्तर जोधपुर, अतिरिक्त मुख्य अभियंता पीएचईडी, प्रबंध निदेशक जोधपुर डिस्कॉम को अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के आदेश दिए हैं. साथ ही कहा कि कोर्ट को यह बताएं कि पहले के आदेशो की अनुपालना की गई या नहीं की गई, शपथ पत्र के साथ स्पष्टीकरण दें. कोर्ट ने कहा कि अवमानना नोटिस जारी करने पर भी स्पष्टीकरण को देखने के बाद विचार किया जाएगा. मामले में अगली सुनवाई 05 मार्च को मुकरर्र की गई है.