ETV Bharat / state

आरएलपी ने लूणी, लोहावट, भोपालगढ़, जोधपुर शहर और बिलाड़ा में उतारे प्रत्याशी, त्रिकोणीय हुआ मुकाबला

राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस पार्टी की तरफ से कैंडिडेट का ऐलान कर दिया गया है. इसके बाद प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के 'अपने' ही बागवत पर उतर आए हैं. लोहावट में कांग्रेस के सत्यनारायण विश्नोई ने तो वहीं बिलाड़ा में जगदीश कडेला ने आरएलपी का दामन थाम लिया है.

Rajasthan assembly Election 2023
राजस्थान का रण
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 4, 2023, 5:23 PM IST

Updated : Nov 5, 2023, 6:31 AM IST

जोधपुर. प्रदेश में 25 नवंबर को होने वाले चुनावी मुकाबले में कई सियासी सूरमाओं के तकदीर का फैसला होगा. लोहावट विधानसभा के लिए कांग्रेस ने अभी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है, लेकिन इससे पहले ही सत्यनारायण विश्नोई ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का का दामन थाम कर बगावत कर दी है. शुक्रवार रात को आरएलपी की ओर से जारी प्रत्याशियों की सूची में सत्यनारायण विश्नोई के नाम की घोषणा की गई है.

विश्नोई ने मुख्यमंत्री को कांग्रेस से अपना त्यागपत्र भेजा, जिसमें लिखा है कि लोहावट के हर वर्ग की उपेक्षा कर पार्टी फिर भ्रष्टाचार में लिप्त किशनाराम विश्नोई को प्रत्याशी बना रही है. यह हमें स्वीकार्य नहीं है. सत्यनारायण विश्नोई के बागी होने से कांग्रेस को नुकसान होना तय माना जा रहा है. इसी तरह से बिलाड़ा में भाजपा से दावेदारी कर रहे जगदीश कडेला भी आरएलपी के खेमे में चले गए हैं. पिछली बार बिलाड़ा से आरएलपी के प्रत्याशी बृजेंद्र झाला ने 37 हजार वोट लिए जिससे अर्जुनलाल गर्ग को हार का सामना करना पड़ा था.

Rajasthan assembly Election 2023
राजस्थान का रण

पढ़ें:Rajasthan Election : 2013 में आक्या को टिकट मिलने के बाद सीपी जोशी ने दिखाए थे बगावती तेवर, इस बार कट गया टिकट

लोहावट में कांग्रेस प्रत्याशी का इंतजार: लोहावट में अभी भी कांग्रेस ने कैंडिडेट का ऐलान नहीं किया है. लोहावट में मुकाबला अब त्रिकोणीय तय हो गया है. कांग्रेस यहां से नए चेहरे पर भी दांव खेल सकती है. यहां एनएसयूआई के अभिषेक चौधरी की प्रबल दावेदारी है,जिसके चलते किशनाराम की घोषणा अटकी हुई है. आरएलपी के उम्मीदवारों के चलते जिले की लूणी, लोहावट, बिलाड़ा और भोपालगढ़ में त्रिकोणीय मुकाबला तय हो गया है.

Rajasthan assembly Election 2023
राजस्थान का रण

तीन पीढ़ियों से पार्टी के साथ: सीएम को अपने त्यागपत्र में सत्यनारायण विश्नोई ने लिखा है कि वह 45 साल से सक्रिय रूप से कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं. उनके परिवार की यह तीसरी पीढ़ी है. उन्होंने कहा कि लोहावट के विधायक किशनाराम विश्नोई के पांच साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार व तानाशाही के चलते सभी वर्ग नाराज हैं. हमने समय समय पर अपनी बात पहुंचाने के प्रयास किया, लेकिन पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र खत्म कर वापस किशनाराम को ही प्रत्याशी बनाया जा रहा है जिसको लेकर कार्यकर्ताओं में आक्रोश है.

पढ़ेें:Rajasthan Assembly Election 2023 : भाजपा प्रत्याशी सारिका सिंह का गहलोत सरकार पर प्रहार, कहा- कांग्रेस राज में हुआ खुलेआम भ्रष्टाचार,

पहली बार जीती थी कांग्रेस: लोहावट विधानसभा का गठन 2008 में नए परिसिमन से हुआ था. पहले दोनों चुनाव भाजपा के गजेंद्र सिंह खींवसर ने जीते थे. 2008 मे मालाराम विश्नोई ने मुकाबले को त्रिकोणिय बनाने की पूरी कोशिश की थी. 2013 में कांग्रेस ने नए चेहरे के रूप में किशनाराम विश्नोई को मैदान में उतारा था. कांग्रेस के मुकाबले में भाजपा के खींवसर चालीस हजार मतों से हार गए थे.

Rajasthan assembly Election 2023
राजस्थान का रण

लूणी में दोनों पार्टियों को नुकसान: लूणी से भी आरएलपी ने शुक्रवार रात को बद्रीलाल प्रजापत के नाम की घोषणा की है. लूणी में कुम्हार जाति के वोटरों की संख्या ज्यादा है, लेकिन दोनों ही सियासी पार्टियों ने दूरी बना रखी हैं. ऐसे में अगर कुम्हार के साथ लूणी के जाटों का समर्थन जुड़ जाता है तो दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों के लिए परेशानी हो सकती है.

जोधपुर. प्रदेश में 25 नवंबर को होने वाले चुनावी मुकाबले में कई सियासी सूरमाओं के तकदीर का फैसला होगा. लोहावट विधानसभा के लिए कांग्रेस ने अभी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है, लेकिन इससे पहले ही सत्यनारायण विश्नोई ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का का दामन थाम कर बगावत कर दी है. शुक्रवार रात को आरएलपी की ओर से जारी प्रत्याशियों की सूची में सत्यनारायण विश्नोई के नाम की घोषणा की गई है.

विश्नोई ने मुख्यमंत्री को कांग्रेस से अपना त्यागपत्र भेजा, जिसमें लिखा है कि लोहावट के हर वर्ग की उपेक्षा कर पार्टी फिर भ्रष्टाचार में लिप्त किशनाराम विश्नोई को प्रत्याशी बना रही है. यह हमें स्वीकार्य नहीं है. सत्यनारायण विश्नोई के बागी होने से कांग्रेस को नुकसान होना तय माना जा रहा है. इसी तरह से बिलाड़ा में भाजपा से दावेदारी कर रहे जगदीश कडेला भी आरएलपी के खेमे में चले गए हैं. पिछली बार बिलाड़ा से आरएलपी के प्रत्याशी बृजेंद्र झाला ने 37 हजार वोट लिए जिससे अर्जुनलाल गर्ग को हार का सामना करना पड़ा था.

Rajasthan assembly Election 2023
राजस्थान का रण

पढ़ें:Rajasthan Election : 2013 में आक्या को टिकट मिलने के बाद सीपी जोशी ने दिखाए थे बगावती तेवर, इस बार कट गया टिकट

लोहावट में कांग्रेस प्रत्याशी का इंतजार: लोहावट में अभी भी कांग्रेस ने कैंडिडेट का ऐलान नहीं किया है. लोहावट में मुकाबला अब त्रिकोणीय तय हो गया है. कांग्रेस यहां से नए चेहरे पर भी दांव खेल सकती है. यहां एनएसयूआई के अभिषेक चौधरी की प्रबल दावेदारी है,जिसके चलते किशनाराम की घोषणा अटकी हुई है. आरएलपी के उम्मीदवारों के चलते जिले की लूणी, लोहावट, बिलाड़ा और भोपालगढ़ में त्रिकोणीय मुकाबला तय हो गया है.

Rajasthan assembly Election 2023
राजस्थान का रण

तीन पीढ़ियों से पार्टी के साथ: सीएम को अपने त्यागपत्र में सत्यनारायण विश्नोई ने लिखा है कि वह 45 साल से सक्रिय रूप से कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं. उनके परिवार की यह तीसरी पीढ़ी है. उन्होंने कहा कि लोहावट के विधायक किशनाराम विश्नोई के पांच साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार व तानाशाही के चलते सभी वर्ग नाराज हैं. हमने समय समय पर अपनी बात पहुंचाने के प्रयास किया, लेकिन पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र खत्म कर वापस किशनाराम को ही प्रत्याशी बनाया जा रहा है जिसको लेकर कार्यकर्ताओं में आक्रोश है.

पढ़ेें:Rajasthan Assembly Election 2023 : भाजपा प्रत्याशी सारिका सिंह का गहलोत सरकार पर प्रहार, कहा- कांग्रेस राज में हुआ खुलेआम भ्रष्टाचार,

पहली बार जीती थी कांग्रेस: लोहावट विधानसभा का गठन 2008 में नए परिसिमन से हुआ था. पहले दोनों चुनाव भाजपा के गजेंद्र सिंह खींवसर ने जीते थे. 2008 मे मालाराम विश्नोई ने मुकाबले को त्रिकोणिय बनाने की पूरी कोशिश की थी. 2013 में कांग्रेस ने नए चेहरे के रूप में किशनाराम विश्नोई को मैदान में उतारा था. कांग्रेस के मुकाबले में भाजपा के खींवसर चालीस हजार मतों से हार गए थे.

Rajasthan assembly Election 2023
राजस्थान का रण

लूणी में दोनों पार्टियों को नुकसान: लूणी से भी आरएलपी ने शुक्रवार रात को बद्रीलाल प्रजापत के नाम की घोषणा की है. लूणी में कुम्हार जाति के वोटरों की संख्या ज्यादा है, लेकिन दोनों ही सियासी पार्टियों ने दूरी बना रखी हैं. ऐसे में अगर कुम्हार के साथ लूणी के जाटों का समर्थन जुड़ जाता है तो दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों के लिए परेशानी हो सकती है.

Last Updated : Nov 5, 2023, 6:31 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.