जोधपुर. विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस पूरी तरह से चुनावी मूड में आ चुकी है. कांग्रेस इस बार प्रदेश में सत्ता का रिवाज बदलने की बात कह रही है. यानी कि लगातार दूसरी बार सरकार बनाने का दावा किया जा रहा है, तो दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी दावा कर रही है कि जनता कांग्रेस राज को उखाड़ फेंकेगी. इस बीच जनता ने चुनावी मुद्दों को लेकर अपनी राय दी है.
चुनाव में 3 महीने का समय बचा है. कांग्रेस को भरोसा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से जनता को दी गई राहत और गारंटी योजनाएं उनको वापस सत्ता में लाएगी. भारतीय जनता पार्टी सरकार पर भ्रष्टाचार फैलाने और कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, पेपर लीक और महिलाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर घेरने का प्रयास कर रही है. इस बीच जनता का कहना है कि भ्रष्टाचार भी एक चुनावी मुद्दा है. इसके अलावा पेपर लीक की घटनाओं से युवा वर्ग असंतुष्ट है. सरकार ने भले ही अब कठोर कानून बनाया है, लेकिन बहुत देरी हो चुकी है.
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500 का सिलेंडर सीमित वर्ग को मिल रहाः महिलाओं का कहना है कि सरकार 500 रुपए में घरेलू गैस का सिलेंडर देने का दावा कर रही है. इसका प्रचार-प्रसार जोरों से किया जा रहा है. जबकि यह सिलेंडर एक सीमित वर्ग के लिए ही है. आम घरों के लिए यह सुविधा नहीं है. सरकार को इसका दायरा बढ़ाना चाहिए था. इसी तरह से महिलाएं सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. जोधपुर में हुई गैंगरेप घटना या हत्याएं परेशान करने वाली हैं. आरोपी पकड़े जाते हैं, लेकिन सवाल यह है उनकी हिम्मत क्यों हो जाती है? सरकार को इस पर कुछ करना चाहिए. कानून व्यवस्था को मजबूत करने पर काम होना चाहिए.
चिरंजीवी अच्छी, लेकिन कई बीमारियों का इलाज नहींः सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को लेकर लोगों का कहना है कि योजना अच्छी है, लेकिन इसमें कई बीमारियों का इलाज नहीं है. कुछ बीमारियों का उपचार सिर्फ सरकारी अस्पताल में ही निशुल्क मिलता है. वहां की परेशानी को देख कर लोग निजी अस्पताल आते हैं. सरकार को इस पर ध्यान देना चाइए.
मुफ्त बिजली के बाद बढ़े हुए मिले बिजली बिलः प्रदेश में घरेलू बिजली कनेक्शन पर प्रतिमाह 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की घोषणा सरकार ने की है. उसका प्रचार भी जोर-शोर से किया गया, लेकिन लगातार बिलों में फ्यूल सरचार्ज के नाम पर जो राशि जोड़ी जा रही है, इससे लोग परेशान हैं. इससे सरकार की राहत कारगर नहीं रही गई है. व्यवसायिक व औद्योगिक क्षेत्र के लोग ज्यादा परेशान हैं. उनको फ्यूल सरचार्ज के नाम पर भारी रकम चुकानी पड़ रही है.