जोधपुर. मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने अनुमानों को सही ठहराते हुए 6 सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतार दिया, जिनमें दो केंद्रीय मंत्री भी हैं. ऐसे में अब राजस्थान चुनाव में भी भाजपा के सांसदों व केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव में उतारने की संभावनाएं प्रबल हो होती जा रही हैं. मारवाड़ में सबसे बड़ा नाम केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का है, जिनके विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं.
इसकी सबसे बड़ी वजह यह भी है कि शेखावत सीएम अशोक गहलोत के गृह जिले से सांसद हैं और इन दिनों दोनों एक दूसरे पर वार-पलटवार कर रहे हैं. ऐसे में शेखावत जोधपुर में किस विधानसभा से चुनाव लड़ सकते हैं, इसको लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है. जोधपुर लोकसभा क्षेत्र के सरदारपुरा, पोकरण व शेरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में से किसी एक से पार्टी उनको मैदान में उतार सकती है. गत लोकसभा चुनाव में शेखावत ने गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को 274440 मतों से हराया था.
गहलोत को घेरने के लिए सरदारपुराः संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी घोटाला प्रकरण को लेकर सीएम अशोक गहलोत व केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत आमने सामने हैं. दोनों लगातार एक दूसरे पर व्यक्गित और राजनीतिक हमले कर रहे हैं. गहलोत के हर बयान का पलटवार भी भाजपा में गजेंद्र सिंह शेखावत ही कर रहे हैं. दोनों एक दूसरे की वजह से कोर्ट का रास्ता भी देख चुके हैं. ऐसे में पार्टी चाहे तो सरदारपुरा में गहलोत को घेरने के लिए शेखावत को चुनाव मैदान में उतार सकती है. सामान्यतः गहलोत चुनाव के दौरान सरदारपुरा में अंतिम दो तीन दिन ही प्रचार करते हैं, बाकी समय पूरे प्रदेश में घूमते हैं. शेखावत के सामने आने से गहलोत को सरदारपुरा में फोकस करना पड़ सकता हैं. इतना ही नहीं, सरदारपुरा में राजपूत मतदाताओं की भी अच्छी खासी तादात है.
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क्या है चुनौतीः सरदारपुरा में शेखावत को गत चुनाव में सबसे कम बढ़त मिली थी. यहां गहलोत पांच बार से विधायक हैं. गत बार उन्होंने बड़ी जीत दर्ज की थी. यहां माली मतदाता राजपूतों से ज्यादा हैं. इसके अलावा गहलोत को सभी जातियों से वोट मिलते हैं.
किसे कितनी रही थी बढ़तः लोकसभा चुनाव में सरदारपुरा से गजेंद्र सिंह शेखावत कांग्रेस के वैभव गहलोत से 18827 वोटों से आगे रहे थे. वहीं, विधानसभा चुनाव में अशोक गहलोत ने भाजपा के शंभू सिंह खेतासर को 45597 मतों से हराया था.
राजपूतों में संदेश के लिए शेरगढ़ः जोधपुर लोकसभा क्षेत्र में शेरगढ़ विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह से राजपूत बाहुल्य है. यहां करीब एक लाख से ज्यादा राजपूत मतदाता हैं. यूं तो भाजपा ने किसी नेता को घोषित नहीं किया है, लेकिन प्रदेश में राजपूतों को संदेश देने के लिए यहां से भी शेखावत को उतार सकती है. पिछले चार विधानसभा चुनाव में तीन बार भाजपा यहां जीती है. गत बार 15 साल के बाद कांग्रेस को जीत नसीब हुई थी. ऐसे में कहा जा सकता है भाजपा का वर्चस्व हैं. शेखावत क्षेत्र में सक्रिय भी हैं, यहां राजनाथ सिंह की सभा भी करवा चुके हैं.
क्या है चुनौतीः शेरगढ़ में राजपूत समाज तीन गौत्र में विभक्त हैं. इनमें देवराज, गोगादेव व इंदा हैं. सर्वाधिक मतदाता इंदा दूसरे नंबर पर गोगादेव हैं. शेखावत को बाहरी बताया जा सकता है, क्योंकि मूलतः वे शेखावाटी के हैं. तीन बार के विधायक बाबूसिंह से उनकी पटरी भी नहीं बैठती है.
किसे कितनी रही बढ़तः लोकसभा चुनाव में शेरगढ़ से शेखावत कांग्रेस के वैभव गहलोत से 39801 वोटों से आगे रहे थे. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की मीना कंवर ने भाजपा के बाबू सिंह राठौड़ को 24696 मतों से हराया था.
ध्रुवीकरण के लिए पोकरणः पश्चिमी राजस्थान का पोकरण विधानसभा क्षेत्र राजपूत और अल्पसंख्यक बाहुल्य है. यहां हमेशा ही दोनों में कांटे की टक्कर रही हैं. गत बार भाजपा ने तारातरा मठ के प्रतापपुरी को उतारा था, लेकिन बहुत कम अंतर से सालेह मोहम्मद से हार गए थे, लेकिन लगातार सक्रिय हैं. गजेंद्र सिंह शेखावत भी पोकरण के दौरे करते रहते हैं. परिवर्तन यात्रा भी रामदेवरा से शुरू की गई थी. इस सीट पर उतारने से प्रदेश भर में ध्रुवीकरण का संदेश जाएगा, जिसका फायदा सभी विधानसभाओं में भाजपा को मिलने की संभावना होगी.
क्या है चुनौतीः पोकरण में हमेशा कांटे की टक्कर रही है. प्रतापपुरी के अलावा भी कई राजपूत नेता हैं, उनसे पार पाना होगा. भाजपा के शेखावत को यहां उतारने पर संभवतः कांग्रेस समीपस्थ जैसलमेर में मानवेंद्र सिंह को उतारकर राजपूतों में संदेश दे सकती है.
किसे कितनी मिली बढ़तः लोकसभा चुनाव में पोकरण से गजेंद्र सिंह शेखावत कांग्रेस के वैभव गहलोत से 19811 वोटों से आगे रहे थे. वहीं, पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सालेह मोहम्मद ने भाजपा के महंत प्रतापपुरी को महज 872 मतों से हराया था.