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संजीवनी पीड़ितों का प्रदर्शन, जिस रास्ते से जज निकले, वहां खड़े होकर लगाई न्याय की गुहार

संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी में निवेश करने वाले पीड़ितों ने जोधपुर में अनूठा प्रदर्शन किया. इस दौरान वे उस रास्ते पर न्याय की गुहार लगाते नजर आए जहां से कोर्ट के जज न्यायालय के लिए निकलते हैं.

Protest of victims of Sanjivani credit cooperative society in Jodhpur
संजीवनी पीड़ितों का प्रदर्शन, जिस रास्ते से जज निकले, वहां खड़े होकर लगाई न्याय की गुहार
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Published : Feb 9, 2023, 3:59 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी मामले में एसओजी की ओर से दर्ज मुकदमे में याचिकाकर्ता अशोक राठौड़ सहित 8 याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई होगी. गत सुनवाई में सभी की गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई थी.

गुरुवार को सुनवाई में इनको राहत नहीं मिले, इसके लिए संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी में निवेश करने वाले पीड़ितों ने अनूठा प्रदर्शन किया. बड़ी संख्या में पीड़ित पाली रोड पर उस रास्ते पर हाथ में न्याय दिलाने के बैनर लेकर खड़े हो गए, जहां से सभी न्यायाधीश हाईकोर्ट की ओर जाते हैं. पीड़ित संघ के संयोजक शांति स्वरूप वर्मा ने बताया कि संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी में जिन लोगों की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है, उनमें ज्यादातर कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से जुड़े हैं.

पढ़ें: संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी के मामला: हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी पर लगाई रोक

उनके साले अशोक सिंह राठौड़ भी इसमें शामिल हैं. जिनकी भी गिरफ्तारी पर रोक लगी है. सभी की ओर से दायर याचिकाओं में एसओजी द्वारा दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की गई. जबकि पीड़ित संघ सबके खिलाफ कार्रवाई कर अपनी राशि वापस प्राप्त करना चाहते हैं. संजीवनी कॉपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड ने राजस्थान में 211 और गुजरात में 26 शाखाओं सहित भारत के कई अन्य राज्यों में भी अपनी शाखाएं खोली थीं.

पढ़ें: संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी मामला: शेखावत बोले- परिवार की तीन पीढ़ियों में कोई सोसायटी का सदस्य व भागीदार नहीं

953 करोड़ की हुई धोखाधड़ी: जिससे करीब 1 लाख 46 हजार 993 निवेशकों से 953 करोड़ रुपए से अधिक की राशि निवेश करवाई गई. लेकिन तय ब्याज की राशि वापस लौटाने के समय सोसाइटी पीछे हट गई. इस ठगी के मामले में सर्वप्रथम मुख्य रूप से सीईओ नरेश सोनी, कार्यकारी अधिकारी किशन सिंह चोली, भूतपूर्व अध्यक्ष देवी सिंह शैतान सिंह और मुख्य सूत्रधार विक्रम सिंह इंद्रोई को गिरफ्तार किया गया. राजस्थान एसओजी ने करोड़ों रुपए के घोटाले में साल 2019 में 32 नंबर की एक FIR दर्ज की. जिसकी पड़ताल में कई नाम जुड़ते गए. आरोप यह भी है कि सोसाइटी में लोगों द्वारा निवेश की गई राशि का उपयोग ऐसे कार्यों में हुआ जिसमें गजेंद्र सिंह शेखावत और उनके रिश्तेदार शामिल थे.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी मामले में एसओजी की ओर से दर्ज मुकदमे में याचिकाकर्ता अशोक राठौड़ सहित 8 याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई होगी. गत सुनवाई में सभी की गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई थी.

गुरुवार को सुनवाई में इनको राहत नहीं मिले, इसके लिए संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी में निवेश करने वाले पीड़ितों ने अनूठा प्रदर्शन किया. बड़ी संख्या में पीड़ित पाली रोड पर उस रास्ते पर हाथ में न्याय दिलाने के बैनर लेकर खड़े हो गए, जहां से सभी न्यायाधीश हाईकोर्ट की ओर जाते हैं. पीड़ित संघ के संयोजक शांति स्वरूप वर्मा ने बताया कि संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी में जिन लोगों की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है, उनमें ज्यादातर कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से जुड़े हैं.

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उनके साले अशोक सिंह राठौड़ भी इसमें शामिल हैं. जिनकी भी गिरफ्तारी पर रोक लगी है. सभी की ओर से दायर याचिकाओं में एसओजी द्वारा दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की गई. जबकि पीड़ित संघ सबके खिलाफ कार्रवाई कर अपनी राशि वापस प्राप्त करना चाहते हैं. संजीवनी कॉपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड ने राजस्थान में 211 और गुजरात में 26 शाखाओं सहित भारत के कई अन्य राज्यों में भी अपनी शाखाएं खोली थीं.

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953 करोड़ की हुई धोखाधड़ी: जिससे करीब 1 लाख 46 हजार 993 निवेशकों से 953 करोड़ रुपए से अधिक की राशि निवेश करवाई गई. लेकिन तय ब्याज की राशि वापस लौटाने के समय सोसाइटी पीछे हट गई. इस ठगी के मामले में सर्वप्रथम मुख्य रूप से सीईओ नरेश सोनी, कार्यकारी अधिकारी किशन सिंह चोली, भूतपूर्व अध्यक्ष देवी सिंह शैतान सिंह और मुख्य सूत्रधार विक्रम सिंह इंद्रोई को गिरफ्तार किया गया. राजस्थान एसओजी ने करोड़ों रुपए के घोटाले में साल 2019 में 32 नंबर की एक FIR दर्ज की. जिसकी पड़ताल में कई नाम जुड़ते गए. आरोप यह भी है कि सोसाइटी में लोगों द्वारा निवेश की गई राशि का उपयोग ऐसे कार्यों में हुआ जिसमें गजेंद्र सिंह शेखावत और उनके रिश्तेदार शामिल थे.

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