जोधपुर. जिले के प्रताप नगर थाने में पुलिस ने झगड़े के मामले में 14 साल के नाबालिग युवक को 4 दिन तक थाने में बिना किसी एफआईआर के बैठाए रखा. परिजन पुलिस की मिन्नत करते रहे लेकिन पुलिस ने उसे नहीं छोड़ा.
जानकारी के अनुसार इस मामले में नाबालिग के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं थी. लेकिन पुलिस ने युवक को 4 दिन तक थाने में रखा. वहीं, जब मामले की जानकारी जोधपुर बाल कल्याण समिति को हुई तो समिति के अध्यक्ष जनपद गुर्जर ने मानव तस्करी यूनिट को इसकी सूचना दी.
लेकिन इसकी भनक लगते ही प्रताप नगर थाना पुलिस ने बालक को ईदगाह पुलिस चौकी भेज दिया. जहां पुलिस ने परिजनों को बुला कर नाबालिग को सुपुर्द कर दिया. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष जनपद गुर्जर ने माना कि पुलिस ने इस मामले में गलत तरीके से एक नाबालिग बच्चे को थाने में रखा है.
वहीं, पुलिस के अधिकारी इस मामले को पूरी तरह गलत बता रहे हैं. बाल कल्याण समिति अध्यक्ष ने इस मामले में पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए उच्च अधिकारियों को लिखने की बात कही है. साथ ही इसकी एक रिपोर्ट बाल संरक्षण आयोग को भेजने की तैयारी भी कर ली है.
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प्रताप नगर थाना क्षेत्र में शुक्रवार को दो गुटों में आपसी झगड़ा हुआ था. जिसका चश्मदीद गवाह सूरज था. पुलिस सूरज को शुक्रवार को ही घर से उठाकर प्रतापनगर थाने ले आई और उससे पूछताछ की. जिसके बाद सूरज ने झगड़े में शामिल लोगों के नाम बता दिए. लेकिन पुलिस ने सूरज को नहीं छोड़ा.
बाल कल्याण समिति का कहना है कि पुलिस की मंशा थी कि सूरज को भी आरोपी बनाया जाए. लेकिन पुलिस ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की और उसे चार दिन तक थाने में रखा. वहीं, ईदगाह चौकी के एएसआई गजेंद्र ने कहा कि बालक पुलिस थाने में नहीं था वो अपने घर में था. मैं खुद उससे पूछताछ करने गया था.