जोधपुर. शुक्रवार को लूणी पाल गंगाणा रोड स्थित अरिहंत अदिता में वाकल माता मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में वरघोड़ा धूमधाम से निकाला गया. जिसमें बड़ी संख्या में जोधपुर सहित विभिन्न जिलों और राज्यों से आए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया. इस कार्यक्रम में बैंड-बाजों की मधुर धुन के साथ निकले वरघोड़े में हाथी ऊंट घोड़े में अलग-अलग तरह की झांकियां सजावट कर उत्साह के साथ जयकारे लगाते नजर आए. उसके पश्चात विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए गए.
आयोजक समिति के पीयूष जोशी ने बताया कि शुक्रवार को मां वाकल माता की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा की गई. जिसमें प्रातः पूजन, प्रतिभा प्रवेश, पिंडीका प्रयोग, प्राण प्रतिष्ठा, मां पूजा श्रृंगार, वेशभूषा, महारथी आदि कार्यक्रम आयोजित किए गये.
ज्योतिआचार्य हितेश भाई शास्त्री सहित 21 विज्ञान पंडितों के सानिध्य में जाप का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु भाग ले रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि राजस्थान प्रदेश के बाड़मेर जिले में चौहटन उपखंड मुख्यालय से 9 किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा की ओर रेतीले टीलों और पहाड़ियों के बीच श्री वाकल माता का मंदिर स्थित है. यह मंदिर विरात्रा तीर्थ धाम के नाम से विख्यात है.
मंदिर की स्थापना महाराजा वीर विक्रमादित्य ने की थी. उन्होंने भी ऐसा ही मंदिर अरिहंत, आदित्य बिल्डिंग परिसर में बनाने का संकल्प लिया था और वह संकल्प पूरा होने जा रहा है. जिसको लेकर शुक्रवार को बड़ी संख्या में भक्तजनों ने हिस्सा लिया. इस अवसर पर शिव कृष्ण बोहरा, अरविंद शुक्ला, भवानी सिंह, मेड़तिया, दीपक मेनारिया, रश्मि सिंघवी, संजय नाहर सहित भक्तगण मौजूद थे.