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जोधपुर: वाकल माता मंदिर में शुरू हुआ प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव, वरघोड़े में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब

वाकल माता मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के अंर्तगत शुक्रवार को वरघोड़ा निकाला गया. जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे. वरघोड़े के बाद विभिन्न धार्मिक आयोजन भी किए गए.

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Published : Feb 7, 2020, 6:25 PM IST

Pran Pratishtha Festival at Wakal Mata Temple, वाकल माता मंदिर जोधपुर
वाकल माता मंदिर में शुरू हुआ प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव

जोधपुर. शुक्रवार को लूणी पाल गंगाणा रोड स्थित अरिहंत अदिता में वाकल माता मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में वरघोड़ा धूमधाम से निकाला गया. जिसमें बड़ी संख्या में जोधपुर सहित विभिन्न जिलों और राज्यों से आए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया. इस कार्यक्रम में बैंड-बाजों की मधुर धुन के साथ निकले वरघोड़े में हाथी ऊंट घोड़े में अलग-अलग तरह की झांकियां सजावट कर उत्साह के साथ जयकारे लगाते नजर आए. उसके पश्चात विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए गए.

वाकल माता मंदिर में शुरू हुआ प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव

आयोजक समिति के पीयूष जोशी ने बताया कि शुक्रवार को मां वाकल माता की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा की गई. जिसमें प्रातः पूजन, प्रतिभा प्रवेश, पिंडीका प्रयोग, प्राण प्रतिष्ठा, मां पूजा श्रृंगार, वेशभूषा, महारथी आदि कार्यक्रम आयोजित किए गये.

पढ़े- कवि प्रदीप की स्मृति में 'ऐ मेरे वतन के लोगों' कार्यक्रम का आयोजन, सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे का दिया संदेश

ज्योतिआचार्य हितेश भाई शास्त्री सहित 21 विज्ञान पंडितों के सानिध्य में जाप का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु भाग ले रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि राजस्थान प्रदेश के बाड़मेर जिले में चौहटन उपखंड मुख्यालय से 9 किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा की ओर रेतीले टीलों और पहाड़ियों के बीच श्री वाकल माता का मंदिर स्थित है. यह मंदिर विरात्रा तीर्थ धाम के नाम से विख्यात है.

मंदिर की स्थापना महाराजा वीर विक्रमादित्य ने की थी. उन्होंने भी ऐसा ही मंदिर अरिहंत, आदित्य बिल्डिंग परिसर में बनाने का संकल्प लिया था और वह संकल्प पूरा होने जा रहा है. जिसको लेकर शुक्रवार को बड़ी संख्या में भक्तजनों ने हिस्सा लिया. इस अवसर पर शिव कृष्ण बोहरा, अरविंद शुक्ला, भवानी सिंह, मेड़तिया, दीपक मेनारिया, रश्मि सिंघवी, संजय नाहर सहित भक्तगण मौजूद थे.

जोधपुर. शुक्रवार को लूणी पाल गंगाणा रोड स्थित अरिहंत अदिता में वाकल माता मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में वरघोड़ा धूमधाम से निकाला गया. जिसमें बड़ी संख्या में जोधपुर सहित विभिन्न जिलों और राज्यों से आए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया. इस कार्यक्रम में बैंड-बाजों की मधुर धुन के साथ निकले वरघोड़े में हाथी ऊंट घोड़े में अलग-अलग तरह की झांकियां सजावट कर उत्साह के साथ जयकारे लगाते नजर आए. उसके पश्चात विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए गए.

वाकल माता मंदिर में शुरू हुआ प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव

आयोजक समिति के पीयूष जोशी ने बताया कि शुक्रवार को मां वाकल माता की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा की गई. जिसमें प्रातः पूजन, प्रतिभा प्रवेश, पिंडीका प्रयोग, प्राण प्रतिष्ठा, मां पूजा श्रृंगार, वेशभूषा, महारथी आदि कार्यक्रम आयोजित किए गये.

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ज्योतिआचार्य हितेश भाई शास्त्री सहित 21 विज्ञान पंडितों के सानिध्य में जाप का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु भाग ले रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि राजस्थान प्रदेश के बाड़मेर जिले में चौहटन उपखंड मुख्यालय से 9 किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा की ओर रेतीले टीलों और पहाड़ियों के बीच श्री वाकल माता का मंदिर स्थित है. यह मंदिर विरात्रा तीर्थ धाम के नाम से विख्यात है.

मंदिर की स्थापना महाराजा वीर विक्रमादित्य ने की थी. उन्होंने भी ऐसा ही मंदिर अरिहंत, आदित्य बिल्डिंग परिसर में बनाने का संकल्प लिया था और वह संकल्प पूरा होने जा रहा है. जिसको लेकर शुक्रवार को बड़ी संख्या में भक्तजनों ने हिस्सा लिया. इस अवसर पर शिव कृष्ण बोहरा, अरविंद शुक्ला, भवानी सिंह, मेड़तिया, दीपक मेनारिया, रश्मि सिंघवी, संजय नाहर सहित भक्तगण मौजूद थे.

Intro:जोधपुर लूणी पाल गंगाणा रोड स्थित अरिहंत अदिता में वाकल माता मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में वरघोड़े में श्रद्धाओं का जनसैलाब उमड़ा। Body:शुक्रवार को प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में वरघोड़ा धूमधाम से निकाला गया जिसमें बड़ी संख्या में जोधपुर सहित विभिन्न जिलो एवं राज्यों से आए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में बैंड बाजों की मधुर धुन के साथ निकले वरघोड़े में हाथी ऊंट घोड़े में अलग-अलग तरह की झांकियां सजावट कर उत्साह के साथ जयकारे लगाते नजर आए। उसके पश्चात विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए गए आयोजक समिति के पियुष जोशी ने बताया कि शुक्रवार को मां वाकल माता की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा की गई जिसमें प्रातः पूजन , प्रतिभा प्रवेश, पिंडीका प्रयोग, प्राणप्रतिष्ठा, मां पूजा श्रृंगार, वेशभूषा, महारथी आदि कार्यक्रम आयोजित किए गये। ज्योतिआचार्य हितेश भाई शास्त्री सहित 21 विज्ञान पंडितों के सानिध्य में जाप का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु भाग ले रहे हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि राजस्थान प्रदेश के बाड़मेर जिले में चौहटन उपखंड मुख्यालय से 9 किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा की ओर रेतीले टीलों और पहाड़ियों के बीच श्री वाकल माता का मंदिर स्थित है। यह मंदिर विरात्रा तीर्थ धाम के नाम से विख्यात है। इसकी स्थापना महाराजा वीर विक्रमादित्य द्वारा की गई थी। उन्होंने भी ऐसा ही मंदिर अरिहंत, आदित्य बिल्डिंग परिसर में बनाने का संकल्प लिया था और वह संकल्प पूरा होने जा रहा है। जिसको लेकर आज बड़ी संख्या में भक्तजनों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर शिव कृष्ण बोहरा, अरविंद शुक्ला, भवानी सिंह, मेड़तिया, दीपक मेनारिया, रश्मि सिंघवी, संजय नाहर सहित भक्तगण मौजूद थे !
बाईट/ पियुष जोशी आयोजक प्राण प्रतिष्ठा महोत्सवConclusion:
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