जोधपुर. आम तौर पर विधानसभा चुनाव के दौरान सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के आरोप लगते हैं, लेकिन जोधपुर के ओसियां में आचार संहिता लगने से पहले ही ऐसे आरोपों का दौर शुरू हो गया है. हाल ही में ओसियां उपखंड अधिकारी ने बिना किसी को नोटिस दिए चार दर्जन बीएलओ को हटा दिया था, तब से यह विवाद शुरू हुआ है, क्योंकि हटाए गए बूथ लेवल ऑफिसर की जगह जिन्हें लगाया है, उन्होंने काम शुरू नहीं किया. इससे मतदाता सूचियों का काम प्रभावित हो रहा है. वर्तमान में मतदाता सूचियों का संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम चल रहा है. इसको लेकर पूर्व संसदीय सचिव भैराराम सियोल ने मुख्य राज्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिख हुए आपत्ति दर्ज करवाई तो संभागीय आयुक्त ने रिपोर्ट मांगी है।
सियोल ने लगाए मदेरणा पर आरोप - पूर्व विधायक सियोल ने आरोप लगाया कि खिसकती सियासी जमीन के चक्कर में कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही हैं. इस तरीके से प्रभाव का गलत इस्तेमाल कर लोकतांत्रिक मूल्यों का पतन करना अनुचित है. स्थानीय कांग्रेस विधायक के राजनीतिक दबाव व इशारे पर ओसियां उपखंड अधिकारी ने गैर कानूनी कार्य किया है. सियोल ने आगामी विधानसभा चुनाव प्रणाली में इस प्रकार से तो फर्जीवाड़ा करने की आशंका भी जताई है.
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चार साल से काम कर रहे थे बीएलओ - ओसियां क्षेत्र से हटाए गए 48 बीएलओ पिछले 4 वर्षों से निर्वाचन संबंधित कार्य कर रहे हैं, जिनको पूर्व में निर्वाचन विभाग व प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार का कोई कारण बताओं नोटिस नहीं दिया गया था. सियोल ने ओसियां विधायक पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी कार्मिकों द्वारा पार्टी विशेष की गतिविधियों में भाग लेने से इनकार करने पर इनको हटाया गया है. इधर इस मामले पर ओसियां एसडीएम राजीव शर्मा का कहना है कि हमने एआरओ की सिफारिश पर बीएलओ बदले हैं. इनमे कई के तबादले भी हो गए, कुछ सुपरवाइजर बन गए. नए बीएलओ काम कर रहे हैं. विधायक दिव्या मदेरणा ने इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.