जोधपुर. बासनी थाना पुलिस ने वसुंधरा हॉस्पिटल के आईसीयू में कार्यरत नर्सिंगकर्मी को रेमडेसिविर इंजेक्शन ब्लैक में 28 हजार रुपये में बेचने की फिराक में गिरफ्तार कर लिया. भगीरथ नाम के नर्सिंगकर्मी से 3 इंजेक्शन भी बरामद हुए है. प्रारंभिक पूछताछ में उसने बताया है कि आईसीयू में मरीजों के जारी होने वाले इंजेक्शन उन्हें नहीं लगाकर बचा लेता था.
इसके अलावा ऐसे मरीज जिनके लिए इंजेक्शन जारी हुआ है लेकिन उनकी मृत्यु हो जाती तो वह अपने पास ही रख लेता. जबकि सूत्रों का कहना है कि वह रेमडेसिविर की खाली वायल में डिस्टल वाटर या अन्य इंजेक्शन भरा दिखाता था. जिससे परिजन को शक नहीं हो. जिसे बाद में ग्लूकोज में डाल कर चढ़ता था. थानाअधिकारी पाना चौधरी ने बताया कि उन्हें पिछले कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि एक व्यक्ति दाऊजी की होटल के पास कोरोना उपचार में काम आने वाले महंगे इंजेक्शन बेचने आता है. इस पर पुलिस ने प्राप्त जानकारी के अनुसार वहां मोर्चा संभाला शनिवार रात को मुखबिर से नर्सिंगकर्मी की आने की सूचना मिली. इस बार एक टीम वहां मौजूद रही. हुलिए के आधार पर पहुंचे नर्सिंग कर्मी को पकड़ा तो उससे 3 इंजेक्शन बरामद हुए है.
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थाना अधिकारी के अनुसार मूल से पीपाड़ निवासी भागीरथ पुत्र आसाराम जीनगर चौपासनी हाउसिंग बोर्ड स्थित वसुंधरा अस्पताल के आईसीयू का नर्सिंग कर्मी है. जिसे वहां मरीजों को लगाने के लिए इंजेक्शन मिलते थे, उन्हें चुराकर बेचने लगा था. अब तक कितने इंजेक्शन से चुराए और कहां का बेचे हैं, इसको लेकर उससे पूछताछ की जा रही है. साथ ही में ही पुलिस उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड भी प्राप्त करेगी.
पुलिस की सूचना पर औषधि नियंत्रण विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और मामला दर्ज किया गया है. गौरतलब सप्ताह ही एसओजी ने जोधपुर के एक गोयल अस्पताल के नर्सिंग कर्मी को शिवगंज इंजेक्शन बेचने के मामले में गिरफ्तार किया था लेकिन अब रविवार को बासनी थाना पुलिस ने भी बड़ा खुलासा करने से जोधपुर में इस इंजेक्शन की बड़े पैमाने पर कालाबाजारी होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता.