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Navratri 2023 : नवरात्र पर मिट्टी की बनी मूर्तियां होंगी स्थापित, मेहरानगढ़ में सुबह 7 बजे से होंगे दर्शन - Rajasthan Hindi news

शारदीय नवरात्र को लेकर जोधपुर में काम तेजी से चल रहा है. यहां बनी इको फ्रेंडली मूर्तियां शहर के कई गली-मोहल्ले में स्थापित की जाती हैं, जिसे बनाने के लिए कोलकाता से कारीगर आए हुए हैं.

Eco Friendly Goddess Durga Idols
मिट्टी से बनी देवी दुर्गा की मूर्तियां
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 13, 2023, 3:51 PM IST

नवरात्र पर मिट्टी की बनी मूर्तियां होंगी स्थापित.

जोधपुर. 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो जाएंगे. इसके लिए शहर में तैयारियां जोरों पर हैं. खास तौर से नेहरू पार्क स्थित दुर्गाबाड़ी में मां दुर्गा की मूर्तियों का काम तेजी से चल रहा है. लोग यहां से मिट्टी की बनी इको फ्रेंडली मूर्ति लेकर जाते हैं. इसके लिए कोलकाता से कारीगर आए हुए हैं. दुर्गाबाड़ी के पंडित हरीश चक्रवर्ती ने बताया कि मूर्ति बनाने में मिट्टी के रंग ही काम में लिए जाते हैं, जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. इन मूर्तियों का घर में ही विसर्जन किया जा सकता है. शहर के कई प्रमुख मोहल्लों में माता की मूर्ति की स्थापना होगी. गरबे के भी आयोजन होंगे.

मेहरानगढ़ में भी तैयारियां जोरों पर : जोधपुर की आराध्य मां चामुंडा के दर्शन के लिए मेहरानगढ़ में भी तैयारियां जोरों पर हैं. नवरात्र के दौरान यहां सुबह 7 से शाम 5 बजे तक लोग दर्शन कर सकेंगे. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने मेहरानगढ़ का दौरा भी कर लिया है. 2008 में यहां हुए हादसे में 216 लोगों की मौत के बाद से नवरात्र में सभी इंतजाम प्रशासन की देखरेख में होते हैं.

पढ़ें. सूर्य और चंद्र ग्रहण के साथ हो रही Navratri 2023 की शुरुआत, जानिए कब और कहां दिखेगा ग्रहण

ये रहेगी यातायात व्यवस्था : डीसीपी ईस्ट डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि मेहरानगढ़ में पर्याप्त व्यवस्थाएं कर ली गई हैं. कितनी भी भीड़ आए किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. सभी को लाइन से प्रवेश दिया जाएगा. प्रवेश जयपोल और फतेहपोल से होगा. बसें और दूसरे चौपाहिया वाहन राव जोधा मार्ग से मेहरानगढ़ पार्किंग स्थल तक जाएंगे. नागोरी गेट, किला रोड से सिर्फ दुपहिया वाहन ही आ सकेंगे, जिससे किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. पॉलिथिन में प्रसाद ले जाने पर रोक रहेगी. स्वास्थ्य विभाग की टीम और एंबुलेंस यहां मौजूद रहेंगी.

दुर्गाबाड़ी में 24 को सिंदूर खेला होगा : दुर्गाबाड़ी के पंडित हरीश चक्रवर्ती ने बताया कि यहां 9 दिन तक पूजा-पाठ चलेंगे. 19 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक कई आयोजन होंगे. इनमें 20 तारीख को षष्ठी पूजन होगा, 21 को भोग का आयोजन होगा. 22 को बलिदान और महाभोग, 23 को हवन, कुंवारी कन्या पूजन और 24 अक्टूबर की सुबह बंगाली समाज की सुहागिन महिलाओं की ओर से सिंदूर खेला का आयोजन होगा. इसे देखने बड़ी संख्या में महिलाएं आती हैं.

नवरात्र पर मिट्टी की बनी मूर्तियां होंगी स्थापित.

जोधपुर. 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो जाएंगे. इसके लिए शहर में तैयारियां जोरों पर हैं. खास तौर से नेहरू पार्क स्थित दुर्गाबाड़ी में मां दुर्गा की मूर्तियों का काम तेजी से चल रहा है. लोग यहां से मिट्टी की बनी इको फ्रेंडली मूर्ति लेकर जाते हैं. इसके लिए कोलकाता से कारीगर आए हुए हैं. दुर्गाबाड़ी के पंडित हरीश चक्रवर्ती ने बताया कि मूर्ति बनाने में मिट्टी के रंग ही काम में लिए जाते हैं, जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. इन मूर्तियों का घर में ही विसर्जन किया जा सकता है. शहर के कई प्रमुख मोहल्लों में माता की मूर्ति की स्थापना होगी. गरबे के भी आयोजन होंगे.

मेहरानगढ़ में भी तैयारियां जोरों पर : जोधपुर की आराध्य मां चामुंडा के दर्शन के लिए मेहरानगढ़ में भी तैयारियां जोरों पर हैं. नवरात्र के दौरान यहां सुबह 7 से शाम 5 बजे तक लोग दर्शन कर सकेंगे. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने मेहरानगढ़ का दौरा भी कर लिया है. 2008 में यहां हुए हादसे में 216 लोगों की मौत के बाद से नवरात्र में सभी इंतजाम प्रशासन की देखरेख में होते हैं.

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ये रहेगी यातायात व्यवस्था : डीसीपी ईस्ट डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि मेहरानगढ़ में पर्याप्त व्यवस्थाएं कर ली गई हैं. कितनी भी भीड़ आए किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. सभी को लाइन से प्रवेश दिया जाएगा. प्रवेश जयपोल और फतेहपोल से होगा. बसें और दूसरे चौपाहिया वाहन राव जोधा मार्ग से मेहरानगढ़ पार्किंग स्थल तक जाएंगे. नागोरी गेट, किला रोड से सिर्फ दुपहिया वाहन ही आ सकेंगे, जिससे किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. पॉलिथिन में प्रसाद ले जाने पर रोक रहेगी. स्वास्थ्य विभाग की टीम और एंबुलेंस यहां मौजूद रहेंगी.

दुर्गाबाड़ी में 24 को सिंदूर खेला होगा : दुर्गाबाड़ी के पंडित हरीश चक्रवर्ती ने बताया कि यहां 9 दिन तक पूजा-पाठ चलेंगे. 19 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक कई आयोजन होंगे. इनमें 20 तारीख को षष्ठी पूजन होगा, 21 को भोग का आयोजन होगा. 22 को बलिदान और महाभोग, 23 को हवन, कुंवारी कन्या पूजन और 24 अक्टूबर की सुबह बंगाली समाज की सुहागिन महिलाओं की ओर से सिंदूर खेला का आयोजन होगा. इसे देखने बड़ी संख्या में महिलाएं आती हैं.

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