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अशोक गहलोत के शहर में सस्ती परिवहन सुविधा पर लटकी तलवार, राशि देने से सरकार का इनकार

जोधपुर शहर में सस्ती दरों पर सार्वजनिक परिवहन सेवा के रूप में लो फ्लोर बसों का संचालन शुरू किया गया था. हालांकि अब इन बसों का संचालन बंद करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं.

low floor buses operation closed in Jodhpur
सस्ती परिवहन सुविधा पर लटकी तलवार
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 8, 2023, 4:09 PM IST

जोधपुर. शहर में सस्ती परिवहन सेवा के लिए शुरू की गई लो फ्लोर बसों का संचालन एक बार फिर खटाई में पड़ता नजर आ रहा है. सरकार ने इन बसों के संचालन के लिए लिए दी जाने वाली अतिरिक्त राशि देने से इनकार कर दिया है. प्रदेश में आचार संहिता लगने के बाद नगर निकाय विभाग के निदेशालय ने इसके आदेश जारी कर दिए थे. लेकिन नगर निगम आयुक्त ने गुरुवार से बसों के संचालन बंद करने के लिए आदेश जारी किए, तो मामले ने तूल पकड़ लिया.

जोधपुर नगर निगम उत्तर की महापौर कुंति देवड़ा ने इसको लेकर आयुक्त अतुल प्रकाश के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि बोर्ड की अनुमति के बिना आदेश जारी कर दिया गया. इसके बाद आयुक्त ने सरकार का आदेश सार्वजनिक कर दिया. जिसमें इन बसों के संचालन के लिए अतिरिक्त राशि नहीं देने का कहा गया है. हालांकि शुक्रवार को भी आपरेटर बसों का संचालन कर रहा है. क्योंकि उसके अनुबंध में अचानक संचालन रोकने का कोई प्रावधान नहीं हैं. लेकिन यह तय माना जा रहा है कि इन बसों के संचालन पर तलवार लटक गई है. बस संचालन करने वाली कंपनी लक्ष्मी ट्रेवल्स का अभी डेढ़ करोड़ रुपए बकाया चल रहा है.

पढ़ें: जयपुर : मेंटेनेंस के अभाव में ट्रांसपोर्ट लाइफ लाइन ही बन रही जान पर भारी

इलेक्ट्रिक बसें आएगी, इसलिए सहायता बंद: 11 अक्टूबर, 2023 को स्थानीय निकाय विभाग निदेशालय के वित्तीय सलाहकार महेंद्र मोहन ने जोधपुर बस सर्विसेज लिमिटेड के आयुक्त को पत्र लिखकर जानकारी दी थी कि सरकार ने पूरे प्रदेश में नगरीय परिवहन के लिए 500 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने की अनुमति दी है. इनमें से 70 बसें जोधपुर को मिलेंगी. ऐसे में जोधपुर में बसें संचालित करने के लिए सरकार बसों के रखरखाव, मरम्मत व संचालन हानि के लिए राशि नहीं दे सकती. आयुक्त अतुल प्रकाश का कहना है कि हमें सितंबर में संचालन रोकने के लिए निर्देशित किया था, लेकिन हमने आग्रह कर इसे चलाया. इसके बाद बसों का संचालन बंद करने का आदेश जारी करना पड़ा.

पढ़ें: लो फ्लोर बसों के कर्मचारियों की सुनवाई के बजाय अधिकारी दे रहे फंड नहीं होने का हवाला, यूनियन ने दी अनिश्चितकाल हड़ताल की चेतावनी

39 में से 20 बसें ही चल रहीं: दरअसल 2013 में शहर के 6 रूटों पर 39 लग्जरी लो फ्लोर बसों का संचालन शुरू करने के लिए एक कंपनी बनाई गई. जिसका मुखिया नगर निगम के आयुक्त को बनाया गया था. लेकिन लंबे समय तक बसें खड़ी रहीं. जोधपुर बस सर्विस लिमिटेड का 2016 में, बसों के संचालन को 5 साल के लिए फिर से अनुबंधित किया गया था. लेकिन 2020 में कोरोना के चलते बसें बंद कर दी गई. इसके बाद दिसंबर से जनवरी 2021 तक बसें चलाई गई. फिर संचालन ठेका खत्म होने से बंद हो गई थी. करीब ढाई साल बंद होने के बाद इस वर्ष जुलाई में 20 बसें वापस शुरू की गई थीं.

पढ़ें: लो-फ्लोर बस बंद: ऑटो चालक और मिनी बस चालक वसूल रहे मनमाना किराया, लोगों को हो रही परेशानी

हर दिन 8 से 9 हजार यात्रियों को सुविधा: शहर में चलने वाली निजी नगरीय परिवहन की सिटी बसों की तुलना में सरकारी बसों में किराया कम लगता है. दो रूट पर चलने वाली 20 बसों में प्रति दिन 8 से 9 हजार यात्री सफर करते हैं. इसमें बैठने की सुविधा भी अच्छी है. महिलाओं के लिए काफी उपयोगी है. वे छोटी सिटी बसों में धक्के खाने से बचती हैं. वर्तमान में संचालन करने वाली लक्ष्मी ट्रेवल्स के संचालक प्रवीण पंवार के अनुसार जोधपुर बस सर्विसेज लिमिटेड में करीब डेढ़ करोड़ रुपए बकाया है.

जोधपुर. शहर में सस्ती परिवहन सेवा के लिए शुरू की गई लो फ्लोर बसों का संचालन एक बार फिर खटाई में पड़ता नजर आ रहा है. सरकार ने इन बसों के संचालन के लिए लिए दी जाने वाली अतिरिक्त राशि देने से इनकार कर दिया है. प्रदेश में आचार संहिता लगने के बाद नगर निकाय विभाग के निदेशालय ने इसके आदेश जारी कर दिए थे. लेकिन नगर निगम आयुक्त ने गुरुवार से बसों के संचालन बंद करने के लिए आदेश जारी किए, तो मामले ने तूल पकड़ लिया.

जोधपुर नगर निगम उत्तर की महापौर कुंति देवड़ा ने इसको लेकर आयुक्त अतुल प्रकाश के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि बोर्ड की अनुमति के बिना आदेश जारी कर दिया गया. इसके बाद आयुक्त ने सरकार का आदेश सार्वजनिक कर दिया. जिसमें इन बसों के संचालन के लिए अतिरिक्त राशि नहीं देने का कहा गया है. हालांकि शुक्रवार को भी आपरेटर बसों का संचालन कर रहा है. क्योंकि उसके अनुबंध में अचानक संचालन रोकने का कोई प्रावधान नहीं हैं. लेकिन यह तय माना जा रहा है कि इन बसों के संचालन पर तलवार लटक गई है. बस संचालन करने वाली कंपनी लक्ष्मी ट्रेवल्स का अभी डेढ़ करोड़ रुपए बकाया चल रहा है.

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इलेक्ट्रिक बसें आएगी, इसलिए सहायता बंद: 11 अक्टूबर, 2023 को स्थानीय निकाय विभाग निदेशालय के वित्तीय सलाहकार महेंद्र मोहन ने जोधपुर बस सर्विसेज लिमिटेड के आयुक्त को पत्र लिखकर जानकारी दी थी कि सरकार ने पूरे प्रदेश में नगरीय परिवहन के लिए 500 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने की अनुमति दी है. इनमें से 70 बसें जोधपुर को मिलेंगी. ऐसे में जोधपुर में बसें संचालित करने के लिए सरकार बसों के रखरखाव, मरम्मत व संचालन हानि के लिए राशि नहीं दे सकती. आयुक्त अतुल प्रकाश का कहना है कि हमें सितंबर में संचालन रोकने के लिए निर्देशित किया था, लेकिन हमने आग्रह कर इसे चलाया. इसके बाद बसों का संचालन बंद करने का आदेश जारी करना पड़ा.

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39 में से 20 बसें ही चल रहीं: दरअसल 2013 में शहर के 6 रूटों पर 39 लग्जरी लो फ्लोर बसों का संचालन शुरू करने के लिए एक कंपनी बनाई गई. जिसका मुखिया नगर निगम के आयुक्त को बनाया गया था. लेकिन लंबे समय तक बसें खड़ी रहीं. जोधपुर बस सर्विस लिमिटेड का 2016 में, बसों के संचालन को 5 साल के लिए फिर से अनुबंधित किया गया था. लेकिन 2020 में कोरोना के चलते बसें बंद कर दी गई. इसके बाद दिसंबर से जनवरी 2021 तक बसें चलाई गई. फिर संचालन ठेका खत्म होने से बंद हो गई थी. करीब ढाई साल बंद होने के बाद इस वर्ष जुलाई में 20 बसें वापस शुरू की गई थीं.

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हर दिन 8 से 9 हजार यात्रियों को सुविधा: शहर में चलने वाली निजी नगरीय परिवहन की सिटी बसों की तुलना में सरकारी बसों में किराया कम लगता है. दो रूट पर चलने वाली 20 बसों में प्रति दिन 8 से 9 हजार यात्री सफर करते हैं. इसमें बैठने की सुविधा भी अच्छी है. महिलाओं के लिए काफी उपयोगी है. वे छोटी सिटी बसों में धक्के खाने से बचती हैं. वर्तमान में संचालन करने वाली लक्ष्मी ट्रेवल्स के संचालक प्रवीण पंवार के अनुसार जोधपुर बस सर्विसेज लिमिटेड में करीब डेढ़ करोड़ रुपए बकाया है.

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