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Reality Check: सरकारी अस्पताल में रात भर से मरीजों को उपचार का इंतजार, एम्स ओपीडी में लगी कतारें

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Published : Mar 29, 2023, 5:02 PM IST

Updated : Mar 29, 2023, 7:32 PM IST

राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में उतरे निजी अस्पताल और सरकारी डॉक्टर्स के समर्थन के चलते जोधपुर के अस्पतालों में हालात विकट हैं. मरीजों को ना तो पूरा इलाज मिल रहा है और ना ही उन्हें भर्ती किया जा रहा है. ओपीडी में भी लम्बी कतारें लगी हैं.

Lines of patients in OPDs in hospitals of Jodhpur
Reality Check: सरकारी अस्पताल में रात भर से मरीजों को उपचार का इंतजार, एम्स ओपीडी में लगी कतारें
चिकित्सकों की हड़ताल से मरीज हलकान...

जोधपुर. राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में निजी अस्पतालों की हड़ताल में सरकारी चिकित्सकों के समर्थन में उतरने से सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं. जोधपुर में डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज से जुडे़ अस्पतालों में मरीज परेशान हैं. तमाम दावों के बावजूद मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है. अस्पताल प्रबंधन दावा कर रहा है कि हम सेवाएं दे रहे हैं. ऑपरेशन भी चालू हैं. लेकिन दावे हकीकत से कोसों दूर हैं. सिर्फ इमरजेंसी के ऑपरेशन हो रहे हैं.

एमडीएम अधीक्षक डॉ विकास राजपुरोहित का कहना है कि आज दो घंटे सीनियर ने काम नहीं किया. रेजिडेंट भी हड़ताल पर हैं. लेकिन कुछ रेजिडेंट अनऑफिशियल काम कर रहे हैं. जबकि दावे से उलट असलियत में यह सब सिर्फ सरकार को दिखाने के लिए है. दूसरी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर अभी अपनी हड़ताल पर कायम हैं. बता दें कि इस हड़ताल के चलते प्रदेश के कई जिलों में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है.

पढ़ेंः Protest against Right to Health Bill : जालोर में इलाज के अभाव में 3 वर्षीय बच्चे की मौत, परिजनों का सरकारी डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप

रात भर से इंतजार: फलोदी निवासी देवीचंद बुजुर्ग का भाई दर्द के मारे बैठ नहीं पा रहा है. फलोदी में कई दिनों से दवाइयां लीं, लेकिन राहत नहीं मिली. इसके चलते मंगलवार शाम एमडीएम अस्पताल की इमरजेंसी ट्रोमा में पहुंचे, लेकिन वहां पूरी रात उनको देखने वाला कोई नहीं था. एक टेबलेट दे दी. रात भर स्ट्रेचर पर रहा. सुबह फिर हाथ जोडे़, लेकिन कोई भर्ती करने के लिए तैयार नहीं हुआ. ओपीडी में फिर दवाइयां दे दीं और कहा कि घर ले जाओ, बाद में आना.

पढ़ेंः Protest against Right to Health Bill : राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में आज बंद, जानिए कौन सी सेवाओं पर सरकार सख्त

तीन बहनें भाई के लिए आईं, उपचार नहीं मिलाः पाली जिले के नाडोल निवासी लीला अपनी तीन बहनों के साथ भाई को लेकर मंगलवार शाम को यहां आई थी. भाई को लकवा आ गया है. वह हिल-डुल नहीं सकता. रात भर इमरजेंसी के पास गलियारे में बैठे रहे. किसी ने नहीं देखा. लीला ने बताया कि कल रात से कह रहे हैं कि घर ले जाओ, अभी इलाज नहीं होगा. अब वापस कहां लेकर जाएं. भाई की हालत खराब है.

पढ़ेंः Protest of RTH : निजी अस्पतालों के महाबंद में अगर शामिल हुए सरकारी चिकित्सक, तो होगी विभागीय कार्रवाई

एम्स में भी बढ़ी भीड़ः जोधपुर में सरकारी व निजी अस्पतालों की हड़ताल का असर एम्स पर पड़ रहा है. यहां पर ओपीडी के रजिस्ट्रशेन के लिए लंबी कतारें लग रही हैं. मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है. सड़क दुर्घटना के घायलों के लिए उपचार के लिए सिर्फ एक एम्स ही बचा है. जहां पहले से ही मरीजों को भार ज्यादा है. स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा ने मंगलवार को दावा किया था कि सीएचसी से लेकर एसएमएस तक उपचार हो रहा है. सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल के लिए कहा था कि हम हैंडल कर लेंगे, लेकिन सभी जगह डॉक्टर काम पर नहीं गए.

चिकित्सकों की हड़ताल से मरीज हलकान...

जोधपुर. राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में निजी अस्पतालों की हड़ताल में सरकारी चिकित्सकों के समर्थन में उतरने से सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं. जोधपुर में डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज से जुडे़ अस्पतालों में मरीज परेशान हैं. तमाम दावों के बावजूद मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है. अस्पताल प्रबंधन दावा कर रहा है कि हम सेवाएं दे रहे हैं. ऑपरेशन भी चालू हैं. लेकिन दावे हकीकत से कोसों दूर हैं. सिर्फ इमरजेंसी के ऑपरेशन हो रहे हैं.

एमडीएम अधीक्षक डॉ विकास राजपुरोहित का कहना है कि आज दो घंटे सीनियर ने काम नहीं किया. रेजिडेंट भी हड़ताल पर हैं. लेकिन कुछ रेजिडेंट अनऑफिशियल काम कर रहे हैं. जबकि दावे से उलट असलियत में यह सब सिर्फ सरकार को दिखाने के लिए है. दूसरी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर अभी अपनी हड़ताल पर कायम हैं. बता दें कि इस हड़ताल के चलते प्रदेश के कई जिलों में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है.

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रात भर से इंतजार: फलोदी निवासी देवीचंद बुजुर्ग का भाई दर्द के मारे बैठ नहीं पा रहा है. फलोदी में कई दिनों से दवाइयां लीं, लेकिन राहत नहीं मिली. इसके चलते मंगलवार शाम एमडीएम अस्पताल की इमरजेंसी ट्रोमा में पहुंचे, लेकिन वहां पूरी रात उनको देखने वाला कोई नहीं था. एक टेबलेट दे दी. रात भर स्ट्रेचर पर रहा. सुबह फिर हाथ जोडे़, लेकिन कोई भर्ती करने के लिए तैयार नहीं हुआ. ओपीडी में फिर दवाइयां दे दीं और कहा कि घर ले जाओ, बाद में आना.

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तीन बहनें भाई के लिए आईं, उपचार नहीं मिलाः पाली जिले के नाडोल निवासी लीला अपनी तीन बहनों के साथ भाई को लेकर मंगलवार शाम को यहां आई थी. भाई को लकवा आ गया है. वह हिल-डुल नहीं सकता. रात भर इमरजेंसी के पास गलियारे में बैठे रहे. किसी ने नहीं देखा. लीला ने बताया कि कल रात से कह रहे हैं कि घर ले जाओ, अभी इलाज नहीं होगा. अब वापस कहां लेकर जाएं. भाई की हालत खराब है.

पढ़ेंः Protest of RTH : निजी अस्पतालों के महाबंद में अगर शामिल हुए सरकारी चिकित्सक, तो होगी विभागीय कार्रवाई

एम्स में भी बढ़ी भीड़ः जोधपुर में सरकारी व निजी अस्पतालों की हड़ताल का असर एम्स पर पड़ रहा है. यहां पर ओपीडी के रजिस्ट्रशेन के लिए लंबी कतारें लग रही हैं. मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है. सड़क दुर्घटना के घायलों के लिए उपचार के लिए सिर्फ एक एम्स ही बचा है. जहां पहले से ही मरीजों को भार ज्यादा है. स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा ने मंगलवार को दावा किया था कि सीएचसी से लेकर एसएमएस तक उपचार हो रहा है. सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल के लिए कहा था कि हम हैंडल कर लेंगे, लेकिन सभी जगह डॉक्टर काम पर नहीं गए.

Last Updated : Mar 29, 2023, 7:32 PM IST
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