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भोपालगढ़ः काला-गोरा भैरूजी मेला में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, पूरी होती है संतान सुख की कामना

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Published : Jan 25, 2020, 2:56 PM IST

साथीन के काला-गोरा भैरूजी मेले में आसपास के गांवों और शहरों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे. मुख्य गेट से सीढ़ियों तक लंबी-लंबी लाइनें लगी रहीं.

काला गौरा भेरूजी मेला, bhopalgarh fare
काला गौरा भेरूजी मेला

भोपालगढ़ (जोधपुर). साथीन ग्राम में चल रहे तीन दिवसीय काला-गोरा भैरूजी के मेले में दूसरे दिन जातरूओं का सैलाब उमड़ा पडा. दूसरे दिन आसपास के गांवों और शहरों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे. मुख्य गेट से सीढ़ियों तक लंबी-लंबी लाइनें लगी रहीं. जिसे देख मेले में पुलिस ने माकूल सुरक्षा इंतजाम किए.

काला गौरा भेरूजी मेला

साथीन के काला-गोरा भैरुजी की धार्मिक आस्था है, कि नवदंपति द्वारा मोड़ बंदी जात लगाने से संतान सुख की प्राप्ति जल्दी होती है. वहीं इच्छा और मनोकामना पूरी होने पर दंपतियों द्वारा भी मोड बंदी जात लगाई जाती है.

पढ़ें. भाजपा का सदन से वॉकआउट लेकिन सदन में डटे रहे कैलाश मेघवाल

80-80 वर्षीय बुजुर्ग भी मंदिर में मोड़ बंदी जात लगाकर भैरव बाबा का आशीर्वाद लेने आते है. वही श्रद्धालुओं बाबा को बाजरे की रोटी, तिल का तेल और गुड़ में बनाया गया चूरमा चढ़ाते हैं. बाबा का यही मुख्य प्रसाद है.

भोपालगढ़ (जोधपुर). साथीन ग्राम में चल रहे तीन दिवसीय काला-गोरा भैरूजी के मेले में दूसरे दिन जातरूओं का सैलाब उमड़ा पडा. दूसरे दिन आसपास के गांवों और शहरों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे. मुख्य गेट से सीढ़ियों तक लंबी-लंबी लाइनें लगी रहीं. जिसे देख मेले में पुलिस ने माकूल सुरक्षा इंतजाम किए.

काला गौरा भेरूजी मेला

साथीन के काला-गोरा भैरुजी की धार्मिक आस्था है, कि नवदंपति द्वारा मोड़ बंदी जात लगाने से संतान सुख की प्राप्ति जल्दी होती है. वहीं इच्छा और मनोकामना पूरी होने पर दंपतियों द्वारा भी मोड बंदी जात लगाई जाती है.

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80-80 वर्षीय बुजुर्ग भी मंदिर में मोड़ बंदी जात लगाकर भैरव बाबा का आशीर्वाद लेने आते है. वही श्रद्धालुओं बाबा को बाजरे की रोटी, तिल का तेल और गुड़ में बनाया गया चूरमा चढ़ाते हैं. बाबा का यही मुख्य प्रसाद है.

Intro:साथीन में काला गौरा भेरूजी मेले में दूसरे दिन जातरूओं का सैलाब उमड़ाBody:साथीन में काला गोरा भेरुजी का तीन दिवसीय मेला हुआ शुरू, आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में हजारों की तादाद में महिला-पुरुष श्रद्धालु आ रे दर्शन को, पुलिस की माकूल व्यवस्थाConclusion:साथीन में काला गौरा भेरूजी मेले में दूसरे दिन जातरूओं का सैलाब उमड़ा

उपखंड स्तर का सबसे बड़ा मेला का कल होगा समापन
भोपालगढ़।
पीपाड़ उपखंड के साथीन ग्राम मे चल रहे तीन दिवसीय काला गौरा भेरूजी के मेले में दूसरे दिन जातरूओं का सैलाब उमड़ा। दूसरे दिन आसपास के गांवों व शहरों से भारी मात्रा में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे। मुख्य गेट से सीढ़ियों तक लंबी लाइनें लगी रही। मेले में पीपाड़ थाना द्वारा माकूल सुरक्षा व्यवस्था की गई ।बाहर से आने वाले जातरूओं की सेवा में गांव वाले पलक पावडे बिछाए। वही मेले का रविवार को समापन होगा।---पुत्र प्राप्ति के लिए नव दंपतियों ने मोड़बंदी जाते लगाई। तेल का चूरमा प्रिय भोग---साथीन स्थित काला गोरा भेरुजी की धार्मिक आस्था है कि नव दंपति द्वारा मोड बंदी जात लगाने से संतान सुख की प्राप्ति जल्दी होती है। वही इच्छा व मनोकामना पूर्ण होने पर दंपतियों द्वारा भी मोड बंदी जात लगाई जाती है। 80 वर्षीय बुजुर्ग ने मंदिर में मोड़बंदी जात लगाकर भैरव बाबा का आशीर्वाद लिया।वही श्रद्धालुओं द्वारा बाबा को बाजरे की रोटी, तिल का तिल व गुड़ में बनाया गया चूरमा चढ़ाया जाता है।बाबा का यही मुख्य प्रसाद है।

--मेले में कृषि ओजारो की जमकर खरीदारी हुई---मेले में कृषि औजारों की सर्वाधिक बिक्री होती है ।खेतों में काम आने वाले को ओजार ग्रामीणों महिलाओं व पुरुषों द्वारा जमकर खरीदे गए।

--सेल्फि में कैद की यादें---बाहर से दर्शन करने आए श्रद्धालुओं ने बावड़ी परिसर की सीढ़ियों पर खड़े होकर सेल्फी लेकर यादों को कैद किया।
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