जोधपुर. केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आय को दुगुनी कर दी जाए. इसको लेकर किसानों के उत्पाद के दामों में बढ़ोत्तरी की जा रही है. साथ ही उत्पाद को बढ़ाने के लिए भी कई तरह की तकनीकें किसानों को बताई जा रही है. इसी कड़ी में यहां के वैज्ञानिक किसान परिवार को बाजरे का केक, खजूर की चॉकलेट सहित अन्य मीठे पकवान बनाना सिखा रहे हैं.
इन पकवानों का उपयोग किसान अपने घरों में भी कर सकते हैं और साथ ही आवश्यकता पड़ने पर बड़े स्तर पर उनका उत्पाद कर अपनी आजीविका को भी बढ़ाया जा सकता है. किसान केंद्र के वैज्ञानिक हेमलता अवस्थी ने बताया कि शुष्क क्षेत्र की प्रमुख फसलें बाजरा, मूंगफली, तिल, ज्वार, गम के अलावा अनार, तरबूज, गोंद, करौंदा के साथ दूध, खजूर सहित अन्य चीजों का उपयोग कर पुडिंग बनाई जाती है.
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इसमें खासतौर पर बिना अंडे से बना बाजरे का केक काफी प्रचलित है. इसके अलावा यहां पर बाजरे के बिस्किट भी बनाए गए हैं, हालांकि अभी प्रायोगिक तौर पर इसकी शुरुआत हुई है. गौरतलब है कि प्रशिक्षण कार्यक्रम तो चलाए जा रहे हैं जिसका असर आने वाले दिनों में नजर आएगा. वैज्ञानिकों के अनुसार किसान परिवारों का प्रशिक्षण काजरी के परिसर के अलावा आवश्यकता पड़ने पर गांव में जाकर भी दिया जाता है.