लूणी (जोधपुर). राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास ने सोमवार को बाल बसेरा गृह का निरीक्षण किया. इस दौरान बाल बसेरा गृह में उनका जोरदार स्वागत किया गया. जहां आयोग के अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार संस्थान में उनका जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान जस्टिस ने बाल गृह में बच्चों के रहने की व्यवस्था और सुविधाओं का भी जायजा लिया.
सोमवार को जस्टिस ने बाल गृह में आवासीय बच्चों को संस्थान की ओर से दी जा रही व्यवस्था और सुविधाओं का जायजा लिया. साथ ही बच्चों को दिए जा रहे भोजन के बारे में उनकी गुणवत्ता को परखा. यही नहीं बच्चों के साथ बीच में बैठकर बातचीत भी की. बच्चों को कोरोना से बचाव के लिए संस्थान की ओर से किए गए उपयोग और इंतजामों का भी अवलोकन किया.
इस कार्यक्रम के दौरान बाल बसेरा के नन्हे मुन्ने बालक-बालिकाओं की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया. जिसमें बच्चों की ओर से किए गए नृत्य और नुक्कड़ नाटक ने सभी का मन मोह लिया. जस्टिस ने बताया कि बाल बसेरा में बच्चों हेतु अन्य व्यवस्थाओं महिला कर्मी बालक बालिकाओं के आवास के अलग-अलग व्यवस्था, बालकों के साथ दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उपयुक्त व्यवस्था और संस्था में पर्याप्त रोशनी, बच्चों को सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडा रहने की व्यवस्था को लेकर भी उन्होंने निरीक्षण कर जानकारी ली.
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इसी दौरान सहायक निर्देशक डॉ बीएल सारस्वत , जिला बाल संरक्षण उपनिदेशक अनिल व्यास , सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग अध्यक्ष डॉक्टर धनपत गुर्जर सहित बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी मौजूद रहे. इसी दौरान संस्थान के अध्यक्ष दिनेश जोशी की ओर से संस्थान एवं बाल ग्रृहों के बच्चों को पर्याप्त सुविधाएं और व्यवस्थाओं से विस्तार से अवगत कराया. साथ ही जस्टिस ने बालक-बालिकाओं को प्रसाद वितरित की.