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हाइकोर्ट की ओर से नियुक्त न्याय मित्रों ने किया उम्मेद अस्पताल का औचक निरीक्षण - Justice friend inspection jodhpur

शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त न्याय मित्रों ने उम्मेद अस्पताल का निरिक्षण किया. निरीक्षण के बाद उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि मामला न्यायालय के अधीन है, निरीक्षण की रिपोर्ट न्यायालय को देंगे.

Justice friend inspection jodhpur, उम्मेद अस्पताल के दौरे पर न्यायमित्र
न्याय मित्रों ने किया उम्मेद अस्पताल का औचक निरीक्षण
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Published : Jan 31, 2020, 4:46 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाई कोर्ट के निर्देश पर नियुक्त किए गए न्याय मित्रों ने उम्मेद अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. करीब 1 से 2 घंटे तक न्याय मित्र अस्पताल में रहे और यहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. निरीक्षण के बाद उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि मामला न्यायालय के अधीन है, निरीक्षण की रिपोर्ट न्यायालय को देंगे.

न्याय मित्र राजेंद्र सारस्वत, कुलदीप वैष्णव और पंकज शर्मा ने शुक्रवार को उम्मेद अस्पताल पहुंच कर औचक निरीक्षण शुरू किया. अस्पताल अधीक्षक को जानकारी मिलने पर वह भी उनके साथ रही. बाद में कार्यालय में कुछ देर तक अन्य जानकारियां भी न्यायमित्रों ने प्राप्त की.

न्याय मित्रों ने किया उम्मेद अस्पताल का औचक निरीक्षण

निरीक्षण के दौरान मीडिया को भी प्रवेश नहीं दिया गया. गौरतलब है कि राजस्थान हाइकोर्ट में बांसवाड़ा में नवजात की मौतों को लेकर चल रही याचिका की गत सुनवाई के दौरान जोधपुर के उम्मेद अस्पताल में भी 1 माह में 146 बच्चों की मौत का मामला सामने आया था. इस पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस इंद्रजीत महांति और जस्टिस पुष्पेन्द्र सिंह भाटी की खंडपीठ ने प्रदेश के असप्तालों में बच्चों की हो रही मौतों पर चिंता जताई थी.

पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में पिछड़ा जयपुर एयरपोर्ट, 63वें से 89वें स्थान पर पहुंचा

हाईकोर्ट की खंडपीठ ने बच्चों की मौत पर राज्य सरकार को 3 तरह के महत्वपूर्ण निर्देश दिए जिसमें पूछा गया कि राज्य में कितने बच्चों की मौत हुई है? किन कारणों से मौत हुई है? जिला अस्पतालों में कम्प्यूटर से रजिस्ट्रेशन होता है या नहीं, नहीं तो लागू करें. इसकी खण्डपीठ ने रिपोर्ट तलब की है. साथ ही न्यायमित्रों ने 2 असप्तालों का निरीक्षण कर रिपोर्ट मांगी थी. मामले की सुनवाई 10 फरवरी को होगी.

जोधपुर. राजस्थान हाई कोर्ट के निर्देश पर नियुक्त किए गए न्याय मित्रों ने उम्मेद अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. करीब 1 से 2 घंटे तक न्याय मित्र अस्पताल में रहे और यहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. निरीक्षण के बाद उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि मामला न्यायालय के अधीन है, निरीक्षण की रिपोर्ट न्यायालय को देंगे.

न्याय मित्र राजेंद्र सारस्वत, कुलदीप वैष्णव और पंकज शर्मा ने शुक्रवार को उम्मेद अस्पताल पहुंच कर औचक निरीक्षण शुरू किया. अस्पताल अधीक्षक को जानकारी मिलने पर वह भी उनके साथ रही. बाद में कार्यालय में कुछ देर तक अन्य जानकारियां भी न्यायमित्रों ने प्राप्त की.

न्याय मित्रों ने किया उम्मेद अस्पताल का औचक निरीक्षण

निरीक्षण के दौरान मीडिया को भी प्रवेश नहीं दिया गया. गौरतलब है कि राजस्थान हाइकोर्ट में बांसवाड़ा में नवजात की मौतों को लेकर चल रही याचिका की गत सुनवाई के दौरान जोधपुर के उम्मेद अस्पताल में भी 1 माह में 146 बच्चों की मौत का मामला सामने आया था. इस पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस इंद्रजीत महांति और जस्टिस पुष्पेन्द्र सिंह भाटी की खंडपीठ ने प्रदेश के असप्तालों में बच्चों की हो रही मौतों पर चिंता जताई थी.

पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में पिछड़ा जयपुर एयरपोर्ट, 63वें से 89वें स्थान पर पहुंचा

हाईकोर्ट की खंडपीठ ने बच्चों की मौत पर राज्य सरकार को 3 तरह के महत्वपूर्ण निर्देश दिए जिसमें पूछा गया कि राज्य में कितने बच्चों की मौत हुई है? किन कारणों से मौत हुई है? जिला अस्पतालों में कम्प्यूटर से रजिस्ट्रेशन होता है या नहीं, नहीं तो लागू करें. इसकी खण्डपीठ ने रिपोर्ट तलब की है. साथ ही न्यायमित्रों ने 2 असप्तालों का निरीक्षण कर रिपोर्ट मांगी थी. मामले की सुनवाई 10 फरवरी को होगी.

Intro:Body:हाइकोर्ट द्वारा नियुक्त न्यायमित्रों ने किया उम्मेद अस्पताल का औचक निरीक्षण

-बच्चों की मौतों का मामला


जोधपुर। राजस्थान हाई कोर्ट के निर्देश पर शुक्रवार को हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए न्याय मित्रों ने उम्मेद अस्पताल का औचक निरीक्षण किया करीब 1 से 2 घंटे तक न्याय मित्र अस्पताल में रहे और यहां की व्यवस्था है जांची निरीक्षण के बाद उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि मैटर न्यायालय के अधीन है निरीक्षण की रिपोर्ट न्यायालय को देंगे। न्याय मित्र राजेंद्र सारस्वत, कुलदीप वैष्णव व पंकज शर्मा ने आज उम्मेद अस्पताल पहुंच कर औचक निरीक्षण शुरू किया। अस्पताल अधीक्षक को जानकारी मिलने पर वह भी उनके साथ रही। बाद में कार्यलय में कुछ देर अन्य जानकारियां न्यायमित्रों ने प्राप्त की। निरक्षण वापस निकले तो उनसे पूछा गया तो उन्होंने कुछ बताने से इनकार करते हुए। कोर्ट को रिपोर्ट देने की बात कही। निरीक्षण के दौरान मीडिया को भी प्रवेश नही दिया गया। गौर तलब है कि राजस्थान हाइकोर्ट में बांसवाड़ा में नवजात की मौतो को लेकर चल रही याचिका की गत सुनवाई के दौरान जोधपुर के उमेद अस्पताल में भी एक माह में 146 बच्चों की मौत का मामला सामने आया था। इस पर कोर्ट ने प्रसंज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस इंद्रजीत महांति और जस्टिस पुष्पेन्द्र सिंह भाटी की खंडपीठ ने प्रदेश के असप्तालों में बच्चों की हो रही मौतो पर चिंता जताई थी। हाईकोर्ट की खंडपीठ बच्चों की मौत पर राज्य सरकार को 3 तरह के महत्वपूर्ण निर्देश दिए जिसमे पूछा गया कि राज्य में कितने बच्चों की मौत हुई है ? किन कारणों से मौत हुई है ? जिला असप्तालों में कम्प्यूटर से रजिस्ट्रेशन होता है या नही, नही तो लागू करे। इसकी खण्डपीठ ने रिपोर्ट तलब की है। साथ ही न्यायमित्रों को दो असप्तालों का निरीक्षण कर रिपोर्ट मांगी थी। मामले की सुनवाई 10 फरवरी को होगी।
बाईट न्यायमित्र पंकज शर्माConclusion:
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