जोधपुर. पंचायत समिति व जिला परिषद के हुए चुनावों के परिणाम आने के बाद अब जोड़ तोड़ की गणित चल रही है. खास तौर से जिले की दस पंचायत समितियों में कांग्रेस और बीजेपी दोनों को बहुमत नहीं मिला है. निर्दलीय, रालोपा (RLP) या फिर दोनों पार्टियों की आपसी सेंधमारी से ही प्रधान की स्थिति साफ होगी. वहीं जिला प्रमुख के लिए ओसियां में क्रॉस वोटिंग हो सकती है.
कांग्रेस में आमसहमति का प्रयास
कांग्रेस में प्रमुख पद को लेकर जोरदार रस्साकस्सी चल रही है. लीला मदेरणा का नाम सबसे उपर है. ऐसा माना जा रहा है कि जिला परिषद सदस्य के रूप में जीतने वालों में उनके समर्थक ज्यादा हैं. दूसरी और मुन्नी गोदारा का पलड़ा भी भारी है. पाली के पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ भी अपनी बेटी के लिए जोर आजमाइश करने में लगे हैं. जयपुर से कांग्रेस के पर्यवेक्षक भी जोधपुर पहुंच चुके हैं. होटलों में मीटिंग का दौर चल रहा है.
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कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पार्टी विजय सदस्यों में आम सहमति से नाम तय करना चाहती है. अगर मुन्नी व लीला के बीच चल रही दावेदारी की खींचतान में ऐसा नहीं होता है तो किसी और का नाम भी तय किया जा सकता है. जिसमें सबसे उपर नाम धनंवती देवी का है. तीनों दावेदार जाट हैं.
वेट एंड वॉच की स्थिति में भाजपा
भाजपा के ज्यादा विजयी प्रत्याशी खींवसर में हैं. पार्टी के प्रभारी पदाधिकारी नजर बनाए हुए हैं. भाजपा के पास एक ही चारा है कि कांग्रेस में फूट पड़ती है तो उसे फायदा होगा. बीजेपी ऐसे में आगे ऐसी प्रत्याशी का नाम जिला प्रमुख पद के लिए आगे बढ़ाए , जिसे कांग्रेस खेमे के भी वोट मिल सके. फिलहाल, भाजपा में पूर्व जिला प्रमुख अमिता चौधरी का नाम आगे चल रहा है. वह भी जाट हैं. ऐसे में कांग्रेस में नाराज खेमा अगर क्रॉस वोटिंग पर आता है तो भाजपा को फायदा मिल सकता है.
प्रधान की गणित में कांग्रेस रहेगी आगे
जिले की 21 पंचायत समितियों में 7 पर कांग्रेस केा स्पष्ट बहुमत प्राप्त हुआ है लेकिन दस पंचायत समितियां अधर में है. जिनमें कहीं एक तो कहीं दो सदस्यों के समर्थन की जरूरत है. ऐसे में कांग्रेस को ज्यादा समर्थन मिलने का अनुमान है क्येांकि सत्तारूद्ध पार्टी के साथ जाने से सदस्यों को फायदा होगा. इनमें पीपाड़, बिलाड़ा, भोपालगढ़, बापिणी, मंडोर, आउ और घंटियाली के नाम प्रमुख हैं. इसके अलावा बावड़ी, ओसियां, चामू में रोलोपा प्रधान तय करेगी.
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सबकी नजर ओसियां पर, क्रॉस वोटिंग की संभावना ज्यादा
ओसियां पंचायत समिति में दोनों पार्टियों को बहुमत नहीं मिला है. 25 सीटों में कांग्रेस और भाजपा को 12-12 सीटें मिली. जबकि एक सीट रालोपा को मिली है. ऐसे में यहां रालोपा किसे समर्थन देती है, यह देखना दिलचस्प होगा.
ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा को अपने विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का प्रधान बनाना नाक का सवाल है. बेनीवाल की पार्टी ने ओसियां क्षेत्र की बावड़ी पंचायत समिति में भी कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया है. जबकि तिवरी में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिली है. ऐसे में ओसियों में यह तय माना जा रहा है कि दोनों पार्टियों में क्रॉस वोटिंग होगी.