जोधपुर. राजस्थान के जोधपुर शहर में बीते शनिवार (5 नवंबर) रात को हैंडीक्राफ्ट व्यवसायी के घर के नेपाली नौकरों द्वारा परिवार के लोगों को बेहोशी की दवा खाने में मिलाकर करोड़ों रुपये का माल चोरी कर भागे 7 आरोपियों में से (Jodhpur Robbery Case) तीन को पुलिस ने बुधवार को दिल्ली में पकड़ लिया. वहीं, गुरुवार केा जोधपुर लाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.
तीनों नौकर अशोक चौपड़ा के यहां (Robbery at Handicraft Dealer House) काम कर रहे थे. शेष चार आरोपियों की पुलिस टीमें सरगर्मी से तलाश कर रही हैं. इस बीच पुलिस ने दिल्ली और सूरत में चौपड़ा परिवार के जेवरात बेचने का प्रयास करते नेपाल मूल के दो युवकों को हिरासत में लिया है, लेकिन उनके नाम का अभी खुलासा नहीं किया गया है. पुलिस कमिश्नर रविदत्त गौड़ ने बताया कि चोरी की घटना सामने आने के तुंरत बाद हमने दिल्ली और नेपाल बॉर्डर पर टीमें भेज दी थी. दिल्ली में हमारी टीमों ने रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, गली-मोहल्ले जहां नेपाल मूल के लोग निवास करते हैं, वहां तलाश करना शुरू किया.
इस दौरान दिल्ली में सिकंदरपुरा में संदिग्ध होने की जानकारी मिलने पर टीम वहां पहुंची. वहां से धनबहादुर, लक्ष्मी और मंजिल उर्फ झंकर को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. उनसे कई जानकारियां मिली हैं, जिसके आधार पर आगे जांच चल रही है. इन तीन के अलावा कुचामन के सहयोगी अमरसिंह को भी गिरफ्तार किया गया है, लेकिन फिलहाल चोरी के दिन बाहर से आए तीन लोगों का पता पुलिस को नहीं चला है. सूरत और दिल्ली में हिरासत में लिए गए लोगों की पहचान करवाई जा रही है.
दो से ढाई करोड़ की चोरी का अनुमान : पुलिस कमिश्नर ने बताया कि अब इस प्रकरण में अब तक एक कार, तिजोरी, 1 लाख 20 हजार रूपए, गोल्ड प्लेटेट कटलरी, लैपटॉप सहित अन्य सामान बरामद किए गए हैं. जब पूछा गया कि चोरी कितने रुपये की हुई तो बताया गया कि अभी चौपड़ा परिवार ने पूरी सूची नहीं दी है. अंदाजन दो से ढाई करोड़ रुपये के माल की चोरी हुई है. हालांकि, पुलिस अभी यह नहीं बता पा रही है कि इस चेारी में नकदी कितना गया है. क्योंकि चोरों ने लगभग पूरा कीमती सामान रास्ते में ही छोड़ दिया है. ऐसे में उनके पास बड़ी नकदी होने की संभावना है.
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अगस्त में हुई थी प्लानिंग : डीसीपी ईस्ट डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि इस चोरी की प्लानिंग अगस्त में शुरू हो गई थी. कुचामन में मीटिंग भी हुई थी. इसको लेकर प्रयास भी किए गए गए, लेकिन सफलता नहीं मिली. पांच नवंबर को चौपड़ा परिवार के दो ही लोगों के घर पर होने के दौरान इस घटना को अंजाम दिया गया. इसके लिए तीन दूसरे लोग पहले ही दिल्ली से जोधपुर पहुंच चुके थे. इस मामले में गिरफ्तार आरोपी लक्ष्मी का दामाद भी संदेह के घेरे में है, जिसने नौकर उपलब्ध करवाए हैं. पुलिस को उसका आपराधिक रिकॉर्ड भी मिला है.
नेपाल बॉर्डर पर अभी है टीमें : जोधपुर पुलिस कमिश्नर ने इस मामले को लेकर पूरी ताकत झोंक दी थी. छह टीमों का गठन किया गया, जिसमें शहर के गई थानाधिकारी शामिल किए गए. इसके अलावा कुचामन पुलिस की टीम ने भी मेहनत की थी. नेपाल बॉर्डर पर रातानाडा थानाधिकारी सत्यप्रकाश व उदयमंदिर थानाधिकारी लेखराज सियाग अपनी टीम के साथ अभी भी मौजूद हैं. इसके अलावा सूरत व दिल्ली में भी टीमें सक्रिय हैं. इस प्रकरण में नेपाल बॉर्डर पर तैनात एसएसबी, उत्तर प्रदेश पुलिस का भी सहयोग लिया गया है.
तकनीकी टीमों ने किया बेहतरीन काम : फिल्ड में जोधपुर पुलिस की टीमों के अलावा जोधपुर में बैठी तकनीकी टीमों ने इस मामले में जबरदस्त काम किया है. जिन्होंने चौबीसों घंटे सीसीटीवी, मोबाइल कॉल व लोकेशन खंगालने का काम किया. इनके इनपुट पर दिल्ली, जयपुर, कुचामन तक पुलिस की टीमें अपना काम बखूबी करती रही. पुलिस कमिश्नर ने इस मामले में दो दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने की घोषणा की है.