जोधपुर. सूर्यनगरी पर जून माह में बिपरजॉय का करीब दो से ढाई दिन का साया रहा. इस दौरान जमकर बारिश हुई और उस बारिश ने शहर की प्रमुख सड़कोंं को बिखेर कर रख दिया था. जिनको सुधारने में कोई इच्छा शक्ति नहीं दिखाई गई. इसके बाद अब मानूसन का दौर शुरू हो गया. जिसके बाद तो कई जगहों पर तो गढ्ढों में ही सड़क नजर आ रही है. इससे लोग परेशान हैं कि सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क है. हालांकि पिछले सात दिनों में ज्यादा बारिश नहीं हुई है. इसके बाद भी मुख्यमंत्री के शहर में नगर निगम, जेडीए, पीडब्ल्यूडी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. अब जिला कलेक्टर ने जरूर गंभीरता दिखाते हुए इन जिम्मेदार विभागों को निर्देश दिए हैं.
सबसे बुरे हाल पाल रोड पर 12वीं रोड चौराहा से पांचवीं रोड़ चौराहा के बीच की सडक का है. जहां एक से दो फिट के कई गढ्ढे हो गए हैं. दोनों चौराहों पर भी सडक के मुहाने पर सड़क लगभग नदारद हो चुकी है. इसी तरह से शहर के व्यावसायिक हब सरदारपुरा सी रोड पर कई बड़े गढ्ढे बन गए हैं. इसके अलावा शहर के अलग अलग इलाकों की मुख्य सड़केे पूरी तरह से टूट चुकी हैं. इसके अलावा काजरी रोड, पाल लिंक रोड, चौपासनी रोड सहित पावटा व महामंदिर क्षेत्र की सड़कों पर क्षेत्र के लोगों को इन गढ्ढों से खासी परेशानी हो रही है. भीतरी शहर निवासी राजेंद्र टाक का कहना है कि पार्षद से कहा कि सड़क बनवाओ तो कह रहे हैं बजट नहीं है. वहीं विशाल सिंह ने बताया कि जितना काम होना चाहिए उतना नहीं हो रहा हैं. जिसकी वजह से ही आम जनता परेशान हो रही है.
बाहरी इलाकों के हाल बुरे : शहर कीे मुख्य सड़कों के अलावा बाहरी इलाकों में हाल बुरे हैं. यहां की गलियों व मोहल्लों में टूटी सड़कों की तो खैर खबर लेने वाला कोई नहीं है. इसी तरह से भीतरी शहर में बुरे हाल हैं. यहां तो सीवरेज बिछाने के लिए तोड़ी गई सड़कों को ठीक नहीं करने से परेशान लोगों ने ढोल बजाकर आंदोलन किए. लेकिन इसके बाद भी विभाग की तरफ से या प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसी तरह चौपासनी हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में भी कई मुख्य सड़कों पर गढ्ढे अभी भरे नहीं गए हैं. हाल ही में जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने अधिकारियों से सड़कों की रिपोर्ट तलब कर गढ्ढे भरने व मानूसन के बाद दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा दो चौराहों पर सीमेंट टाइल्स लगवाई के निर्देश दिए हैं.
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