जोधपुर. मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट की ओर से आयोजित राजस्थान इंटरनेशनल फॉक फेस्टिवल 2023 का सोमवार सुबह जसवंत थड़ा पर शर्मा बंधुओं के भजन गायन के साथ समापन हो गया. इससे पहले रविवार को लगभग पूरी रात गीत-संगीत की स्वर लहरियां बिखरती रहीं. रविवार शाम को चोखेलाव बाग पर आयोजित कार्यक्रम में लंगा समुदाय के अग्रणी बुंदू खां व बड़े गाजी खां मांगणियार ने मंच साझा किया. इंग्लैंड की दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने जिन्हें 'कोहिनूर' उपनाम दिया था वो खरताल वादक बुंदू खां ने अपने पुत्र जाकिर व सहकर्मी भंवरू के साथ मंच साझा कर बेहतरीन प्रस्तुति दी और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया.
सामूहिक खरताल की हुई प्रस्तुती : महानिदेशक जगत सिंह राठौड़ ने बताया कि रात को ओल्ड जनाना कोर्टयार्ड में आयोजित इनसाइट्स में विक्कू विनायकराम, सेल्वा गणेश, महेश विनायकराम, स्वामीनाथन, गुरुप्रसाद व गुरु प्रिया की ओर से पारंपरिक वाद्य कंजीरा व घट्टम की अद्भुत प्रस्तुति हुई. लंगा और मांगणियार कलाकारों की ओर से सामूहिक खरताल व अखाडाल की प्रस्तुति दी गई. साथ ही विदेशी कलाकार मिरोका पेरिस ने अफ्रो ग्रूव्स की प्रस्तुति दी. राजस्थान के कुछ सर्वश्रेष्ठ लंगा व मांगणियार युवा लोक खरताल वादकों का प्रदर्शन बेहद रोचक रहा.
बता दें कि हर साल उत्सव एक संगीतकार को 'रस्टलर' के रूप में नियुक्त करता है. इसमें अलग-अलग कलाकारों की जोड़ियां शामिल होती है. लय और ताल में पिछले 40 वर्षों से समर्पित ग्रेग शीहान, मिरोका पेरिस व रिस सबेस्टियन ने संयुक्त रूप से अपनी कला का प्रदर्शन कर रात्रि की अंतिम प्रस्तुति को अविस्मरणीय बनाया.
निर्गुणी भजनों के साथ हुआ समापन : जसवन्तथड़ा पर सुबह 5:30 बजे रिफ डॉन के तहत हरप्रीत और शर्मा बन्धुओं की ओर से कबीर, बुलेशाह व अन्य निर्गुणी कविता व भजन गायन किया गया. इसके साथ ही अगले साल मिलने के वादे के साथ जोधपुर रिफ के सोलहवें संस्करण का समापन हो गया.