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जोधपुर पुलिस ने पकड़ा 1 लाख का इनामी बदमाश विक्रम नांदिया, दिनेश बंबानी को भी किया अरेस्ट

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Published : Jun 20, 2023, 10:44 PM IST

राजस्थान की जोधपुर पुलिस को मंगलवार को बड़ी सफलता हाथ लगी है. उसने एक लाख रुपए के इनामी बदमाश विक्रम सिंह नांदिया को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की. इस कार्रवाई के दौरान उसे एक और कामयाबी मिली है. उसने कुख्यात बदमाश दिनेश बंबानी को भी अरेस्ट कर लिया है.

Jodhpur police caught vikram nandia
जोधपुर पुलिस ने पकड़ा 1 लाख का इनामी बदमाश विक्रम नांदिया
जोधपुर पुलिस ने पकड़ा 1 लाख का इनामी बदमाश विक्रम नांदिया

जोधपुर. जिले की पुलिस ने मंगलवार को एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए मोस्ट वांटेड और एक लाख रुपए के इनामी बदमाश विक्रम सिंह नांदिया को गिरफ्तार में लिया. पुलिस ने इस कार्रवाई के दौरान एक और कुख्यात बदमाश दिनेश बंबानी को भी गिरफ्तार किया है. हाल ही में जोधपुर के एक और हार्डकोर बदमाश कैलाश मांजू ने वीडियो जारी कर दोनों पर पुलिस के साथ लेनदेन कर फायरिंग के मामले में नाम निकलवाने का आरोप लगाया था. इसी साल फरवरी में बोरानाडा थाना इलाके के वितराग सिटी के मुख्य द्वार पर दिनदहाड़े राकेश मांजू पर फायरिंग की गई थी. इस मामले में हिस्ट्रीशीटर विक्रम नांदिया और दिनेश बंबानी नामजद आरोपी थे.

ये भी पढ़ेंः धौलपुर पुलिस ने 2 इनामी बदमाशों को किया गिरफ्तार, पढ़िए पूरी खबर

पहाड़ी पर काट रहे थे फरारीः जोधपुर पुलिस के मुताबिक विक्रम सिंह नांदिया को पुलिस ने उसके गांव के पास भूरिया बाबा मंदिर से गिरफ्तार किया है. विक्रम पर हाल ही में एक लाख का इनाम घोषित किया गया था. जबकि दिनेश बंबानी को चौपासनी हाउसिंग बोर्ड स्थित घर से गिरफ्तार किया गया है. कमिश्नर रवि दत्त गौड़ ने बताया कि फरवरी की घटना के बाद से ही हम इन बदमाशों की तलाश कर रहे थे. विक्रम सिंह का गांव नांदिया प्रभावती है. वह गांव के पास एक पहाड़ी पर छिपा हुआ था. पुलिस कांस्टेबल गिरवर सिंह को इसकी पुख्ता जानकारी मिली, तो पुलिस ने रेकी करना शुरू किया. इस दौरान सामने आया कि एक व्यक्ति रोजाना खाना लेकर पहाड़ी पर जाता है. इस पर पुलिस ने और जानकारी ली, तो सामने आया कि विक्रम सिंह के भाई का होटल है, जो उसके लिए खाना भेजता था. डीसीपी ईस्ट अमृता दुहन ने बताया की विक्रम ने पहाड़ी के आस पास अपने आदमी भी लगाए थे.

कैलाश मांजू ने जारी किया था वीडियोः हाल ही में राकेश मांजू के चाचा हिस्ट्रीशीटर कैलाश मांजू ने एक वीडियो और ऑडियो जारी कर पुलिस पर आरोप लगाया था कि पुलिस ने दोनों आरोपियों के नाम फायरिंग के मामले से निकाल दिए हैं. इसके लिए पुलिस कर्मियों को मोटी रकम दी गई. पुलिस ने इसका खंडन किया था. वीडियो के एक सप्ताह बाद ही पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है. कैलाश मांजू खुद लंबे समय से फरार है. उसके नेपाल या किसी अन्य जगह पर होने का अंदेशा है. उसके घर पर एनआईए की भी रेड हो चुकी है और नोटिस भी जारी किए गए हैं, लेकिन अभी तक वह पुलिस के हाथ नहीं आया है.

मांजू-नांदिया गैंग के बीच है रारः जोधपुर पुलिस के मुताबिक कैलाश मांजू की पहले लड़ाई दिनेश बंबानी से चल रही थी. दिनेश ने विक्रम को मांजू के खिलाफ अपने साथ लिया. इसके बाद दोनों गैंग में कई बार झड़प हुई.दो साल पहले शिवरात्रि के दिन डाली बाई सर्किल पर राकेश मांजू ने विक्रम पर फायरिंग की थी. जिसमे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. उसके बाद से ही दोनों गुटों में रंजिश बढ़ गई. फायरिंग के मामले में राकेश की गिरफ्तारी हुई थी. उसके बाद जब वह जमानत पर आया, तो फरवरी में वितराग सिटी में रह रहे कैलाश मांजू के परिवार से मिलकर लौटते वक्त गोलीबारी में राकेश को मौत के घाट उतार दिया गया. इस मामले में सीसीटीवी में बिल्डिंग में तैनात गार्ड की संलिप्तता भी सामने आई थी.

जोधपुर पुलिस ने पकड़ा 1 लाख का इनामी बदमाश विक्रम नांदिया

जोधपुर. जिले की पुलिस ने मंगलवार को एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए मोस्ट वांटेड और एक लाख रुपए के इनामी बदमाश विक्रम सिंह नांदिया को गिरफ्तार में लिया. पुलिस ने इस कार्रवाई के दौरान एक और कुख्यात बदमाश दिनेश बंबानी को भी गिरफ्तार किया है. हाल ही में जोधपुर के एक और हार्डकोर बदमाश कैलाश मांजू ने वीडियो जारी कर दोनों पर पुलिस के साथ लेनदेन कर फायरिंग के मामले में नाम निकलवाने का आरोप लगाया था. इसी साल फरवरी में बोरानाडा थाना इलाके के वितराग सिटी के मुख्य द्वार पर दिनदहाड़े राकेश मांजू पर फायरिंग की गई थी. इस मामले में हिस्ट्रीशीटर विक्रम नांदिया और दिनेश बंबानी नामजद आरोपी थे.

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पहाड़ी पर काट रहे थे फरारीः जोधपुर पुलिस के मुताबिक विक्रम सिंह नांदिया को पुलिस ने उसके गांव के पास भूरिया बाबा मंदिर से गिरफ्तार किया है. विक्रम पर हाल ही में एक लाख का इनाम घोषित किया गया था. जबकि दिनेश बंबानी को चौपासनी हाउसिंग बोर्ड स्थित घर से गिरफ्तार किया गया है. कमिश्नर रवि दत्त गौड़ ने बताया कि फरवरी की घटना के बाद से ही हम इन बदमाशों की तलाश कर रहे थे. विक्रम सिंह का गांव नांदिया प्रभावती है. वह गांव के पास एक पहाड़ी पर छिपा हुआ था. पुलिस कांस्टेबल गिरवर सिंह को इसकी पुख्ता जानकारी मिली, तो पुलिस ने रेकी करना शुरू किया. इस दौरान सामने आया कि एक व्यक्ति रोजाना खाना लेकर पहाड़ी पर जाता है. इस पर पुलिस ने और जानकारी ली, तो सामने आया कि विक्रम सिंह के भाई का होटल है, जो उसके लिए खाना भेजता था. डीसीपी ईस्ट अमृता दुहन ने बताया की विक्रम ने पहाड़ी के आस पास अपने आदमी भी लगाए थे.

कैलाश मांजू ने जारी किया था वीडियोः हाल ही में राकेश मांजू के चाचा हिस्ट्रीशीटर कैलाश मांजू ने एक वीडियो और ऑडियो जारी कर पुलिस पर आरोप लगाया था कि पुलिस ने दोनों आरोपियों के नाम फायरिंग के मामले से निकाल दिए हैं. इसके लिए पुलिस कर्मियों को मोटी रकम दी गई. पुलिस ने इसका खंडन किया था. वीडियो के एक सप्ताह बाद ही पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है. कैलाश मांजू खुद लंबे समय से फरार है. उसके नेपाल या किसी अन्य जगह पर होने का अंदेशा है. उसके घर पर एनआईए की भी रेड हो चुकी है और नोटिस भी जारी किए गए हैं, लेकिन अभी तक वह पुलिस के हाथ नहीं आया है.

मांजू-नांदिया गैंग के बीच है रारः जोधपुर पुलिस के मुताबिक कैलाश मांजू की पहले लड़ाई दिनेश बंबानी से चल रही थी. दिनेश ने विक्रम को मांजू के खिलाफ अपने साथ लिया. इसके बाद दोनों गैंग में कई बार झड़प हुई.दो साल पहले शिवरात्रि के दिन डाली बाई सर्किल पर राकेश मांजू ने विक्रम पर फायरिंग की थी. जिसमे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. उसके बाद से ही दोनों गुटों में रंजिश बढ़ गई. फायरिंग के मामले में राकेश की गिरफ्तारी हुई थी. उसके बाद जब वह जमानत पर आया, तो फरवरी में वितराग सिटी में रह रहे कैलाश मांजू के परिवार से मिलकर लौटते वक्त गोलीबारी में राकेश को मौत के घाट उतार दिया गया. इस मामले में सीसीटीवी में बिल्डिंग में तैनात गार्ड की संलिप्तता भी सामने आई थी.

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