जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गत दिनों प्रशासन शहरों और गांवों के संग शिविर की समीक्षा के दौरान आला अधिकारियों को लताड़ लगा चुके हैं, बावजूद इसके शिविरों के हाल बेहाल हैं. मंगलवार को सरदारपुरा के गांधी मैदान में 5 वार्डों के लिए शिविर लगाया गया था. इसमें महापौर वनिता सेठ तब नाराज हो गईं जब उन्हें पीडब्ल्यूडी काउंटर पर कोई भी अधिकारी नहीं मिला. इसी बीच कलेक्टर इंद्रजीत सिंह भी वहां पहुंच गए. उनके आश्वासन देने के बावजूद महापौर संतुष्ट नजर नहीं आईं.
शिविर में महापौर सड़क निर्माण कार्य को देखने पहुंची, लेकिन पीडब्ल्यूडी के काउंटर पर कोई अधिकारी नहीं था जिस पर वह नाराज हुईं. कुछ देर में कलेक्टर भी शिविर का जायजा लेने पहुंच गए. महापौर ने कलेक्टर के सामने नाराजगी जताते हुए कहा कि पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से बात हुई, लेकिन सड़क निर्माण कोई नहीं कर रहा है. लगातार मेरे पास फोन आते हैं... मुझे आज जवाब चाहिए. यहां पीडब्ल्यूडी के अधिकारी क्यों नहीं हैं? यह शिविर क्यों लगाए गए हैं? लोग मेरे साथ आते हैं. मुझसे जवाब पूछते हैं. सड़क कब बनेगी?
महापौर के तेवर देख कलेक्टर ने कहा 'डोंट टॉक लाइक दिस' शांति रखिए, मैं बात कर रहा हूं आपसे. लेकिन महापौर के तेवर नरम नहीं हुए. उन्होंने कहा कि मुझे आज जवाब चाहिए. आखिरकार सड़क कब बनेगी? आप हर बात नगर निगम पर डाल देते हैं. पीडब्ल्यूडी की जिम्मेदारी क्यों नहीं तय करते. इस पर कलेक्टर ने कहा सब कुछ नगर निगम पर नहीं आएगा. आप मुझे बताइए. महापौर ने कहा मैं बता चुकी हूं. कलेक्टर बोले मैं खुद पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से बात करूंगा. हालांकि महापौर नाराजगी जताते हुए शिविर से चली गईं. इसके बाद कलेक्टर इंद्रजीत सिंह ने शिविर के हर काउंटर पर जाकर जानकारी प्राप्त की और निर्देश भी दिए.
लाभान्वित की संख्या कम खाली पड़ा रहा पंडाल
गांधी मैदान में नगर निगम दक्षिण के 5 वार्डों के लिए शिविर लगाया गया, लेकिन यहां बहुत कम लोग पहुंचे. कुछ लोगों के दस्तावेजों में कमी बताई गई. इस पर कलेक्टर ने कहा कि काम अटकना नहीं चाहिए. लोगों को राहत मिलनी चाहिए.