जोधपुर. सादुलपुर चूरू विधायक कृष्णा पूनिया की ओर से अनुसूचित जाति-जनजाति अदालत में निगरानी याचिका दाखिल की गई है. पूनिया ने यह याचिका एसीजेएम CBI अदालत जोधपुर की ओर से जारी आदेश के खिलाफ दायर की है. इस निगरानी याचिका पर अनुसूचित जाति-जनजाति अदालत ने सुनवाई के बाद रिकॉर्ड तलब किया है. अदालत ने इस मामले में सीबीआई को भी नोटिस जारी किया है. अनुसूचित जाति-जनजाति मामलात कोर्ट में सुनवाई के दौरान कृष्णा पूनिया की ओर से जोधपुर से अधिवक्ता धर्मेंद्र सुराणा ने वकालातनामा पेश किया था. दूसरी ओर परिवादी संदीप विश्नोई की ओर से लादूराम पूनिया ने वकालातनामा पेश किया.
केस में अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगीः सीबीआई की ओर से अधिवक्ता के हाजिर नहीं होने पर कोर्ट ने CBI को नोटिस जारी किया. अधिवक्ताओं की ओर से बहस की गई, लेकिन तामिल पूरी नहीं होने पर अब आगे की सुनवाई 4 अप्रैल को रखी गई है. कोर्ट ने अधीनस्थ अदालत से रिकॉर्ड भी कॉल किया है. गौरतलब है कि एसीजेएम सीबीआई कोर्ट द्वारा लिए गए संज्ञान में कृष्णा पूनिया को जमानती वारंट से तलब किया था. विधायक पूनिया पर बीकानेर संभाग के राजगढ़ (चूरू) थाने के तत्कालीन इंचार्ज विष्णुदत्त बिश्नोई को सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप है. सीबीआई ने पूनिया पर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी. उसके बाद कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले का फिर से संज्ञान लेने का निर्देश दिया.
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कृष्णा पूनिया पर लगा था प्रताड़ित करने का आरोपः 23 मई 2020 को राजगढ़ के तत्कालीन थानाधिकारी विष्णुदत्त बिश्नोई ने सुसाइड कर लिया था. विष्णुदत्त के भाई संदीप बिश्नोई ने सादुलपुर विधायक व कांग्रेस नेता कृष्णा पूनिया पर परेशान करने का आरोप लगाया था. विष्णुदत्त के सुसाइड का जिम्मेदार कृष्णा पूनिया को बताते हुए संदीप ने FIR दर्ज कराई थी. अदालत ने इस मामले की फिर से जांच के आदेश देते हुए एफआर को खारिज कर दिया था. इसके बाद जमानती वारंट जारी करते हुए विधायक कृष्णा पूनिया को तलब किया था. पूनिया ने सीबीआई सीजेएम कोर्ट के इस आदेश को सेशन कोर्ट में चुनौती देते हुए निगरानी याचिका पेश की थी. जिसे सेशन कोर्ट ने अनुसूचित जाति-जनजाति मामलात कोर्ट में रेफर किया था.