जोधपुर. प्रदेश में भाजपा सरकार बनने से अब केंद्र और राज्य में डबल इंजन की सरकार हो गई है. ऐसे में जोधपुर के लिए केंद्र से घोषित सबसे बड़े एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट के धरातल पर उतरने की शुरूआत होने की उम्मीद बढ़ी है. करीब 10 किमी की एलिवेटेड रोड से शहर की यातायात व्यवस्था को अगले तीन से चार दशक तक सुगम बनाया जा सकेगा. 1700 करोड़ से अधिक की लागत के इस प्रोजेक्ट को लेकर शुक्रवार को पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने जयपुर में शपथ ग्रहण समारेाह में केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी से चर्चा की. गडकरी ने इसको अपनी प्राथमिकता भी बताया. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले इसका काम शुरू हो सकता है.
इसको लेकर बीते दिनों में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गडकरी के साथ प्रोजेक्ट की डीपीआर को लेकर भी बैठकें ली थी. चुनाव के दौरान गडकरी जोधपुर आए, तो शेखावत ने नई सड़क चौराहा पर उनका काफिला रेाक कर बताया था कि यहां से रोड निकलेगी.
थ्री लेयर होगी रोड: केंद्रीय मंत्री शेखावत के प्रयास से केंद्र सरकार ने करीब 1700 करोड़ रुपए मंजूर किए. जोधपुर को 562 साल के इतिहास का सबसे बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट मिला है. जोधपुर एलिवेटेड कॉरिडोर प्रोजेक्ट का निर्माण नई तकनीक से किया जाएगा. अक्टूबर में पीएम की जोधपुर यात्रा से पहले उन्होंने कहा था कि शिलान्यास और उद्घाटन पीएम मोदी ही करेंगे. इस प्रोजेक्ट का टेंडर वर्क चल रहा है. यह एक थ्री लेयर एलिवेटेड रोड होगी. इसके दोनों पिलरों के बीच करीब 100 मीटर का अंतर होगा. पिलरों की संख्या कम होने से सड़क पर आने वाले अवरोध कम होंगे. इसको लेकर एनएचआई ने इस प्रोजेक्ट के मार्ग की मिट्टी का परीक्षण का काम पूरा कर लिया है.
पढ़ें: Jodhpur elevated Road: एलिवेटेड रोड के बारे में जोधपुर सांसद को देना चाहिए जवाबः वैभव गहलोत
शहर को मिलेगी राहत: जोधपुर शहर से तीन राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमश: एनएच-62 (नागौर-जोधपुर-पाली), एनएच-25 (बाड़मेर-जोधपुर-बर) और एनएच-125 (जैसलमेर-पोकरण-जोधपुर) गुजरते हैं. तीनों राष्ट्रीय राजमार्गों के शहर के बीच से गुजरने के कारण जोधपुर की हार्टलाइन (मण्डोर-पावटा-सोजती गेट-आखलिया चैराहा) पर यातायात का दबाव बना रहता है. शहर में इस हार्टलाइन के अतिरिक्त ऐसी कोई वैकल्पिक रोड नहीं है. ऐसे में थ्री लेयर एलिवेटेड बनती है तो यातायात सुगम होगा.
जोधपुर रिंग रोड़ भी होगा पूरा: जोधपुर शहर के चारों और भारी वाहनों के लिए बाइपास बनाने के लिए एनएचआई 75 किमी की रिंग रोड का निर्माण शुरू हुए करीब चार साल हो गए हैं. कोरोना में लगभग दो साल काम बंद रहा. इसके बाद वापस तेजी पकड़ी है. इस रिंग रोड में एक दर्जन से ज्यादा फ्लाईओवर बन रहे हैं. यह रोड डांगियावास जयपुर रोड से होते हुए नागौर रोड शहर के चारों तरफ से जुडा है. इसके 2024 में पूरा होने की उम्मीद है.