जोधपुर. शेरगढ़ के भूंगरा में गैस सिलेंडर ब्लास्ट हादसे में दम तोड़ने वाले सगत सिंह और उनकी पत्नी धापू कंवर और पौत्र का अंतिम संस्कार मंगलवार को किया गया. जिस घर से गुरुवार को बहू लाने के लिए बारात निकलने वाली थी, इस घर से अर्थियां निकली तो लोगों की रुलाई फूट पड़ी. दूल्हा सुरेंद्र सिंह खुद जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है. इस हादसे में उसके माता-पिता जिंदगी गंवा चुके हैं. एक बहन रसाल कंवर की मौत हो चुकी है. दो भतीजे रतन सिंह और आईदान सिंह की भी मौत हो गई. बड़ी मां भी नहीं रहीं. आज अंतिम संस्कार के दौरान सगत सिंह के बेटे सांग सिंह के आंसू ही नहीं थम रहे थे.
माता-पिता के साथ बेटे को भी कांधा : सांग सिंह पर तो जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. उसने मंगलवार को अपने माता-पिता के साथ-साथ अपने 9 साल के बेटे आईदान को भी कांधा दिया. इससे पहले वह अपने छोटे बेटे रतन सिंह को भी इस हादसे में खो चुका है. पत्नी भी अभी अस्पताल में भर्ती है.
अब तक हादसे में 23 की मौत : इस हादसे में घायल हुए 52 लोगों में से (52 injured in Jodhpur Cylinder Blast) अब तक 23 की मौत हो चुकी है. सोमवार को छह लोगों की मौत हुई थी. मंगलवार शाम तक पांच की मौत हो गई है. 29 घायलों का उपचार चल रहा है, जिसमे भी कई की हालत गंभीर है. दो दिन में 11 मौत से सभी लोग विचलित हैं.
अनाथ हो गया रावल सिंह : इस हादसे में 10 साल का रावल सिंह अनाथ हो गया. वह अपने मामा सुरेंद्र की शादी में आया था. उसकी मां रसाल कंवर और उसका छोटा भाई गंभीर रूप से झुलस गए थे. रसाल की दो दिन पहले मौत हुई थी, जबकि भाई की घटना के दूसरे दिन हुई थी. रावल के पिता का देहांत एक साल पहले बीमारी के चलते हो गया था. अब वह अपने परिवार में अकेला बचा है.