जोधपुर. पूरे देश में ऑटो सेक्टर में छाई मंदी का असर जोधपुर में भी दिखाई दे रहा है. यहां दोपहिया और चारपहिया वाहनों की बिक्री में 35 फीसदी तक की गिरावट आई है. व्यापारी इसकी वजह नोटबंदी और जीएसटी को मान रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार को तो अपना टैक्स पूरा मिल रहा है. लेकिन इसकी मार ने पूरे बाजार को प्रभावित किया है. वर्तमान में एक वाहन की बिक्री पर सरकार को 28 फीसदी जीएसटी, 8 फीसदी रोड टैक्स की सीधी कमाई हो रही है.
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इसके अलावा करीब दस प्रतिशत तक इंश्योरेंस का खर्च वाहन खरीददार को उठाना पड़ता है. इस पर भी सरकार को जीएसटी की कमाई हो रही है. यानी की कुल मिलाकर वाहन की कीमत की 46 फीसदी राशि टैक्स में ही जा रही हैं. वाहनों की बिक्री में एक बड़ी परेशानी सरकार द्वारा दुपहिया वाहनों के लिए पांच साल का बीमा और चार पहिया वाहन के लिए 3 साल का बीमा अनिवार्य रूप से करवाने से कीमतों में इजाफा हो गया है.
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पहले जहां दुपहिया वाहन मालिक को 1200 से 1500 रुपए का एक साल का बीमा खर्च देना होता था. अब यह 7500 तक पहुंच गया है. इसी तरह से चार पहिया वाहनों का खर्च 45000 से 80000 तक पहुंच गया है. इससे भी लोग नए वाहन खरीदने से कतरा रहे हैं. जोधपुर ऑटो डिलर्स एसोसिएशन के सत्येन परिहार बताते हैं कि ऑटो डिलर्स के लिए नवरात्र से दीवाली तक एक तरह की सीजन होती है. गत दिवाली बहुत अच्छी नहीं थी. इस बार मानसून देरी से आया है. ऐसे में कुछ कहा नहीं जा सकता. फिर भी हम तैयार हैं. परिहार के अनुसार बैंक अब 90 फीसदी तक फाइनेंस कर रही है, लेकिन बिक्री में बढोतरी नहीं हुई है. सरकार को जीएसटी में कुछ छूट देकर इस बाजार को बचाना चाहिए.