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ऑटो मोबाइल सेक्टर में 35 प्रतिशत गिरावट, व्यापारी मान रहे नोटबंदी और GST का असर - नोटबंदी-GST का असर की खबर

पूरे देश में ऑटो सेक्टर में छाई मंदी का असर जोधपुर में भी दिखाई दे रहा है. यहां दोपहिया और चारपहिया वाहनों की बिक्री में  35 फीसदी तक की गिरावट आई है. व्यापारी इसकी वजह नोटबंदी और जीएसटी को मान रहे हैं.

Jodhpur 35% decline automobiles sector, जोधपुर न्यूज, नोटबंदी-GST का असर
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Published : Aug 21, 2019, 2:38 PM IST

जोधपुर. पूरे देश में ऑटो सेक्टर में छाई मंदी का असर जोधपुर में भी दिखाई दे रहा है. यहां दोपहिया और चारपहिया वाहनों की बिक्री में 35 फीसदी तक की गिरावट आई है. व्यापारी इसकी वजह नोटबंदी और जीएसटी को मान रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार को तो अपना टैक्स पूरा मिल रहा है. लेकिन इसकी मार ने पूरे बाजार को प्रभावित किया है. वर्तमान में एक वाहन की बिक्री पर सरकार को 28 फीसदी जीएसटी, 8 फीसदी रोड टैक्स की सीधी कमाई हो रही है.

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इसके अलावा करीब दस प्रतिशत तक इंश्योरेंस का खर्च वाहन खरीददार को उठाना पड़ता है. इस पर भी सरकार को जीएसटी की कमाई हो रही है. यानी की कुल मिलाकर वाहन की कीमत की 46 फीसदी राशि टैक्स में ही जा रही हैं. वाहनों की बिक्री में एक बड़ी परेशानी सरकार द्वारा दुपहिया वाहनों के लिए पांच साल का बीमा और चार पहिया वाहन के लिए 3 साल का बीमा अनिवार्य रूप से करवाने से कीमतों में इजाफा हो गया है.

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पहले जहां दुपहिया वाहन मालिक को 1200 से 1500 रुपए का एक साल का बीमा खर्च देना होता था. अब यह 7500 तक पहुंच गया है. इसी तरह से चार पहिया वाहनों का खर्च 45000 से 80000 तक पहुंच गया है. इससे भी लोग नए वाहन खरीदने से कतरा रहे हैं. जोधपुर ऑटो डिलर्स एसोसिएशन के सत्येन परिहार बताते हैं कि ऑटो डिलर्स के लिए नवरात्र से दीवाली तक एक तरह की सीजन होती है. गत दिवाली बहुत अच्छी नहीं थी. इस बार मानसून देरी से आया है. ऐसे में कुछ कहा नहीं जा सकता. फिर भी हम तैयार हैं. परिहार के अनुसार बैंक अब 90 फीसदी तक फाइनेंस कर रही है, लेकिन बिक्री में बढोतरी नहीं हुई है. सरकार को जीएसटी में कुछ छूट देकर इस बाजार को बचाना चाहिए.

जोधपुर. पूरे देश में ऑटो सेक्टर में छाई मंदी का असर जोधपुर में भी दिखाई दे रहा है. यहां दोपहिया और चारपहिया वाहनों की बिक्री में 35 फीसदी तक की गिरावट आई है. व्यापारी इसकी वजह नोटबंदी और जीएसटी को मान रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार को तो अपना टैक्स पूरा मिल रहा है. लेकिन इसकी मार ने पूरे बाजार को प्रभावित किया है. वर्तमान में एक वाहन की बिक्री पर सरकार को 28 फीसदी जीएसटी, 8 फीसदी रोड टैक्स की सीधी कमाई हो रही है.

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इसके अलावा करीब दस प्रतिशत तक इंश्योरेंस का खर्च वाहन खरीददार को उठाना पड़ता है. इस पर भी सरकार को जीएसटी की कमाई हो रही है. यानी की कुल मिलाकर वाहन की कीमत की 46 फीसदी राशि टैक्स में ही जा रही हैं. वाहनों की बिक्री में एक बड़ी परेशानी सरकार द्वारा दुपहिया वाहनों के लिए पांच साल का बीमा और चार पहिया वाहन के लिए 3 साल का बीमा अनिवार्य रूप से करवाने से कीमतों में इजाफा हो गया है.

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पहले जहां दुपहिया वाहन मालिक को 1200 से 1500 रुपए का एक साल का बीमा खर्च देना होता था. अब यह 7500 तक पहुंच गया है. इसी तरह से चार पहिया वाहनों का खर्च 45000 से 80000 तक पहुंच गया है. इससे भी लोग नए वाहन खरीदने से कतरा रहे हैं. जोधपुर ऑटो डिलर्स एसोसिएशन के सत्येन परिहार बताते हैं कि ऑटो डिलर्स के लिए नवरात्र से दीवाली तक एक तरह की सीजन होती है. गत दिवाली बहुत अच्छी नहीं थी. इस बार मानसून देरी से आया है. ऐसे में कुछ कहा नहीं जा सकता. फिर भी हम तैयार हैं. परिहार के अनुसार बैंक अब 90 फीसदी तक फाइनेंस कर रही है, लेकिन बिक्री में बढोतरी नहीं हुई है. सरकार को जीएसटी में कुछ छूट देकर इस बाजार को बचाना चाहिए.

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जोधपुर के ऑटोबाजार में 35 फीसदी गिरी बिक्री,

जोधपुर। पूरे  देश में ऑटो सेक्टर में छाई मंदी का असर जोधपुर में भी हुआ है यहां दुपहिया व चारपहिया वाहनों की बिक्री में  35 फीसदी तक की गिरावट आई है। व्यापारी इसकी वजह नोटबंदी व जीएसटी को मान रहे हैं, उनका कहना हे कि सरकार को तो अपना टैक्स पूरा मिल रहा है लेकिन इसकी मार ने पूरे बाजार को प्रभावित किया है। वर्तमान में एक वाहन की बिक्री पर सरकार को 28 फीसदी जीएसटी, 8 फीसदी रोड टैक्स की सीधी कमाई हो रही है, इसके अलावा करीब दस फिसदी तक इंश्योरेंस का खर्च वाहन खरीददार को उठाना पडता है। इस पर भी सरकार को जीएसटी की कमाई हो रही है। यानी की कुल मिलाकर वाहन की कीमत की 46 फीसदी राशि टैक्स में ही जा रही हैं। वाहनों की बिक्री में एक बडी परेशानी सरकार द्वारा दुपहिया वाहनों के लिए पांच साल का बीमा और चार पहिया वाहन के लिए 3 साल का बीमा अनिवार्य रूप से करवाने की व्यवस्था लागू करने कीमतों में इजाफा हो गया है। पहले जहां दुपहिया वाहन मालिक को 1200 से 1500 रुपए का एक साल का बीमा खर्च देना होता था अब यह 7500 तक पहुंच गया है। इसी तरह से चार पहिया वाहनों का खर्च 45000 से 80000 तक पहुंच गया है। इससे भी लोग नए वाहन खरीदने से कतरा रहे हैं। जोधपुर ऑटो डिलर्स एसोसिएशन के सत्येन परिहार बताते हैं कि ऑटो डिलर्स के लिए नवरात्र से दीवाली तक एक तरह की सीजन होती है, गत दिवाली  बहुत अच्छी नहीं थी, इस बार मानसून देरी से आया हे ऐसे में कुछ कहा नहीं जा सकता। फिर भी हम तैयार हैं। परिहार के अनुसार बैंक अब 90 फीसदी तक फाइनेंस कर रही है, लेकिन बिक्री में बढोतरी नहीं हुई है। सरकार को जीएसटी में कुछ छूट देकर इस बाजार को बचाना चाहिए।

बाईट : सत्येन परिहार, सदस्य जोधपुर ऑटो डिलर्स एसोसिएशन




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