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वैभव गहलोत पर निशाना साधा तो भाटी का एनएसयूआई से हुआ निष्कासन - छात्रसंघ चुनाव परिणाम

वैभव गहलोत के खिलाफ बोलने वाले NSUI के बागी छात्रनेता और SFI उम्मीदवार अरविंद सिंह भाटी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है. उन्हें संगठन विरोधी गतिविधि के आरोप में 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है. छात्रसंघ चुनाव परिणाम से ठीक पहले उन्हें Expel किया गया है.

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Published : Aug 27, 2022, 12:10 PM IST

Updated : Aug 27, 2022, 12:20 PM IST

जोधपुर. एनएसयूआई ने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में एसएफआई से अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे अरविंद सिंह भाटी को 6 साल के लिए संगठन से निष्कासित कर दिया है (Arvind Singh Bhati expelled). खास बात ये है कि निष्कासन मतगणना के कुछ देर बाद शनिवार सुबह हुआ. इसका बड़ा कारण भाटी का वैभव गहलोत के खिलाफ मुखर होकर आरोप लगाना बताया जा रहा है. वो देर रात तक धरने पर भी बैठे थे.

भाटी ने आरोप लगाया था कि वैभव गहलोत उनके (अरविंद भाटी) खिलाफ पुलिस प्रशासन पर बेजा दबाव डाल रहे हैं (JNVU Candidate Verbal Attack on Vaibhav Gehlot). उन्होंने मतगणना में धांधली की आशंका जताई थी. गहलोत के खिलाफ बयानबाजी ही अहम वजह है क्योंकि इससे पहले भी वो बागी तेवर दिखा चुके थे जिस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया था. संगठन से अध्यक्ष पद का टिकट न मिलने पर उन्होंने NSUI प्रत्याशी प्रत्याशी हरेंद्र चौधरी के विरूद्ध SFI से नामांकन भर दिया था लेकिन तब Expel नहीं किए गए.

पढ़ें-NSUI ने 6 छात्र नेताओं को 6 साल के लिए किया निष्कासित

पढ़ें- छात्र संघ चुनाव 2022, SFI प्रत्याशी ने लगाया फर्जीवाड़े का आरोप, वैभव गहलोत का लिया नाम

पढ़ें-जेएनवीयू छात्रसंघ चुनाव में हुआ 59 फीसदी से अधिक मतदान, वैभव गहलोत की प्रतिष्ठा दांव पर

भाटी ने कहा था कि उन्हें संदेह है कि विवि मतदान बाद काउंटिंग में मुख्यमंत्री के पुत्र के निर्देश पर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया जाएगा. साथ ही कहा था कि अपने करीबी जेएनवीयू के पूर्व अध्यक्ष सुनील चौधरी की सलाह पर वैभव गहलोत ये सब कर रहे हैं. गौरतलब है कि अरविंद सिंह भाटी मूलत कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए थे. गत पंचायत चुनाव में कांग्रेस से जिला परिषद का चुनाव भी लड़ा था. इस बार छात्र संघ चुनाव की घोषणा के साथ ही अरविंद सिंह भाटी ने एनएसयूआई से अपनी दावेदारी पेश की थी. 9 अगस्त को लगभग ये तय हो गया था कि भाटी ही प्रत्याशी होंगे लेकिन ऐन वक्त पर हरेंद्र चौधरी का नाम घोषित कर दिया गया. इसके बाद से भाटी बागी हो गए थे.

पढ़ें- JNVU Vote Counting, रात 1 बजे खत्म हुआ धरना, पुलिस ने निष्पक्षता का दिया आश्वासन

पढ़ें- NSUI के मंच से विवादित टिप्पणी, राजपूत समाज ने किया विरोध तो मांगी गई माफी

वहीं, बागी होकर छात्रसंघ चुनाव लड़ने वाले छात्रों के खिलाफ एनएसयूआई ने बड़ी कार्रवाई की है. एनएसयूआई (NSUI) ने 6 छात्र नेताओं को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. इनमें मंत्री मुरारीलाल मीणा की बेटी निहारिका जोरवाल, जेएनयू जोधपुर में एसएफआई से चुनाव लड़ रहे अरविंद भाटी, RU में निर्दलीय अध्यक्ष प्रत्याशी प्रतापभानू मीणा के साथ-साथ आलोक शर्मा, सुंदर बैराड और अशोक बुरिया को भी NSUI से निकाल दिया गया है. एनएसयूआई राजस्थान प्रभारी गुरजोत संधू ने आदेश जारी किए हैं.

वैभव गहलोत की प्रतिष्ठा दांव पर- इस चुनाव में अगर सबसे अधिक किसी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है तो वह आरसीए अध्यक्ष एवं एआईसीसी के सदस्य वैभव गहलोत की है. क्योंकि छात्रसंघ चुनाव में यह पहला मौका था जब वैभव गहलोत खुद सक्रिय नजर (Vaibhav Gehlot active in JNVU election) आए. जोधपुर आकर उन्होंने नगर निगम क्षेत्र के कांग्रेस के सभी पार्षदों और पदाधिकारियों को मतदाता सूची तक बांटी और उन्हें एनएसयूआई के प्रत्याशी हरेंद्र चौधरी व पैनल के पक्ष में मतदान करवाने का जिम्मा सौंपा था. उन्होंने कहा था कि एनएसयूआई की जीत से हम मुख्यमंत्री जी को तोहफा देंगे. अब इसका कितना असर होगा, यह तो शनिवार देर शाम को पता चलेगा.

जोधपुर. एनएसयूआई ने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में एसएफआई से अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे अरविंद सिंह भाटी को 6 साल के लिए संगठन से निष्कासित कर दिया है (Arvind Singh Bhati expelled). खास बात ये है कि निष्कासन मतगणना के कुछ देर बाद शनिवार सुबह हुआ. इसका बड़ा कारण भाटी का वैभव गहलोत के खिलाफ मुखर होकर आरोप लगाना बताया जा रहा है. वो देर रात तक धरने पर भी बैठे थे.

भाटी ने आरोप लगाया था कि वैभव गहलोत उनके (अरविंद भाटी) खिलाफ पुलिस प्रशासन पर बेजा दबाव डाल रहे हैं (JNVU Candidate Verbal Attack on Vaibhav Gehlot). उन्होंने मतगणना में धांधली की आशंका जताई थी. गहलोत के खिलाफ बयानबाजी ही अहम वजह है क्योंकि इससे पहले भी वो बागी तेवर दिखा चुके थे जिस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया था. संगठन से अध्यक्ष पद का टिकट न मिलने पर उन्होंने NSUI प्रत्याशी प्रत्याशी हरेंद्र चौधरी के विरूद्ध SFI से नामांकन भर दिया था लेकिन तब Expel नहीं किए गए.

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भाटी ने कहा था कि उन्हें संदेह है कि विवि मतदान बाद काउंटिंग में मुख्यमंत्री के पुत्र के निर्देश पर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया जाएगा. साथ ही कहा था कि अपने करीबी जेएनवीयू के पूर्व अध्यक्ष सुनील चौधरी की सलाह पर वैभव गहलोत ये सब कर रहे हैं. गौरतलब है कि अरविंद सिंह भाटी मूलत कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए थे. गत पंचायत चुनाव में कांग्रेस से जिला परिषद का चुनाव भी लड़ा था. इस बार छात्र संघ चुनाव की घोषणा के साथ ही अरविंद सिंह भाटी ने एनएसयूआई से अपनी दावेदारी पेश की थी. 9 अगस्त को लगभग ये तय हो गया था कि भाटी ही प्रत्याशी होंगे लेकिन ऐन वक्त पर हरेंद्र चौधरी का नाम घोषित कर दिया गया. इसके बाद से भाटी बागी हो गए थे.

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वहीं, बागी होकर छात्रसंघ चुनाव लड़ने वाले छात्रों के खिलाफ एनएसयूआई ने बड़ी कार्रवाई की है. एनएसयूआई (NSUI) ने 6 छात्र नेताओं को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. इनमें मंत्री मुरारीलाल मीणा की बेटी निहारिका जोरवाल, जेएनयू जोधपुर में एसएफआई से चुनाव लड़ रहे अरविंद भाटी, RU में निर्दलीय अध्यक्ष प्रत्याशी प्रतापभानू मीणा के साथ-साथ आलोक शर्मा, सुंदर बैराड और अशोक बुरिया को भी NSUI से निकाल दिया गया है. एनएसयूआई राजस्थान प्रभारी गुरजोत संधू ने आदेश जारी किए हैं.

वैभव गहलोत की प्रतिष्ठा दांव पर- इस चुनाव में अगर सबसे अधिक किसी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है तो वह आरसीए अध्यक्ष एवं एआईसीसी के सदस्य वैभव गहलोत की है. क्योंकि छात्रसंघ चुनाव में यह पहला मौका था जब वैभव गहलोत खुद सक्रिय नजर (Vaibhav Gehlot active in JNVU election) आए. जोधपुर आकर उन्होंने नगर निगम क्षेत्र के कांग्रेस के सभी पार्षदों और पदाधिकारियों को मतदाता सूची तक बांटी और उन्हें एनएसयूआई के प्रत्याशी हरेंद्र चौधरी व पैनल के पक्ष में मतदान करवाने का जिम्मा सौंपा था. उन्होंने कहा था कि एनएसयूआई की जीत से हम मुख्यमंत्री जी को तोहफा देंगे. अब इसका कितना असर होगा, यह तो शनिवार देर शाम को पता चलेगा.

Last Updated : Aug 27, 2022, 12:20 PM IST
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