जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय सहायक प्रोफेसर भर्ती मामले में सम्पूर्ण भर्ती प्रकरण की तथ्यात्मक जांच करने के लिए गठित समिति के क्रियान्वयन पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस अरूण मोंगा की एकलपीठ में डॉ मीना बारूपाल व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया है.
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता सीएस कोटवानी व उनकी सहयोगी अधिवक्ता स्वाति शेखर ने याचिका पेश कर बताया कि सहायक प्रोफेसर पदों के लिए विश्वविद्यालय ने विज्ञप्ति जारी की थी. जिसमें कुल 154 सहायक प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति दी गई. इस भर्ती में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए एसीबी में मामला दर्ज कराया गया था. जिसमें जांच के बाद कईयों को गिरफ्तार भी किया गया था. इस सम्पूर्ण मामले में हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट तक याचिकाए पेश की गई. इसके बाद ही याचिकाकर्ताओं को नियमित किया गया. इस दौरान 2023 में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी को विड्रो कर दिया. जिसके बाद पूर्व प्रतिपक्ष नेता राजेन्द्र राठौड़ ने राज्यपाल राजस्थान को इसकी शिकायत कर जांच करवाने का निवेदन किया.
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प्रमुख सचिव ने 26 अक्टूबर, 2023 को एक आदेश जारी करते हुए इस सम्पूर्ण प्रकरण की जांच के लिए प्रो जेपी शर्मा पूर्व कुलपति मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का आदेश जारी किया गया. समिति को जांच समिति विश्वविद्यालय को अपना पक्ष रखे जाने का अवसर देते हुए सम्पूर्ण भर्ती प्रकरण की तथ्यात्मक जांच कर अपनी अनुशंसा के साथ जांच रिपोर्ट 10 दिन में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे. इस आदेश को निरस्त करवाने के लिए याचिका दायर की गई. हाईकोर्ट ने अप्रार्थीगण प्रमुख सचिव राज्यपाल राजस्थान, रजिस्ट्रार जयनारायण विश्वविद्यालय जोधपुर व पूर्व प्रतिपक्ष नेता राजेन्द्र राठौड़ को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया गया. कोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए 26 अक्टूबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है.