जोधपुर. एसीबी कोर्ट ने बिजली का कनेक्शन करने के एवज में रिश्वत मांगने वाले सहायक अभियंता को दो साल की सजा सुनाई है. साथ ही 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं देने की स्थिति में 2 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना करना होगा.
विशेष न्यायाधीश सेशन न्यायालय एसीबी दीपक कुमार ने साल 2009 के इस मामले में सहायक अभियंता जितेंद्र सिंह को यह सजा सुनाई है. 2009 में जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के तिंवरी तहसील ओसियां में पदस्थापित सहायक अभियंता जितेंद्र सिंह के पास परिवादी बाबू राम पुत्र तुलसाराम जाट ने अपनी पैतृक कृषि भूमि पर पुरखा राम के नाम से विद्युत कनेक्शन करने के लिए आवेदन किया था. इस कार्य को करने के एवज में 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई थी. कनेक्शन के लिए तकमीना बनाने के लिए 2 हजार उसी समय प्राप्त कर लिए थे.
इसके बाद इसी मांग के अनुरूप 12 जून 2009 को परिवादी से रिश्वत के 3 हजार प्राप्त कर लिए. इस काम में इनाम के रूप में 2 हजार दिनांक 15 जून 2006 को बतौर रिश्वत भी प्राप्त किए. उस समय एसीबी की टीम ने जितेंद्र सिंह को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.
मामले में दायर आरोप पत्र पर बहस के दौरान अभियोजन द्वारा कुल 16 गवाहों को कोर्ट में बुलाया गया. साथ ही 34 दस्तावेज बतौर साक्ष्य पेश किए गए. सहायक निदेशक अभियोजन और विशिष्ट लोक अभियोजक एनके सांखला द्वारा पेश किए गए. साक्ष्य को सही मानते हुए न्यायालय ने आरोपी सहायक अभियंता जितेंद्र सिंह को अपराध दोष सिद्ध घोषित कर 2 साल के कारावास और जुर्माने से दंडित किया है.