जोधपुर: स्तन कैंसर की सर्जरी (Breast Cancer Surgery) के बाद भी कई बार दोबारा कैंसर हो जाता है. इसके पीछे की असल वजह यह है कि सर्जरी के बाद भी कई बार इंफेक्टेड सेल बचे रह जाते हैं, जो आम तौर पर नजर नहीं आते हैं. अब आईआईटी जोधपुर ने इस समस्या का समाधान ढूंढ लिया है, जिससे न केवल ऐसी बची हुई सेल्स का पता लग सकेगा, बल्कि इंफेक्टेड सेल को भी आसानी से खत्म किया जा सकेगा. आने वाले समय में आईआईटी जोधपुर की यह तकनीक स्तन कैंसर के उपचार में मील का पत्थर साबित हो सकती है. इन सबके बीच खास बात यह है कि लेबोरेटरी में सफल परीक्षण के बाद शोध को अंतरराष्ट्रीय जनरल में जगह मिली है. अब आईआईटी के विशेषज्ञ टाटा मेमोरियल कैंसर रिसर्च सेंटर मुंबई में आगे काम करने की योजना बना रहे हैं.
आईआईटी जोधपुर के बॉयो साइंस विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुरजीत घोष ने बताया कि उनकी टीम ने प्यूरिन बेंजोथायोजॉल आधारित नया फ्लोरेसेंट मॉलिक्यूल (fluorescent molecule) बनाया है. ये मॉलिक्यूल स्तन कैंसर कोशिकाओं की पहचान करते हैं. साथ ही सर्जरी के बाद अगर डॉक्टर इस अणु का इंजेक्शन देते हैं तो शेष बची सेल नीले रंग में प्रदर्शित होती है, जिन्हें बाद में सर्जरी कर बाहर निकाला जा सकता है. डॉ. घोष की मानें तो इस काम को अंजाम तक पहुंचाने में उन्हें 5 साल से अधिक का समय लगा है. इसमें रिसर्च स्टूडेंट भी शामिल रहे हैं. साथ ही अलग-अलग प्रयोग के दौरान यह भी सामने आया कि अगर मॉलिक्यूल इंजेक्शन की डोज बढ़ा दी जाती है तो यह सेल खुद-ब-खुद खत्म भी होती है.
चिपक जाते हैं मॉलिक्यूल रिसेप्टर: आईआईटी जोधपुर की शोध को नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट (Nature Scientific Report) में प्रकाशित किया गया है. रिसर्च में पाया गया कि स्तन कैंसर की कोशिकाओं में एस्ट्रोजन रिसेप्टर होते हैं, जिससे निजात दिलाने को आईआईटी ने अुण फ्लोरेसेंट मॉलिक्यूल विकसति किया है, जो रिसेप्टर पर जाकर चिपक जाते हैं और नीले रंग में प्रदर्शित होने लगते हैं. इससे बीमार कोशिकाएं आसानी से पकड़ में आ जाती है.
स्तन कैंसर से होती है सर्वाधिक मौत: किसी समय में दुनिया में सर्वाधिक मौत फेंफड़ों के कैंसर से हुआ करती थी, लेकिन अब स्तन कैंसर ने इसे पीछे छोड़ दिया है. जिसकी वजह यह है कि शुरुआत में पता लगने और सर्जरी के बाद भी दोबारा कैंसर होने की संभावना बनी रहती है. इसके कारण हाल के सालों में स्तन कैंसर से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है. दुनिया के विकसित देशों में जहां 10 फीसदी तो भारत में सर्जरी के बाद 5 साल से कम की समयावधि में 30 से 35 फीसदी महिलाओं की मौत होती है.
तथ्यों पर नजर
WHO के अनुसार स्तन कैंसर की स्थिति
- 23 लाख महिलाएं 2020 में स्तन कैंसर की चपेट में आई
- 6.84 लाख महिलाओं की 2020 में स्तन कैंसर से मौत हो गई
- दुनिया में 78 लाख महिलाओं का बीते 5 साल से उपचार जारी है
- 15 से 39 साल की महिलाओं में शुरुआती स्टेज में स्तन कैंसर का पता नहीं चल पाता है
- स्तन कैंसर के इलाज के बाद 90 फीसद महिलाएं बामुश्किल 5 साल से ज्यादा जीवित रहती हैं
- भारत में इलाज के बाद 66 फीसद महिलाएं ही 5 साल से अधिक जीवित रहती हैं
जानें किस कैंसर के कितने मरीज |
ब्रेस्ट कैंसर | 24.5% |
कोलोरेक्टल कैंसर | 9.4% |
फेफड़े का कैंसर | 8.4% |
गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर | 6.5% |
थायराइड कैंसर | 4.9% |
गर्भाशय की दीवार का कैंसर | 5% |
आमाशय का कैंसर | 4% |
अन्य कैंसर | 37.8% |