जोधपुर. रंगों के पर्व होली को हम भक्त प्रहलाद के बचने और होलिका के जलने की खुशी में मनाते हैं. होलिका को बुराई का प्रतीक माना जाता है, लेकिन होलिका जलाने से पहले उनकी विधि-विधान से पूजा की जाती है. होलिका को पूजने के पीछे एक कहानी है. जिसे शायद काफी कम लोग ही जानते हैं.
इतिहासकार काका गोविंद गुरू बताते हैं कि यह कहानी होलिका और इलोजी के प्रेम से जुड़ी हुई है. इलोजी नाम का एक राजकुमार था, जो होलिका का होने वाला पति था. होलिका उससे प्रेम करती थी. होलिका और इलोजी के प्रेम के बारे में हिरण्यकश्यप को खबर थी. इस बीच हिरण्यकश्यप अपने पुत्र की देवभक्ति से काफी परेशान था. ऐसे में वह भक्त प्रहालाद को मारने के लिए तरह-तरह के जतन करता रहता था, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली.
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इस पर हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से कहा कि तुम्हें अग्नि में नहीं जलने का वरदान है. तुम प्रहलाद को गोद में लेकर अग्निकुंड में बैठ जाओ, जिससे प्रहलाद मर जाएगा. इतिहासकार बताते हैं कि होलिका ने इस कार्य को करने से मना कर दिया. इस पर हिरण्यकश्यप ने कहा कि अगर तुम ऐसा नहीं करोगी तो 'मैं तुम्हारा विवाह इलोजी से नहीं होने दूंगा'. इस पर होलिका परेशान हो गई.
विवाह के दिन जल गई होलिकाः जोधपुर के वयोवृद्ध साहित्यकार और इतिहासकार काका गोविंद गुरू बताते हैं कि इलोजी और होलिका का विवाह फाल्गुन की पूर्णिमा को होना तय हुआ था. लेकिन हिरण्यकश्यप लगातार होलिका पर दबाव बना रहा था. इस बीच विवाह का दिन आ गया तो मजबूरन होलिका को अपने भाई की बात माननी पड़ी. पूर्णमासी के दिन होलिका ने प्रहलाद को अपनी गोद में बैठाया और अग्निकुंड में बैठ गई.
होलिका यह भूल गई कि उसको जो वरदान मिला था, वो सिर्फ अकेली के लिए था. यही वजह थी कि अग्नि से विष्णुभक्त प्रहलाद सकुशल निकल गए और होलिका जल कर भस्म हो गई. इधर इलोजी बारात लेकर पहुंचे, लेकिन तब उन्हें पता चला कि होलिका नहीं रही. इसपर वो विक्षिप्त हो गया और उसी अवस्था में विलाप करता हुआ वन की ओर चला गया.
मारवाड़ में जगह-जगह बने हैं इलोजीः होलिका के भस्म हो जाने से इलोजी का विवाह नहीं हुआ. मारवाड़ के शहरों के विभिन्न मोहल्ले में इलोजी की प्रतीमाएं लगी हैं. होली के समय इनका रंग रोगन भी होता है. हालांकि वर्तमान समय में इलोजी को हंसी मजाक का पात्र ही माना जाता है. क्योंकि उनका विवाह नहीं हुआ था. कहा जाता है कि जिनके विवाह नहीं होता वे होली पर इनकी पूजा करते हैं.