जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया है कि राजस्थान विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारी का हलफनामा आगामी 18 जनवरी तक पेश कर बताएं कि राज्य के स्थाई लोक अदालतों में कर्मचारियों के खाली पद भरने के लिए अभी तक क्या कदम उठाए (Court on vacant posts of employees in Lok Adalats ) हैं. न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश कुलदीप माथुर की खंडपीठ में एडवोकेट वासुदेव दाधीच की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.
अधिवक्ता अनिल भंडारी ने कहा कि खंडपीठ के निरंतर दिशा-निर्देश के बाद जोधपुर महानगर सहित 8 स्थाई लोक अदालत में पूर्णकालीन अध्यक्ष पद पर गत 12 अप्रैल को नियुक्ति आदेश जारी किए गए हैं. 28 नवंबर के आदेश से जोधपुर महानगर और जोधपुर जिला सहित 19 स्थाई लोक अदालत में खाली 24 पदों पर सदस्य नियुक्त किए जा चुके हैं. लेकिन हाईकोर्ट के बार-बार निर्देशों के बावजूद कर्मचारियों के स्वीकृत पद भी पूर्ण रूप से नहीं भरे जा रहे हैं. जिससे न्यायिक कार्रवाई सुचारू रूप से चलने में काफी दिक्कत आ रही है.
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उन्होंने कहा कि जोधपुर महानगर में वर्तमान में 1200 से अधिक प्रकरण लंबित होने से जोधपुर जिला की अंशकालीन स्थाई लोक अदालत जो कि माह में दो ही दिन कार्यरत रहती है, को पूर्णकालिक स्थाई लोक अदालत में परिवर्तित करने से याचियों को त्वरित न्याय मिल सकेगा. राज्य सरकार और विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अतिरिक्त महाधिवक्ता संदीप शाह ने कहा कि कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरने बाबत जानकारी देने के वास्ते उन्हें कुछ समय प्रदान किया जाए.
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भारत सरकार की ओर से डिप्टी सॉलिसिटर जनरल मुकेश राजपुरोहित ने कहा कि स्थाई लोक अदालत में जवाब और प्रकरण के निर्णय की समय सीमा और इजराय का अधिकार इसी अदालत को देने की प्रार्थना के जवाब के वास्ते उन्हें एक और अवसर प्रदान किया जाए. हाईकोर्ट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ सचिन आचार्य ने पैरवी की. खंडपीठ ने इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता को निर्देश दिया कि प्राधिकरण के अधिकारी का हलफनामा दायर कर आगामी तारीख तक बताएं कि राज्य की स्थाई लोक अदालतों में मानव संसाधन की खाली जगह को भरने के लिए अभी तक क्या कदम उठाए गए हैं.