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Ustad Gulab Khan Award 2023 : उस्ताद गुलाब खां अवॉर्ड से सम्मानित हुए पद्मश्री हंसराज हंस

जोधपुर में पंजाबी गायक पद्मश्री हंसराज हंस को उस्ताद गुलाब खां अवॉर्ड (Ustad Gulab Khan Lifetime Achievement Award) से सम्मानित किया गया.

Hansraj Hans honored with Ustad Gulab Khan Award
उस्ताद गुलाब खां अवॉर्ड से सम्मानित हुए हंसराज हंस
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Published : Mar 9, 2023, 9:44 PM IST

Updated : Mar 9, 2023, 10:57 PM IST

पद्मश्री हंसराज हंस की प्रस्तुति

जोधपुर. शहर के मेहरानगढ़ की जनाना ड्योढ़ी में गुरुवार को दसवां उस्ताद गुलाब खां लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड समारोह में पंजाबी गायक और सांसद पद्मश्री हंसराज हंस को दिया गया. जोधपुर के पूर्व नरेश गजसिंह और हेमलता राजे ने उन्हें सम्मानित किया. इस अवार्ड में 1 लाख नकद राशि, शाॅल, श्रीफल, ट्रॉफी, प्रशस्ति-पत्र भेंट किया और जोधपुरी साफा पहनाया.

समारोह की शुरुआत उस्ताद गुलाब खां प्रपौत्र सितार वादक इमरान खान और फ्रांस के सिंगर लेजेंडरी लुई के फ्यूजन से हुई. वहीं, हंसराज हंस ने अपनी सूफी गायकी से समा बांध दिया. इस मौके पर हंसराज हंस ने उस्ताद सुल्तान खां और गुलाब खां के संगीत की दुनिया को दिए योगदान के लिए भी याद किया. उन्होंने इस अवॉर्ड को अपनी खुशनसीबी बताया.

पढे़ं. Rashtriya Sanskriti Mahotsav 2023: संस्कृति महोत्सव के चौथे दिन पद्मश्री हंसराज हंस ने बांधा समां

सुल्तान खान ने शुरू किया था अवार्ड : सारंगी वादक उस्ताद गुलाब खां पद्मभूषण उस्ताद सुल्तान खां के पिता थे. अपने पिता की याद में उन्होंने उस्ताद गुलाब खां अचीवमेन्ट अवार्ड की शुरुआत 2011 में की थी. इसके तहत अब तक मशूहर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन, सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान, संतूर वादक पंडित शिव कुमार शर्मा, बांसुरी वादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, वायलिन वादक डॉ. एल.सुब्रमण्यम, गायक हरिहरन, पंकज उदास, सुरेश वाडकर और आशा भोसले जैसे दिग्गजों को यह अवार्ड दिया जा चुका है.

पिया बसंती रे आज भी प्रिय : उस्ताद गुलाब खां सारंगी वादक थे. सुल्तान खां ने अपने पिता को ही गुरु मानकर सारंगी बजाना सीखा था. जोधपुर में ही इसकी शुरुआत हुई थी. आज भी रातानाडा में परिवार के लोग रहते हैं. उस्ताद सुल्तान खां ने सारंगी वादन को नई ऊंचाइयां दी थी. उनका एक गाना पिया बसंती रे नई पीढ़ी का पसंदीदा साबित हुआ था, ये आज भी कर्ण प्रिय है. सुल्तान खां ने ज्यादातर समय मुंबई में ही गुजारा. उन्हें सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया.

पद्मश्री हंसराज हंस की प्रस्तुति

जोधपुर. शहर के मेहरानगढ़ की जनाना ड्योढ़ी में गुरुवार को दसवां उस्ताद गुलाब खां लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड समारोह में पंजाबी गायक और सांसद पद्मश्री हंसराज हंस को दिया गया. जोधपुर के पूर्व नरेश गजसिंह और हेमलता राजे ने उन्हें सम्मानित किया. इस अवार्ड में 1 लाख नकद राशि, शाॅल, श्रीफल, ट्रॉफी, प्रशस्ति-पत्र भेंट किया और जोधपुरी साफा पहनाया.

समारोह की शुरुआत उस्ताद गुलाब खां प्रपौत्र सितार वादक इमरान खान और फ्रांस के सिंगर लेजेंडरी लुई के फ्यूजन से हुई. वहीं, हंसराज हंस ने अपनी सूफी गायकी से समा बांध दिया. इस मौके पर हंसराज हंस ने उस्ताद सुल्तान खां और गुलाब खां के संगीत की दुनिया को दिए योगदान के लिए भी याद किया. उन्होंने इस अवॉर्ड को अपनी खुशनसीबी बताया.

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सुल्तान खान ने शुरू किया था अवार्ड : सारंगी वादक उस्ताद गुलाब खां पद्मभूषण उस्ताद सुल्तान खां के पिता थे. अपने पिता की याद में उन्होंने उस्ताद गुलाब खां अचीवमेन्ट अवार्ड की शुरुआत 2011 में की थी. इसके तहत अब तक मशूहर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन, सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान, संतूर वादक पंडित शिव कुमार शर्मा, बांसुरी वादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, वायलिन वादक डॉ. एल.सुब्रमण्यम, गायक हरिहरन, पंकज उदास, सुरेश वाडकर और आशा भोसले जैसे दिग्गजों को यह अवार्ड दिया जा चुका है.

पिया बसंती रे आज भी प्रिय : उस्ताद गुलाब खां सारंगी वादक थे. सुल्तान खां ने अपने पिता को ही गुरु मानकर सारंगी बजाना सीखा था. जोधपुर में ही इसकी शुरुआत हुई थी. आज भी रातानाडा में परिवार के लोग रहते हैं. उस्ताद सुल्तान खां ने सारंगी वादन को नई ऊंचाइयां दी थी. उनका एक गाना पिया बसंती रे नई पीढ़ी का पसंदीदा साबित हुआ था, ये आज भी कर्ण प्रिय है. सुल्तान खां ने ज्यादातर समय मुंबई में ही गुजारा. उन्हें सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया.

Last Updated : Mar 9, 2023, 10:57 PM IST
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