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Gehlot Government Order: अब छात्रसंघ कार्यालयों के उद्घाटन के लिए विधायकों की सहमति होगी जरूरी - गहलोत सरकार का आदेश

छात्र संघ कार्यालयों के उद्घाटन कार्यक्रम के लिए स्थानीय विधायकों की अनुमति और सहमति वाले राज्य सरकार के आदेश से छात्र नेता खासा नाराज हैं. जिसका अब विरोध भी (Gehlot government order) शुरू हो गया है.

Gehlot government order
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Published : Jan 30, 2023, 1:28 PM IST

जोधपुर. इन दिनों प्रदेश के कॉलेजों में धड़ल्ले से छात्र संघ कार्यालयों के उद्घाटन का कार्यक्रम चल रहा है. लेकिन इस बीच राज्य की गहलोत सरकार की ओर से एक आदेश जारी किया गया है. जिसके जरिए अब कॉलेजों में भी विधायकों की दखलअंदाजी बढ़ाने की कोशिश की गई है. आदेश के मुताबिक अब कॉलेजों में छात्रसंघ कार्यालयों के उद्घाटन से पहले स्थानीय विधायकों से अनुमति लेनी होगी. वहीं, आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सभी कॉलेजों के छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन से जुड़े कार्यक्रम स्थानीय विधायक की सहमति से 10 फरवरी तक किए जाएंगे.

कॉलेज शिक्षा आयुक्त कार्यालय की ओर से यह आदेश 24 जनवरी को जारी किया गया था. ​जिसमें कहा गया है कि पूर्व में महाविद्यालय प्रशासन की सहमति से यह आयोजन होने थे, लेकिन अब इसमें स्थानीय विधायक की सहमति लेनी जरूरी होगी. साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि समारोह के दिन राज्य विधानसभा में अवकाश हो. सरकार के इस आदेश को लेकर छात्र नेताओं ने आपत्ति जताई है. जेएनवीयू छात्रसंघ के अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि सरकार विधायकों को खुश करने के लिए ऐसा कर रही है. विभिन्न विचारधारा वाले छात्र संगठन है, जिनकी विचारधारा के विधायक नहीं हैं. ऐसे में विधायक गतिरोध पैदा कर सकते हैं. इसके लिए सभी छात्र नेताओं को एक होना चाहिए.

इसे भी पढ़ें - BJP Stands For Farmers: तेज बारिश-ओलावृष्टि से कई जिलों में फसलों को नुकसान, भाजपा ने उठाई मुआवजे की मांग

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सरकारी व निजी महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में गत वर्ष चुनाव हुए थे. सभी जगहों पर नए सत्र के बाद ही छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन और शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किए जा रहे हैं. अभी भी प्रदेश में कई जगहों पर समारोह होने बाकी है. हाल ही में जयपुर महारानी कॉलेज में भी समारेाह हुआ था. इस बीच 24 जनवरी को सरकार की ओर से यह फरमान जारी कर दिया गया. जिसमें कहा गया है कि 10 फरवरी तक सभी समारोह स्थानीय विधायक की सहमति से कर लिए जाएं.

एक जुट होने का आह्वान: प्रदेश सरकार के कॉलेज शिक्षा आयुक्त कार्यालय की ओर से जारी इस आदेश को लेकर भाटी ने सोशल मीडिया पर छात्र नेताओं से एकजुट होने के लिए आह्वान किया है. रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि जो छात्र नेता अपने दम पर चुनाव जीत कर आए हैं वो भला क्यों विधायक से अपने समारोह की सहमति लें. उन्होंने कहा कि सरकार को इस तरह के आदेश जारी नहीं करने चाहिए थे. सरकार को युवाओं के भविष्य का ध्यान रखने के लिए पेपर लीक रोकने और प्रदेश में बढ़ते अपराध को रोकने के लिए कठोर कानून-व्यवस्था के आदेश जारी करने चाहिए. लेकिन सरकार छात्र संघों को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है.

जोधपुर. इन दिनों प्रदेश के कॉलेजों में धड़ल्ले से छात्र संघ कार्यालयों के उद्घाटन का कार्यक्रम चल रहा है. लेकिन इस बीच राज्य की गहलोत सरकार की ओर से एक आदेश जारी किया गया है. जिसके जरिए अब कॉलेजों में भी विधायकों की दखलअंदाजी बढ़ाने की कोशिश की गई है. आदेश के मुताबिक अब कॉलेजों में छात्रसंघ कार्यालयों के उद्घाटन से पहले स्थानीय विधायकों से अनुमति लेनी होगी. वहीं, आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सभी कॉलेजों के छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन से जुड़े कार्यक्रम स्थानीय विधायक की सहमति से 10 फरवरी तक किए जाएंगे.

कॉलेज शिक्षा आयुक्त कार्यालय की ओर से यह आदेश 24 जनवरी को जारी किया गया था. ​जिसमें कहा गया है कि पूर्व में महाविद्यालय प्रशासन की सहमति से यह आयोजन होने थे, लेकिन अब इसमें स्थानीय विधायक की सहमति लेनी जरूरी होगी. साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि समारोह के दिन राज्य विधानसभा में अवकाश हो. सरकार के इस आदेश को लेकर छात्र नेताओं ने आपत्ति जताई है. जेएनवीयू छात्रसंघ के अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि सरकार विधायकों को खुश करने के लिए ऐसा कर रही है. विभिन्न विचारधारा वाले छात्र संगठन है, जिनकी विचारधारा के विधायक नहीं हैं. ऐसे में विधायक गतिरोध पैदा कर सकते हैं. इसके लिए सभी छात्र नेताओं को एक होना चाहिए.

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उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सरकारी व निजी महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में गत वर्ष चुनाव हुए थे. सभी जगहों पर नए सत्र के बाद ही छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन और शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किए जा रहे हैं. अभी भी प्रदेश में कई जगहों पर समारोह होने बाकी है. हाल ही में जयपुर महारानी कॉलेज में भी समारेाह हुआ था. इस बीच 24 जनवरी को सरकार की ओर से यह फरमान जारी कर दिया गया. जिसमें कहा गया है कि 10 फरवरी तक सभी समारोह स्थानीय विधायक की सहमति से कर लिए जाएं.

एक जुट होने का आह्वान: प्रदेश सरकार के कॉलेज शिक्षा आयुक्त कार्यालय की ओर से जारी इस आदेश को लेकर भाटी ने सोशल मीडिया पर छात्र नेताओं से एकजुट होने के लिए आह्वान किया है. रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि जो छात्र नेता अपने दम पर चुनाव जीत कर आए हैं वो भला क्यों विधायक से अपने समारोह की सहमति लें. उन्होंने कहा कि सरकार को इस तरह के आदेश जारी नहीं करने चाहिए थे. सरकार को युवाओं के भविष्य का ध्यान रखने के लिए पेपर लीक रोकने और प्रदेश में बढ़ते अपराध को रोकने के लिए कठोर कानून-व्यवस्था के आदेश जारी करने चाहिए. लेकिन सरकार छात्र संघों को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है.

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