जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के पुराना परिसर में रविवार सुबह हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एबीवीपी का नाम आने के बाद संगठन ने स्पष्ट किया है कि चुनावी साल में कोई भी दावेदारी कर नाम ले सकता है. ऐसे में संगठन को अपराध से जोड़ना ठीक नहीं है. संगठन इस घटना की कड़ी भर्त्सना करता है और मांग करता है कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए.
प्रांत मंत्री श्याम शेखावत ने बताया कि विश्वविद्यालय के सभी परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था का अभाव है, लेकिन प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. हमने कुछ समय पहले ही इसको लेकर ज्ञापन दिया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई, जिसका नतीजा आज देखने को मिला है. इसके साथ ही जोधपुर एबीवीपी ने विश्वविद्यालय में सुरक्षा के अभाव को लेकर केंद्रीय कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया और कुलपति केएल श्रीवास्तव के खिलाफ विरोध जताया.
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सुरक्षा मुद्दे पर एनएसयूआई ने भी वीसी का विरोध किया : एनएसयूआई ने भी इस घटना को लेकर आक्रोश जताया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. लेकिन साथ में विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ आए दिन होने वाली छेड़खानी की घटनाओं को रोकने के लिए पुख्ता सुरक्षा इंतजाम की कमी को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को आड़े हाथ लिया. एनएसयूआई के नेता दीपक जाखड़ ने समर्थकों के साथ कुलपति के खिलाफ प्रदर्शन किया.
जाखड़ ने कहा कि जो घटना हुई है, बहुत शर्मनाक है. हमारे विश्वविद्यालय में छात्रों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है. हम इसको लेकर लंबे समय से मांग कर रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है. हम चाहते हैं कि सभी परिसरों में सीसीटीवी कैमरे लगे, जिससे कि बाहर से आने-जाने वाले लोगों की पहचान हो सके. सात दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो एनएसयूआई बड़ा आंदोलन करेगी. विरोध-प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने दोषियों को फांसी देने की मांग की.
कौन है लोकेंद्र सिंह : लोकेंद्र सिंह ने गत छात्र संघ चुनाव के दौरान एबीवीपी से टिकट की मांग की थी,। लेकिन संगठन ने उन्हें प्रत्याक्षी नहीं बनाया. राजवीर सिंह बाता को उतारा था, लेकिन एबीवीपी चुनाव हार गई. ऐसे में इस बार लोकेंद्र सिंह ने फिर दावेदारी पेश कर दी. प्रचार भी शुरू हो गया. पुलिस ने पकड़े गए आरोपी को लोकेंद्र सिंह का समर्थक बताया, जिसके बाद मामला गरमा गया, जो इस बार के चुनाव में मुद्दा भी बन सकता है.