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होली के बाद अब 'गणगौर' की धूम...राजस्थान में महिलाओं ने शुरू की गौर माता की पूजा

प्रदेश में होली का त्योहार निकलने के बाद अभी से गणगौर की धूम दिखाई देने लगी है. जिसके तहत जोधपुर में आज एक महिला मंडल ने गणगौर पूजन का आयोजन किया.

गणगौर की पूजा करती महिलाएं
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Published : Mar 26, 2019, 11:13 PM IST

जोधपुर. होली का त्योहार निकलने के बाद जोधपुर में अब गणगौर की धूम दिखाई देने लगी है. गणगौर पर्व को लेकर महिलाओं नेअभी से तैयारियां शुरू कर दी है. जोधपुर में आज एक महिला मंडल ने गणगौर पूजन का आयोजन किया. जिसमें अनेक महिलाओं ने भगवान ईशरऔर गवर माता की पूजा-अर्चना की.

कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने एक जगह एकत्रित होकर भगवान शिव के स्वरूप ईशरजी और माता पार्वती के रूप में पूजीजाने वाली गणगौर माता की बड़े धूमधाम से पूजा की. रंग पंचमी के बाद से ही गणगौर मात की पूजा शुरू कर दी जाती है. रंग पंचमी के बाद 16 दिन तक गवर माता की पूजा की जाती है और उस दौरान अलग-अलग जगहों पर विशाल आयोजन किए जाते हैं.

राजस्थान में गणगौर का त्योहार एक मुख्य त्योहार माना जाता है. मान्यता है कि महिलाएं गवर माता की पूजा अपने सुहाग की रक्षा के लिए करती है तो वही कुंवारी कन्या एक अच्छे वर की प्राप्ति के लिएगवर माता की पूजा करती है.

जोधपुर. होली का त्योहार निकलने के बाद जोधपुर में अब गणगौर की धूम दिखाई देने लगी है. गणगौर पर्व को लेकर महिलाओं नेअभी से तैयारियां शुरू कर दी है. जोधपुर में आज एक महिला मंडल ने गणगौर पूजन का आयोजन किया. जिसमें अनेक महिलाओं ने भगवान ईशरऔर गवर माता की पूजा-अर्चना की.

कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने एक जगह एकत्रित होकर भगवान शिव के स्वरूप ईशरजी और माता पार्वती के रूप में पूजीजाने वाली गणगौर माता की बड़े धूमधाम से पूजा की. रंग पंचमी के बाद से ही गणगौर मात की पूजा शुरू कर दी जाती है. रंग पंचमी के बाद 16 दिन तक गवर माता की पूजा की जाती है और उस दौरान अलग-अलग जगहों पर विशाल आयोजन किए जाते हैं.

राजस्थान में गणगौर का त्योहार एक मुख्य त्योहार माना जाता है. मान्यता है कि महिलाएं गवर माता की पूजा अपने सुहाग की रक्षा के लिए करती है तो वही कुंवारी कन्या एक अच्छे वर की प्राप्ति के लिएगवर माता की पूजा करती है.

Intro:जोधपुर
होली का त्योहार निकलने के बाद जोधपुर में अब गणगौर की धूम दिखाई देने लगी है रंग पंचमी के बाद मनाए जाने वाले गणगौर पर्व को लेकर महिलाओं द्वारा अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई है जोधपुर की आज एक महिला मंडल ने गणगौर पूजन का आयोजन किया जहां पर कई महिलाओं ने भगवान ईश्वर और गवर माता की पूजा अर्चना की और उसके साथ गणगौर के गीत गान किए । ईसर जी और गवर माता को भगवान शिव और पार्वती का रूप माना जाता है और उनकी बड़े धूमधाम से पूजा की जाती है



Body:रंग पंचमी के बाद से ही गवर माता की पूजा और गणगौर की पूजा शुरू कर दी जाती है रंग पंचमी के बाद 16 दिन तक गवर माता की पूजा की जाती है और उस दौरान अलग-अलग जगहों पर विशाल आयोजन किए जाते हैं इसमें सबसे मुख्य मेहरानगढ़ दुर्ग पर विराजमान गवर माता की विशेष तौर पर पूजा की जाती है अलग अलग संगठनों द्वारा अपने अपने मोहल्ले में गवर माता की पूजा की जाती है और उस दौरान गवर माता को आभूषणों से तैयार किया जाता हैं । मान्यता है कि महिलाएं गवर माता की पूजा अपने सुहाग की रक्षा के लिए करती है तो वही कुंवारी कन्या एक अच्छे वर की प्राप्ति हेतु गवर माता की पूजा करती है जोधपुर में आने वाले दिनों में गुरुवार को लेकर विभिन्न आयोजन भी किए जाएंगे ।


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