जोधपुर. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Shekhawat on Alwar Case) ने अलवर में मूक बधिर बालिका प्रकरण (Alwar Special Girl Child Case) में राज्य सरकार के मंत्री और अफसरों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. रविवार को शेखावत ने ट्वीट कर गहलोत सरकार को घेरते हुए कहा कि घटना के विरोध में अलवर बंद रहा लेकिन मंत्री और कलेक्टर सरिस्का घूमने निकल गए.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट किया कि 'राजस्थान सरकार के सामाजिक न्याय मंत्री श्री टीकाराम जूली जी की संवेदना और कर्तव्य बोध का निर्णय अब जनता को ही करना होगा. एक तरफ नाबालिग बिटिया से हुए दुष्कर्म के विरोध में समूचा अलवर जिला बंद रहा. आम जनता ने अपनी दिनचर्या रोक दी. दूसरी ओर मंत्री महोदय अलवर जिला कलेक्टर और एसपी समेत कई अधिकारियों को लेकर सरिस्का अभयारण्य घूमने को निकले थे (Tikaram Jully in Sariska). मतलब ये सरकार, उसके मंत्री और उसका प्रशासन एक अबोध बेटी की पीड़ा को पिकनिक का अवसर समझते हैं. इनके लिए समाज की करुणा, उसका दुख और उसका रोष जैसे रोज की बात है.'
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केंद्रीय मंत्री ने पूछा कि क्यों गहलोत जी क्या आप भी यही सोचते हैं कि यह सब तो चलता रहता है, ऐसे मामलों पर ज्यादा ध्यान देना नहीं चाहिए? शेखावत ने कहा कि मंत्री टीकाराम जूली की संवेदना और कर्तव्य बोध का निर्णय अब जनता को ही करना होगा.