भोपालगढ़ (जोधपुर). जोधपुर जिले के भोपालगढ़ क्षेत्र में गुरुवार रात को जमकर बारिश हुई है. उपखंड के भोपालगढ़, रतकुड़िया, नांदिया प्रभावती, अरटिया खुर्द, कुड़ी, बागोरिया क्षेत्र में सावन के आखिरी सप्ताह में मानसून की अच्छी बारिश होने से मुरझाई फसलों को नया जीवन मिला है, जिससे किसानों के चहरे खिल उठे हैं.
गौरतलब है कि सावन के महीने में हमेशा हरियाली नजर आती रही है. वहीं, इस साल यहां दिन में चिलचिलाती धूप के कारण हजारों हेक्टेयर खेतों में खड़ी फसलें चौपट होने के कगार पर पहुंच गई थी. सावन के महीने में मानसून की अच्छी बारिश नहीं होने से यहां खेतों में खड़ी फसलें मुरझाने लगी थीं, लेकिन गुरुवार को क्षेत्र के कुछ इलाकों में अच्छी बारिश होने से किसानों के चेहरे पर छाई मायूसी पर थोड़ा विराम लग गया है.
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बता दें कि भोपालगढ़ उपखंड के हजारों किसान परिवार इस साल कोरोना महामारी और टिड्डी हमले से भी परेशान है. इस बीच जुलाई के पहले सप्ताह में मानसून की नाम मात्र की बरसात हुई. 10 दिन पहले हुई हल्की बारिश से किसान खेत में मूंग, बाजरा, तिल, ज्वार और मूगंफली की फसलों की निराई-गुड़ाई में लग गए थे, लेकिन अब तक अच्छी बारिश नहीं होने से उनकी चिंता बढ़ रही थी. चारों ओर किसानों के मन में अकाल का डर सताने लगा था. सावन के महीने में कम बारिश होने से पशुओं के सामने चारे का संकट भी मंडराने लगा था. इस विकट परिस्थिति में हुई मानसून की पहली अच्छी बारिश ने किसान के चेहरों पर रौनक लौटा दी है.
टिड्डियों के बच्चे को लेकर विशेष निर्देश
भोपालगढ़ में किसानों के लिए देय सुविधाओं मे कृषि एवं उद्यान विभाग से कई प्रकार की योजनाएं चल रही हैं. इन योजनाओं मे इस वर्ष विभिन्न कृषि कार्य स्वीकृत है, जिनमें किसानों को कार्य समय पर पूर्ण कराने को लेकर स्थानीय कृषि कार्यालय भोपालगढ़ मे क्षेत्र के कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों ने विस्तृत बैठक कर चर्चा की.
सहायक कृषि अधिकारी विस्तार भोपालगढ़ रामप्रकाश जाखड़ ने कहा कि जहां टिड्डीयों ने अंड्डे दिए हैं, वहां पर फांका निकलना सम्भावित है, जहां भी इस तरह के टिड्डीयों के फांका नजर आए तो सूचना साझा करना जरूरी है. हाल ही में दो-तीन गांव में फांका निकलने की सूचना मिली थी. तुरन्त नियंत्रण का कार्य किया गया. साथ ही किसानों से भी आग्रह किया गया है कि टिड्डी फांका नजर आने की सुचना अवश्य दी जाए.
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खरीफ फसलों मे निराई-गुड़ाई कार्य का महत्व है इसे प्राथमिकता देना जरूरी है. सहायक कृषि अधिकारी उद्यान नासिर खिलजी ने कहा की जिले में वर्ष 2020-21 मे प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना में सौर उर्जा एवं प्याज भण्डारण पत्रावलियां स्वीकृत हुई. उन किसानों को समयावधि में कार्य पूर्ण कर पत्रावलियां कार्यालय में प्रस्तुत करने और सामुदायिक जल संग्रहण ढांचा और एकल फार्म पौण्ड पर राष्ट्रीय बागवानी मिशन में नवीन बगीचा स्थापित किया जाना था. शेष रहे किसान बगीचा और बूंद-बूंद संयत्र स्थापित करने के लिए ऑनलाइन पत्रावलियां कार्यालय में प्रस्तुत की जाए.
कृषि पर्यवेक्षक उद्यान रफीक अहमद कुरैशी ने बताया कि उद्यान विभाग की विभिन्न देय योजनाओं में पत्रावलियां स्वीकृत है, उन कार्य को समय पर पूर्ण कराने की सलाह किसानों को दी जा रही है. कृषि एवं उद्यान विभाग में विभिन्न योजनाओं में कृषि उद्यानिकी कार्य स्वीकृत है. समय पर कार्य पूर्ण पश्चात सम्बंधित व्यय दस्तावेज कार्यालय में प्रस्तुत किए जाने की समीक्षा कर विस्तृत चर्चा की. इस दौरान कृषि पर्यवेक्षक देवातड़ा कर्णसिह चौहान, कृषि पर्यवेक्षक बागोरीया अकबर बोरूंदिया, कृषि पर्यवेक्षक रामपुरा गजेदान चारण, कृषि पर्यवेक्षक बुड़कीया किरण सहित कृषि अधिकारी मौजूद रहे.
रामदेव गौशाला सेवा समिति द्वारा पौधरोपण कार्यक्रम
भोपालगढ़ उपखंड क्षेत्र के दाड़मी गांव में शुक्रवार सुबह श्री रामदेव गौशाला सेवा समिति द्वारा संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग जोधपुर के आदेश अनुसार पशुपालन विभाग एवं गौशाला सेवा समिति के तत्वधान में विभिन्न प्रकार के छायादार और फलदार 71 पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण संदेश दिया गया. इनमें शीशम, इमली, खारी बादाम, आम, गुलमोहर, केरुन्दा कद पौधे लगाए गए हैं. पशुपालन विभाग के चिकित्साधिकारी डॉ. कमलदीप वक्तस और भोपालगढ केंद्र के नोडल चिकित्सा अधिकारी मनीष राजपुरोहित ने गौशाला प्रांगण में अपने हाथों से पौधरोपण अभियान का शुभारंभ किया.
साथ ही कहा कि बारिश के मौसम में पेड़-पौधे आराम से पनपते हैं, हर व्यक्ति को अपने आसपास खाली पड़ी जगह पर अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करना चाहिए. पेड़ पौधे ही धरती के असली श्रंगार के रूप होते हैं. इस दौरान गौशाला स्टाफ द्वारा इनके सार संभाल की पूर्ण जिम्मेदारी भी ली गई. संस्था द्वारा ट्री गार्ड भी लगा दिया गया है. इससे भविष्य में गायों को छाया प्रदान होगी, प्राकृतिक संतुलन बनेगा और प्राकृतिक सौंदर्य बढ़ेगा. इस मौके पर वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों ने मौसमी बीमारी से बचाव के लिए संपूर्ण गोवंश के लिए टीकाकरण का सुझाव दिया.