जोधपुर. लंबे समय तक सर्वर की परेशानी से झूज रहे लोगों को अब राहत मिली है. जोधपुर एम्स प्रशासन ने अब घर बैठे लोगों को ओपीडी के लिए अपनी आईडी बनाने की नई व्यवस्था लागू कर दी है, जिससे अब लंबी कतारों में नहीं लगना होगा. लोग घर से ही आभा आईडी जनरेट कर सीधे जल्द रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे. आभा रजिस्ट्रेशन करवाने वाले लोगों के लिए एम्स में अलग से विशेष काउंटर भी लगाया है.
दरअसल, जोधपुर एम्स में पहले जो सॉफ्टवेयर चल रहा था, उसमें लगातार परेशानी आ रही थी. जिसके चलते लोगों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन लगभग ठप हो गया था. इतना हीं नहीं, एम्स पहुंचने पर भी सर्वर की परेशानी के चलते लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा था. एम्स प्रबंधन के अनुसार एम्स ने अब सीडीएसी-एसआईएस प्रणाली को अपनाया है और आभा आईडी वाले रोगियों के लिए अलग पंजीकरण काउंटर शुरू किए हैं.
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ऐसे मरीज अब घर पर आभा-आईडी बनाकर एम्स में पंजीकरण के लिए आभा काउंटर पर जा सकेंगे. नई प्रणाली स्वचालित रूप से आभा-आईडी से जानकारी प्राप्त करती है. रोगी के पंजीकरण के समय को काफी हद तक कम कर देती है. इससे एम्स ओपीडी में मरीजों की लाइनें कम हो गई हैं. एम्स में आने वाले मरीजों के लिए ओपीडी में अलग-अलग फ्लोर पर कई आभा काउंटर लगाए गए हैं.
आभा आईडी वालों के लिए अलग से काउंटर : एम्स प्रशासन ने मरीजों को आभा आईडी बनाने में मदद करने के लिए नर्सिंग अधिकारियों और वार्ड बॉय को विशेषरूप से प्रतिनियुक्त किया है. जिनके पास पहले से आभा आईडी हैं, उन्हें सीधे रजिस्ट्रेशन काउंटर पर भेजा जाता है. प्रशासन ने ऐसे व्यक्तियों, जिनके पास वर्तमान में आभा आईडी बनाने का कोई साधन नहीं है, उनके लिए भी अलग से मैनुअल काउंटर की व्यवस्था की है. सीडीएसी, जो आभा-आईडी के साथ संगत है, एम्स पंजीकरण को राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के साथ जोड़ता है.
यह है आभा आईडी : आभा आईडी (आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट - आईडी) है. जिसके 14 अंकों की संख्या की आईडी मिलती है. जो भारत के डिजिटल हेल्थकेयर ईको सिस्टम में व्यक्ति की पहचान करती है. मरीज को अपनी आभा आईडी बनाने के लिए केवल एक स्मार्टफोन और आधार नंबर की आवश्यकता होती है. मरीज https://healthid.ndhm.gov.in/register पर लॉग इन कर सकते हैं और वैध फोटो पहचान पत्र के माध्यम से अपनी आभा-आईडी जनरेट कर सकते हैं.