जोधपुर. सूर्यनगरी में चल रहे पश्चिमी राजस्थान हस्तशिल्प उत्सव मेले में यूं तो कई नए नवाचार हैं. जोधपुर के प्रसिद्ध मॉन्यूमेंट की रिप्लिका भी यहां नजर आती है. लेकिन इन सबके बीच एक महत्वपूर्ण स्थान पर विकास प्रदर्शनी नाम से डोम लगा है. इसमें गहलोत सरकार की ओर से कराए गए विकास कार्यों की जानकारी दी गई (Development exhibition in Jodhpur) है.
इस मेले में ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि सीएम अशोक गहलोत ने जोधपुर के लिए क्या-क्या किया है, वह जनता को प्रदर्शनी के माध्यम से बताया जा रहा है. इसकी वजह है चुनावी साल. इस मेले में हर दिन हजारों की तादाद में लोग आते हैं. जिनकी नजर इस विकास प्रदर्शनी पर जाती भी है. प्रदर्शनी में लोगों के बैठने के लिए जगह भी रखी गई है. लोगों का कहना है कि शहर में कई क्षेत्रों में काम हुए हैं. विशेषकर शिक्षा के क्षेत्र में बड़े काम गहलोत ने करवाए हैं. मेले का आयोजन उद्योग विभाग, मरूधरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की संयुक्त मेजबानी में हो रहा है.
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सारा जतन सरकार रिपीट के लिए: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार इस बात को लेकर गंभीर हैं कि प्रदेश में हर पांच साल में सरकार बदलने का क्रम रुक जाए. इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की लगातार दूसरी बार सरकार बने. इस मंशा को वे सार्वजनिक रूप से भी जाहिर कर चुके हैं. इस मेले के उद्धाटन में भी उन्होंने गोविंद डोटासरा द्वारा जोधपुर में कांग्रेस की इस बार स्थिति सुधारने की नसीहत का समर्थन करते हुए कहा कि था जोधपुर के लिए काम तो बहुत हुए हैं. लेकिन सीटें शेखावाटी से ज्यादा आती हैं. गहलोत ने खुद को घर का जोगी जोगणा तक बता दिया था. आयोजन से जुड़े लोगों ने बताया कि सीएम के निकटस्थ लोगों की सलाह पर ही जोधपुर में हुए कामों की प्रदर्शनी इस बार लगाई गई है.
काम की है लंबी फेहरिस्त: अशोक गहलोत 1998 से लगातार सरदारपुरा से विधायक चुने जा रहे हैं. इस दौरान वे तीसरी बार सीएम बने हैं. अपने तीनों कार्यकाल में गहलोत ने जोधपुर को बड़ी सौगातें दी हैं. इनमें आईआईटी, निफ्ट, एफडीडीआई, एनएलयू, सरदार पटेल पुलिस युनिवर्सिटी, आयुर्वेद विश्वविद्यालय और अब फिंटेक संस्थान. इसके अलावा शहर के विकास के लिए कई काम हुए हैं. सभी आरओबी गहलोत के कार्यकाल में ही बने हैं. इस बार नया आडिटोरियम, केंद्रीयकृत बस स्टेंड, डेंटल कॉलेज, कैंसर इंस्टीट्यूट बन रहे हैं.
लेकिन सीटें कभी नहीं मिली पूरी: अशोक गहलोत पहली बार जब सीएम बने थे, तब प्रदेश में कांग्रेस को 153 सीटें मिली थीं. लेकिन जोधपुर जिले की फलौदी सीट कांग्रेस नहीं जीत पाई थी. इसके बाद 2008 में चुनाव हुए. गहलोत सीएम बने, लेकिन उस समय जोधपुर शहर की तीनों सीटें कांग्रेस नहीं जीत सकी थी. 2018 में चुनाव में भी तमाम प्रयास के बाद भी गहलोत सभी 10 सीटें नहीं जीत सके. सिर्फ 7 सीटें ही कांग्रेस जीत पाई.